छत्तीसगढ़ / बिलासपुर

बिलासपुर। केंद्रीय विद्यालय के छात्र छह वर्षीय सिद्धार्थ शर्मा का नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड तथा एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है।

रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मिरथी का तृतीय सर्ग, यह प्रदीप जो दिख रहा है तथा शक्ति और क्षमा, जयशंकर प्रसाद की कविता हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, सोहनलाल द्विवेदी की कविता लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, दुष्यंत कुमार की गजल हो गई है पीर पर्वत-सी, अटल बिहारी वाजपेयी की कविता कदम मिलाकर चलना होगा, माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा, हरिवंशराय बच्चन की कविता अग्निपथ, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की कविता वीर तुम बढ़े चलो, नागार्जुन की कविता अकाल और उसके बाद, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की कविता जागो प्यारे, केदारनाथ अग्रवाल की कविता जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है, शिवमंगल सिंह सुमन की कविता तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार, सुजश कुमार शर्मा की कविता आखिर क्या है सत्य तथा स्वरचित कविता मुझे तो सब अच्छा लगता है, का एक साथ सिद्धार्थ शर्मा द्वारा काव्य प्रस्तुति दी गई। इसे इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है। इस रिकार्ड को एशिया बुक आफ रिकार्ड में भी दर्ज किया गया है।


सिद्धार्थ शर्मा को उनकी विलक्षण प्रतिभा के कारण इसके पूर्व चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में द चाइल्ड प्रोडिजी एवार्ड-2022 से अलंकृत किया जा चुका है। द चाइल्ड प्रोडिजी संस्था ने उन्हें विश्व के 100 विलक्षण प्रतिभा संपन्न बालकों में से एक माना है। सिद्धार्थ को छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज रायपुर के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालक सम्मान-2022 से भी सम्मानित किया गया है। रेलवे भर्ती बोर्ड बिलासपुर एवं अन्य मंचों द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनों में उनके द्वारा काव्य पाठ किया जा चुका है।

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