संस्कृति

जाने नरक चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि

 बुधवार के दिन नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली का त्योहार पूरे देश भर में मनाया जाएगा। नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन यम का दीपक जलाया जाता है। कहते हैं कि इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।

नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर का वध कर उसकी कैद से लगभग 16 हजार महिलाओं को मुक्ति दिलाई थी। तभी से नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन कुछ उपाय अपनाने से धन से जुड़ी सभी समस्याएं समाप्त होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में-

नरक चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त

नरक चतुर्दशी का त्योहार इस बार 30 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 5 बजकर 41 मिनट से 7 बजे तक रहेगा। वहीं अभ्यंग स्नान चतुर्दशी तिथि में 31 अक्टबर को सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 47 मिनट के बीच किया जाएगा।

उबटन लगाना होता है शुभ

ज्योतिषयों के अनुसार, छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सबसे पहले उबटन लगाएं और फिर नहाने के पानी में नीम के पत्ते डाल कर स्नान करें। कहते है इस दिन ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है।

मां काली की पूजा करना भी बड़ा शुभ

छोटी दिवाली को काली चौदस भी कहा जाता है और कई जगहों पर कालिका माता की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कालिका माता की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मां कालिका भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं।

महादेव शिव को पंचामृत अर्पित करें

इस दिन ही शिव चतुर्दशी भी होती हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व पार्वती को पंचामृत अर्पित किया जाता है और ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

हनुमान जी की पूजा करना भी बड़ा शुभ

नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली के दिन पवन पुत्र हनुमान जी जयंती भी होती है और इसलिए जो भी जातक इस दिन हनुमान की पूजा करता है उसे अपने जीवन में हर तरह के भय से राहत मिलती हैं। साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता हैं। इसलिए इस दिन
हनुमान जी की पूजा करना न भूलें।

Leave Your Comment

Click to reload image