वायनाड में भयंकर भूस्खलन 96 लोगो की मौत कई लोग घायल , ISRO ने दी थी चेतावनी
केरल के वायनाड में आए भयंकर भूस्खलन ने एक बड़े इलाके में सैकड़ों परिवारों को बर्बाद कर दिया, और इस डिजास्टर में मारे गए लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब इस हादसे के बाद कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या सरकारी एजेंसीज और विशेषज्ञों की चेतावनी को नज़रअंदाज़ किया गया? वायनाड में जो भयंकर डिज़ास्टर हुआ क्या उससे स्थानीय लोगों को बचाया जा सकता था? क्या जब इस इलाके में 29 जुलाई की रात से तेज़ बारिश शुरू हुई तो स्थानीय लोगों को चेतावनी जारी की गयी थी वो सुरक्षित जगहों पर चल जाएं? ऐसे कई सवाल हैं, जो लोगों के मन में इस वक्त चल रहे हैं. आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं.
ISRO ने दी थी चेतावनी
पिछले साल ISRO ने एक मैप जारी कर आगाह किया था. इसरो ने बताया था कि देश के 30 जगहों पर भूस्खन की संभावना है, जिनमें 10 सिर्फ केरल में हैं. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल एंड पब्लिक हेल्थ के मुताबिक 1950 से 2018 के बीच वायनाड में 62 फीसदी तक जंगल गायब हो गए.
भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. नरेश कुमार ने मीडिया से कहा, "29 जुलाई को केरल के वायानाड और आसपास के इलाकों में औसत से काफी ज्यादा बारिश हुई. 29 जुलाई को हमने वायनाड में 34 सेंटीमीटर तक बारिश रिकार्ड की जो औसत से काफी ज्यादा है. आज भी हमने केरल के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस इलाके में 12 से 20 सेंटीमीटर तक आज बारिश होने की संभावना है. वायनाड और आसपास के जिलों में भारी बारिश की संभावना है. केरल तट के आसपास एक सरकुलेशन भी बन रहा है".