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सिद्धू मूसेवाला की आज पहली बरसी, जाने कुछ उनके बारे में

सिद्धू मूसेवाला की आज पहली बरसी:-

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को 1 साल हो गया है. आज यानी सोमवार को मूसेवाला की पहली बरसी है. इस मौके पर मूसेवाला का परिवार और चाहने वाले उसे याद कर रहे हैं. पंजाब पुलिस सिद्धू की हत्या के मामले में 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. कुल 34 आरोपी नामजद हैं. हत्या का मास्टरमाइंड लारेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ को बताया गया है.

सिद्धू मूसेवाला के बारे में कुछ:-

- सिद्धू मूसेवाला भारतीय पंजाबी गायक और गीतकार रह चुके हैं। उनका असली नाम सुरिंदर सिंह सिद्धू है। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1963 को पंजाब, भारत में हुआ।

सिद्धू मूसेवाला की प्रशंसा उनकी पंजाबी लोक संगीत के लिए की जाती है। उन्होंने अपनी करियर में कई लोकप्रिय और मशहूर गाने गाए हैं, जिनमें "इक कुड़ी", "ढोल जट्टी", "जहाज़", "सूरमा", "माधनी", "पंजाबी घरांवाले" आदि शामिल हैं। उनकी गायकी और लिखे गए गीतों की खासियत उनके वीरता, पंजाबी संस्कृति, और देसी टच के साथ होती है।

सिद्धू मूसेवाला की मृत्यु 29 मई, 2022 को हुई थी। वे हत्या के शिकार हुए थे। हत्या के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ आरोपियों को भी नामजद किया गया है। हत्या का मास्टरमाइंड लारेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ के रूप में जाना जाता है।

 

सिद्धू मूसेवाला (Surinder Singh Siddhu) पंजाब, भारत में जन्मे भारतीय पंजाबी गायक, गीतकार और संगीत प्रोड्यूसर रह चुके हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1963 को हुआ था।

सिद्धू मूसेवाला ने अपनी करियर में पंजाबी लोक संगीत के क्षेत्र में अद्वितीय पहचान बनाई है। उन्होंने अपने संगीत के माध्यम से पंजाबी संस्कृति, जाटी भाषा, और देसी टच को महसूस कराया है। उनके गाने जनसमूहों में खासा प्रशंसा प्राप्त करते हैं और उन्हें "बॉलीवुड दे गाने दे राजा" कहा जाता है।

सिद्धू मूसेवाला ने अपने करियर के दौरान कई मशहूर और लोकप्रिय गाने गाए हैं, जिनमें "इक कुड़ी", "ढोल जट्टी", "जहाज़", "सूरमा", "माधनी", "पंजाबी घरांवाले" आदि शामिल हैं। उन्होंने अपनी गायकी और गीत लेखन कौशल के लिए बहुत प्रशंसा प्राप्त की है।

सिद्धू मूसेवाला का बचपन:-

सिद्धू मूसेवाला का बचपन पंजाब, भारत में बिता। वे छोटे से ही गायन और संगीत में रुचि रखते थे। उनके परिवार ने उनकी प्रतिभा का समर्थन किया और उन्हें संगीत की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। उनके माता-पिता ने उन्हें संगीत की शिक्षा दिलाने के लिए गुरु के पास भेजा।

सिद्धू मूसेवाला का बचपन गांवी और पंजाबी संस्कृति में ढूंढ़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने अपने गांव के लोगों के साथ समय बिताया और उनके संगीत के माध्यम से लोगों को एकसाथ लाने का प्रयास किया। इस प्रकार, उन्होंने अपनी भूमिका में संगीत के माध्यम से समाज में एक गहरा प्रभाव डालने की शुरुआत की।

सिद्धू मूसेवाला के बचपन का यह समय उनकी संगीत की रूचि को बढ़ावा देने में मददगार साबित हुआ। वे बचपन से ही एक सफल और प्रमुख पंजाबी गायक बनने की दिशा में अग्रसर थे।

सिद्धू मूसेवाला की अंतिम विदाई 18 जून 2021 को हुई थी। उनका निधन इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। वे एक दरबार में प्रवेश कर रहे थे जब एक व्यक्ति ने उन पर दो गोलियां चला दीं। सिद्धू मूसेवाला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनके जीवन को बचाने का प्रयास नाकाम रहा और उनकी मौत हो गई।

जाने किसकी किसकी गिरफ़्तारी  हुई  है :- 

जाब पुलिस ने इस हत्याकांड के मामले में 25 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार किए हैं जबकि 34 आरोपी नामजद हैं. पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है. 29 मई ,2022 को मानसा में सिद्दू की थार कार पर 2 कारों में सवार शूटरों ने 30 राउंड से ज्यादा फायरिंग की थी, जिसमें सिद्धू मूसेवाला को 19 गोलियां लगी थीं. नाबालिग शूटर ने मूसेवाला को 6 गोलियां मारी थीं. इस मामले में विदेश में बैठे गैंगस्टर सचिन विश्नोई और गोल्डी बराड़ अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

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