देश-विदेश

116वें भाग में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को बताया वैश्विक आज मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने

 पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को संबोधित किया। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया गया। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों पर किया गया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मन की बात कार्यक्रम को अलग-अलग जगहों से सुना। पीएम मोदी ने कहा कि आज एनसीसी दिवस है। मैं स्वयं ही एनसीसी कैडेट रहा हूं। एनसीसी युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा की भावना पैदा करती है। जब भी कहीं आपदा होती है तो वहां मदद के लिए एनसीसी के कैडेट्स जरूर मौजूद होते हैं। आज एनसीसी को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। अब एनसीसी में गर्ल्स कैडेट्स की संख्या 40 प्रतिशत अधिक हो गई है।

खास तरीके से मनाई जाएगी विवेकानंद जयंती
पीएम मोदी ने कहा कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती पर इस बार इसे खास तरीके से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 11 और 12 जनवरी को भारत मंडपम में युवाओं का महाकुंभ होने जा रहा है। इसमें करोड़ों युवा भाग लेंगे। आपको याद होगा कि मैं लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान किया है, जिनके परिवार का कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है। ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। इसमें देश और विदेश से एक्सपर्ट आएंगे। मैं भी इसमें ज्यादा से ज्यादा उपस्थित रहूंगा। देश इन आइडियाज को कैसे आगे लेकर जा सकता है, इसका एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। देश की भावी पीढ़ी के लिए ये एक बड़ा मौका आने वाला है।

निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रहे युवा
पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात में अक्सर ऐसे युवाओं की चर्चा करते हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे कई युवा हैं जो लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं। लखनऊ के विरेंद्र अपने क्षेत्र के बुजुर्गों की टेक्नॉलॉजी के मामले में जागरूक कर रहे हैं। कई शहरों में युवा बुजुर्गों को डिजिटल क्रांति में भागीदार बनाने के लिए आगे आ रहे हैं। भोपाल के महेश ने कई बुजुर्गों को मोबाइल से पेमेंट करने के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट से बचाने के लिए भी युवा लोगों को जागरूक कर रहे हैं। पिछले एपिसोड में मैंने चर्चा की थी। इस तरह के अपराध के शिकार ज्यादातर बुजुर्ग ही बनते हैं। हमें लोगों को समझाना होगा कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी प्रावधान नहीं है। मुझे खुशी है कि युवा साथी इस काम में हिस्सा ले रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।

किताबों से बढ़ाइये दोस्ती
पीएम मोदी ने कहा कि आज कल बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई प्रयोग हो रहे हैं। कहते हैं भी हैं कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। अब इस दोस्ती को मजबूत करने के लिए लाइब्रेरी से अच्छी जगह और क्या होगी। चेन्नई में बच्चों के लिए ऐसी लाइब्रेरी तैयारी की गई है, जो अब क्रिएटिविटी का सेंटर बन चुकी है। इसमें 3000 से अधिक किताबें हैं। इसके अलावा इसमें कई तरह की एक्टिविटी भी बच्चों को लुभाती है। इसमें हर किसी के लिए कुछ ना कुछ जरूर है। बिहार में गोपालगंज के प्रयोग लाइब्रेरी की चर्चा कई शहरों में हो रही है। इससे करीब 12 गांव के युवाओं को किताबें पढ़ने की सुविधा मिलने लगी है। कुछ लाइब्रेरी ऐसी हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों के काम आ रही हैं। आप भी किताबों से दोस्ती बढ़ाइये और देखिए कैसे आपके जीवन में बदलाव आता है।

दुनिया भर के दर्जनों देशों में भारतीय मूल के लोग
पीएम मोदी ने कहा कि परसों रात मैं गयाना से लौटा हूं। गयाना में भी एक मिनी भारत बसता है। लगभग 180 साल पहले गयाना में भारत के लोगों को मजदूरी के लिए ले जाया जाता था, आज भारतीय मूल के लोग हर क्षेत्र में गयाना का नेतृत्व कर रहे हैं। वहां के राष्ट्रपति भी भारतीय मूल के हैं। जब मैं गयाना में था तब मेरे मन में एक विचार आया था। गयाना की तरह ही दुनिया के दर्जनों देशों में लाखों भारतीय मूल के लोग रहते हैं। क्या आप ऐसे लोगों की कहानियां खोज सकते हैं कि भारतीय मूल के लोग अपनी विरासत को अन्य देशों में जीवित रखा। आप इन कहानियों को खोजें और मेरे साथ शेयर करें।

इतिहास संजोने के लिए चलाया जा रहा प्रोजेक्ट
पीएम मोदी ने कहा कि आपको ओमान में चल रहे एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्रोजेक्ट भी दिलचस्प लगेगा। कई भारतीय प्रवासी परिवार ओमान में रह रहे हैं। इनमें से कई के बाद ओमान की नागरिकता है, लेकिन भारतीयता उनकी रग-रग में बसती है। इनसे जुड़े दस्तावेजों को जुटाया गया है। ओरल हिस्ट्री प्रोजेक्ट भी इसी का आधार है। इसमें वहां के वरिष्ठ लोगों ने अपने अनुभव साझा किया है। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट भारत में भी हो रहा है। इसके तहत इतिहास प्रेमी देश के विभाजन काल के दौरान के लोगों के अनुभव संग्रह कर रहे हैं। आज ऐसे लोग बहुत कम ही बचे हैं जिन्होंने उस काल को देखा था। जो देश अपने इतिहास को संजो कर रखता है, उसका भविष्य भी अच्छा होता है। देश में ऐसी ही कई अन्य प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। आप भी इसमें सहयोग कर सकते हैं। स्लोवाकिया में पहली बार स्लोवाक भाषा में हमारे उपनिषदों को अनुवाद किया गया है। हम सभी के लिए ये गर्व की बात है कि दुनियाभर में करोड़ों लोग हैं, जिनके हृदय में भारत बसता है।

पांच महीने में लगाए गए 100 करोड़ से ज्यादा पेड़
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले हमने एक पेड़ मां के नाम अभियान शुरू किया था। इस अभियान ने 100 करोड़ पेड़ लगाने का पड़ाव पार कर लिया है, वो भी सिर्फ पांच महीने में। इससे जुड़ी एक और बात जानकर आपको गर्व होगा कि ये अभियान अब दुनिया के दूसरे देशों में भी फैल रहा है। गयाना में भी मेरे साथ गयाना के राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ एक पेड़ मां के नाम अभियान में शामिल हुए। देश के अलग-अलग हिस्सों में ये अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर में 24 घंटे में 12 लाख पेड़ लगाए गए। जैसलमेर में एक अनोखा रिकॉर्ड बना। यहां महिलाओं की एक टीम ने 1 घंटे में 25 हजार पेड़ लगाया। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत कई सामाजिक संस्थाएं पेड़ लगा रही हैं। उनका प्रयास है कि जहां पेड़ लगाए जाएं वहां पूरा इको सिस्टम डेवलप हो। इस अभियान से जुड़कर कोई भी व्यक्ति अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगा सकता है। मां का ऋण हम कभी नहीं चुका सकते हैं, लेकिन एक पेड़ लगाकर हम उनकी उपस्थिति को जीवंत बना सकते हैं।

बायो डायवर्सिटी में गौरैया का अहम योगदान
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी ने बचपन में गौरैया को देखा होगा। हमारे आसपास बायो डायवर्सिटी को बनाए रखने में गौरैया का अहम योगदान होता है। बढ़ते शहरीकरण की वजह से गौरैया हमसे दूर चली गई है। आज की पीढ़ी के बच्चे सिर्फ तस्वीरों में इस पक्षी को देखा है। अब इस पक्षी की वापसी के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। आप भी अपने आसपास प्रयास करेंगे तो गौरैया हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएगी।

स्वच्छता अभियान में करें सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि आपने देखा होगा, जैसे ही कोई कहता है सरकारी दफ्तर तो आपके मन में फाइलों के ढेर की तस्वीरें बनती हैं। ऐसी दशकों पुरानी फाइलों को हटाने के लिए एक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसके परिणाम भी सामने आए हैं। जहां स्वच्छता होती है, वहां लक्ष्मी जी का वास होता है। मुंबई की दो बेटियां, अक्षरा और प्रकृति कतरन से फैशन का सामान बना रही हैं। इनकी टीम कपड़ों के कचरे को फैशन के प्रोडक्ट में बदलती हैं। साफ-सफाई को लेकर कानपुर में भी कुछ लोग रोज मॉर्निंग वॉक पर निकलते हैं और कचरे को उठा लेते हैं। पहले इसमें कुछ लोग ही जुड़े थे, लेकिन अब ये बड़ा अभियान बन गया है। छोटे प्रयासों से बड़ी सफलता मिलती है, इसका उदाहरण असम की इतिशा भी है। वह अरुणाचल की शांति घाटी को साफ बनाने में जुटी हैं। उनके ग्रुप के लोग वहां आने वाले पर्यटकों को जागरूक करती हैं। ऐसे प्रयासों से भारत के स्वच्छता अभियान को गति मिलती है।

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