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शनिवार को चेटोरौक्स में 211.1 के साथ तीसरे स्थान पर रही भारत की रुबीना फ्रांसिस

 भारतीय पैरा-शूटर रुबीना फ्रांसिस ने शनिवार को चेटोरौक्स में 211.1 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहकर महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल में कांस्य पदक हासिल किया. रुबीना ईरान की सरेह जावनमार्डी और तुर्की की आयसेल ओज़गन से पीछे रहीं जिन्होंने क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक प्राप्त किया. फ्रांसिस ने मजबूत शुरुआत की और चरण 1 के बाद 50 अंकों के साथ सरेह से केवल .1 अंक पीछे दूसरे स्थान पर थीं, लेकिन उनके दूसरे चरण के प्रदर्शन में गिरावट के कारण वह पोडियम स्थान से बाहर हो गईं.

रुबीना फ्रांसिस ने भारी दबाव के बावजूद 14वें से 21वें प्रयास में नौ अंक के निशान के बाहर एक भी शॉट नहीं लगाया और मुकाबले में वापसी की राह पकड़ ली. उन्होंने तुर्की की आयसेगुल पहलीवनलार को सडन डेथ में हराकर तीसरा स्थान हासिल किया. बता दें, रुबीना पैरालंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पिस्टल निशानेबाज हैं. क्वालीफिकेशन राउंड में ईरान की सरेह जावनमार्डी ने कुल 570 अंकों के साथ हंगरी की क्रिस्टीना डेविड (567-17x) और फ्रांस की गेल एडोन (567-16x) से आगे शीर्ष स्थान हासिल किया था.

भारत को निशानेबाजी में मिला चौथा पदक
रुबीना फ्रांसिस की जीत मौजूदा पैरालंपिक में निशानेबाजी में भारत का चौथा पदक है. उनसे पहले राजस्थान की अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीते और पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 में मनीष नरवाल ने 234.9 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता. पेरिस पैरालंपिक में देश के कुल पांच पदक हो गए हैं , जिसमें पैरा-स्प्रिंटर प्रीति पाल का महिलाओं की 100 मीटर टी35 स्पर्धा में कांस्य पदक शामिल है.

गत चैंपियन और विश्व रिकार्ड धारी निशानेबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए 25 वर्षीय रूबिना ने कुल 211.1 अंक हासिल कर आठ महिलाओं के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था. एसएच1 वर्ग में वो पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के बंदूक संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं.

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