छत्तीसगढ़: साढ़े 3 हज़ार से ज्यादा कांटा झाड़ू बिके, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र जनकपुर के प्रगति समूह को मिला 40 हजार से ज्यादा का लाभ, पड़ोसी राज्यों तक पहुंच रहे छत्तीसगढ़ के कांटा झाड़ू
मनेन्द्रगढ़| सघन वनांचल कोरिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिए वनोपज आजीविका का महत्वपूर्ण माध्यम है। विभिन्न लघुवनोपज जैसे माहुल पत्ता, हर्रा कचरिया, बहेड़ा, रंगीनी लाख, बेलगुदा, चिरौंजी गुठली, महुआ फूल, इमली, सालबीज आदि के साथ यहाँ उत्तम गुणवत्ता के कांटा झाड़ू घास की भी प्रचुरता है। विकासखण्ड भरतपुर के जनकपुर की प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाएं कांटाझाड़ू घास संग्रहण द्वारा कांटा झाड़ू निर्माण कर आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही हैं।