रोचक तथ्य
विनोद कांबली की तबियत अचानक खराब : जाने पूरा मामला
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रह चुके विनोद कांबली की तबियत अचानक खराब होने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कांबली पिछले कुछ समय से अपनी बिगड़ी हुई तबीतय को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। वह कई महीनों से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रहे हैं। कांबली का हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह सही से चल नहीं पा रहे थे। वो सहारे के ज़रिए चल रहे थे। वीडियो में कांबली की हालत देखकर सभी हैरान रह गए थे। अब एक बार फिर से वो अपनी सेहत को लेकर सुर्ख़ियों में हैं। अचानक तबियत खराब होने की वजह से उन्हें थाने के प्रगति अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें, कंबली को पेशाब से जुड़ी समस्या है। विनोद कांबली ने एक यू ट्यूब चॅनेल को दिए इंटरव्यू में यह कहा है कि वो यूरिन इंफेक्शन की समस्या से पीड़ित हैं और इस वजह से वो बेहोश भी हो गए थे। ऐसे में चलिए जानते हैं बार-बार पेशाब आना कौन सी बीमारी का संकेत है?
बार-बार पेशाब आना है कौन सी बीमारी का संकेत?
मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई): मूत्राशय या मूत्रमार्ग को प्रभावित करने वाले जीवाणु संक्रमण बार-बार पेशाब आने के साथ-साथ दर्द, जलन और लगातार पेशाब की समस्या हो सकती है।
मधुमेह: टाइप 1 और टाइप 2 दोनों प्रकार के मधुमेह में बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि हाई ब्लड शुगर का स्तर किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, इस वजह से बार बार पेशाब होने की समस्या हो सकती है।
बढ़े हुए प्रोस्टेट: पुरुषों में, सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) मूत्र प्रणाली पर दबाव डाल सकता है और बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकता है, विशेष रूप से रात में।
गर्भावस्था: हार्मोनल परिवर्तन और बढ़ता हुआ गर्भाशय ब्लैडर पर दबाव डालता है, जिसके कारण बार-बार यूरिन होता है।
कैसे करें बचाव?
अगर आप यूरिन इंफेक्शन की समस्या से बचना चाहते हैं तो खूब सारा पानी पीना सबसे बेहतरीन विकल्प है। नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स को शरीर में कम नहीं होने देगा। अपनी डाइट बेहतर करें और कैफीन, शराब और मसालेदार भोजन करने से बचें
बढता हुआ ठण्ड त्वचा और बालों को भी पहुंचा रहा नुकसान, बचने के लिए पढ़े पूरी खबर
बढता हुआ ठण्ड त्वचा और बालों को भी पहुंचा रहा नुकसान, इन तरीको का प्रयोग कर आप अपनी त्वचा बाल को बढते ठण्ड में बचा सकते है
स्किन डिजीज के कारगर नुस्खे
रोजाना गोधन अर्क लें
नीम की 5-6 पत्तियां चबाएं
गेहूं के ज्वारे का रस पिएं
गिलोय का जूस रोज पिएं
कैसे खत्म होंगे पिंपल्स?
रोज आंवला खाएं
शीशम के पत्ते चबाएं
लौकी का जूस पिएं
3-4 लीटर पानी पिएं
30 मिनट प्राणायाम करें
सर्दी में ड्राइनेस से बचें
गुनगुने पानी से चेहरा धोएं
साबुन का इस्तेमाल कम करें
नारियल-बादाम का तेल लगाएं
नाभि में 4 बूंद तेल डालें
आएगा कुदरती निखार, खाने का रखें ख्याल
रोज एलोवेरा का जूस पिएं
अंकुरित चना-मूंगफली खाएं
तला खाने से बचें
तेज मसालों से परहेज करें
बादाम, मुनक्का, अंजीर और अखरोट खाएं
परफेक्ट स्किन का सीक्रेट
पसीना बहाएं
सादा खाना खाएं
समय से सोएं-उठें
खूब पानी पिएं
योग-मेडिटेशन करें
हंसें और खुश रहें
बाल झड़ने होंगे बंद
आंवला, एलोवेरा, व्हीट ग्रास जूस पिएं
बालों में एलोवेरा जेल लगाएं
नारियल तेल-करी पत्ता पकाकर लगाएं
बालों की जड़ों में प्याज का रस लगाएं
डैंड्रफ में कारगर
आंवला एलोवेरा का जूस रोज पिएं
बालों को खट्टी छाछ या मुल्तानी मिट्टी से धोएं
नारियल तेल में सुहागा, नीम का रस और नींबू मिलाकर लगाएं
सरसों या नारियल के तेल की मालिश करें
होममेड पैक, चांद सा चेहरा पाएं
एंटी एजिंग पैक
संतरे के छिलके और शहद
पिंपल पैक
गुलाब पंखुड़ी, दूध और हनी
ओपन पोर्स पैक
केला/पपीता, नीम, बादाम और चिरौंजी
एंटी इंफेक्शन पैक
हल्दी, एलोवेरा, नीम और मुल्तानी मिट्टी
झाइयों का पैक
पिसी लाल मसूर दाल और दही
नेचुरल हेयरपैक कैसे बनाएं?
त्रिफला चूर्ण
मुल्तानी मिट्टी
एलोवेरा
तीनों को मिक्स कर लें
आधा नींबू का रस डालें
पेस्ट बालों पर लगाएं
1 घंटे बाद सादे पानी से धो लें
मेथी-नारियल का तेल कैसे बनाएं?
100 ग्राम मेथी लें
500 ml नारियल का तेल लें
4 पत्ते एलोवेरा लें
मुट्ठी भर करी पत्ता लें
लोहे की कढ़ाई में मेथी भूनें
नारियल तेल, एलोवेरा, करी पत्ता डालें
आधा घंटा धीमी आंच पर उबालें
ठंडा होने पर छान लें
इन सभी का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरुर लेवे
रात को सोने से पहले लगाये चहरे पर कच्चा दूध, गुलाब जल, एलोवेरा जेल "जाने क्या होंगे फायदे
गुलाब जल
गुलाब जल को अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल करना आपकी त्वचा की सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। रात में सोने से पहले गुलाब जल को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं जिससे आपकी त्वचा पर मौजूद सारी की सारी गंदगी को रिमूव किया जा सके और आपकी स्किन को खोया हुआ निखार वापस लौट आए।
कच्चा दूध
कच्चे दूध में पाए जाने वाले तमाम तत्व आपकी स्किन के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। सोने से पहले कच्चे दूध को अपने फेस पर अप्लाई करना शुरू कर दीजिए। 2 स्पून कच्चे दूध को कॉटन बॉल की मदद से अपने चेहरे पर लगाएं और फिर फेस वॉश कर लीजिए। कच्चा दूध आपकी स्किन पर मौजूद डेड सेल्स को रिमूव कर आपकी त्वचा की रंगत को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है।
एलोवेरा जेल
दादी-नानी के जमाने से एलोवेरा जेल को त्वचा के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। रात में सोने से पहले एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाने से आपकी त्वचा मॉइश्चराइज्ड और हाइड्रेटेड रहने लगेगी। रेगुलरली इसे अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल करके आप अपने स्किन के ग्लो को बढ़ा सकते हैं।
लगाने से पहले अपने चिकत्सक की सलाह जरुर ले
जाने भारत में मोटापे के कारण को : पड़े पूरी खबर
दुनियाभर में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. जिस तरफ देखो, लोगों का पेट निकला हुआ नजर आता है. युवाओं से लेकर मिडिल एज के तमाम लोग मोटापे से जूझते हुए नजर आ रहे हैं. मोटापा कई बीमारियों की वजह बन सकता है, जिसकी वजह से मोटापे से बचने की सभी कोशिशें करनी चाहिए. अक्सर लोगों का सवाल होता है कि ज्यादा न खाने-पीने के बावजूद हर उम्र में मोटापा क्यों बढ़ रहा है? अगर आपके दिमाग में भी यह सवाल है, तो आज आपको इसका जवाब मिल जाएगा. अगर वक्त रहते आप अपनी गलत आदतों को बदल लेंगे, तो मोटापे से बचा जा सकता है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने हाल ही में भारत में बढ़ते मोटापे के बारे में चिंताओं को उजागर किया है. उन्होंने बताया कि अनहेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण देश में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है. मोटापा अब केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है. भारत में लाइफस्टाइल में बदलाव, खानपान की आदतों में बदलाव, शारीरिक गतिविधियों की कमी और बढ़ते तनाव के कारण ये बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं.
महिलाओं के पेट पर मोटापा ज्यादा !
एक स्टडी में पता चला है कि पेट का मोटापा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक है. जहां पुरुषों में यह प्रतिशत 12 है, वहीं महिलाओं में यह 40 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. विशेष रूप से 30 से 49 वर्ष की उम्र की महिलाओं में पेट के मोटापे की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. बुजुर्ग महिलाओं और नॉन वेजिटेरियन महिलाओं में इस समस्या के बढ़ने के संकेत स्पष्ट हैं. एक और चौंकाने वाली बात यह है कि पेट पर मोटापे की समस्या शहरी क्षेत्रों में ज्यादा कॉमन हो गई है और शहरों में रहने वाले लोगों को मोटापे का ज्यादा खतरा है.
कुपोषण से भी बढ़ रहा मोटापा !
एक रिसर्च में यह भी पता चला है कि ग्रामीण इलाकों में भी पेट का मोटापा बढ़ रहा है और यह समस्या निचले और मध्यम आय वर्ग के लोगों में भी देखने को मिल रही है. भारत में मोटापे को मापने के लिए पारंपरिक रूप से बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन एनएफएचएस-5 ने पहली बार महिलाओं और पुरुषों की कमर की परिधि को मापकर पेट के मोटापे का आकलन किया है. शोधकर्ताओं ने उन महिलाओं को सावधान होने की सलाह दी है, जो पेट के मोटापे से जूझ रही हैं.
चक्रवाती तूफान 'दाना' शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी तट और बंगाल के सागरद्वीप से टकराएगा :जाने पूरी खबर
चक्रवाती तूफान 'दाना' आज रात या शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी तट और बंगाल के सागरद्वीप से टकराएगा. इस दौरान इसकी रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. इस खतरे से निपटने के लिए राज्यों में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है. वहीं, तूफान 'दाना' का असर कई राज्यों में अभी से सामने आने लगा है. कुछ ईलाकों में बारिश हो रही है. वहीं तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. ओडिशा चक्रवात दाना के मद्देनजर 10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का लक्ष्य है. यह चक्रवात राज्य के तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है और इससे राज्य की लगभग आधी आबादी के प्रभावित होने का खतरा है.
बालासोर, कटक समेत कई जिलों में रेड अलर्ट जारी : मोहंती
चक्रवात 'दाना' के बारे में आईएमडी की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि यह उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और आज मध्यरात्रि और 25 अक्टूबर की सुबह के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट को भितरकनिका के बहुत करीब से पार करेगा. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हवा की गति 100-110 किमी प्रति घंटे से लेकर 120 किमी प्रति घंटे तक होगी. इसको देखते हुए मयूरभंज, बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, कटक और जाजपुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है.
3 लाख से ज़्यादा लोगों को निकाला जा चुका है : माझी
चक्रवात 'दाना' के आने से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि हमारा लक्ष्य शून्य जनहानि है. 100 प्रतिशत निकासी सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है. अब तक 3 लाख से ज़्यादा लोगों को निकाला जा चुका है. 2,300 से ज़्यादा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि 7000 से ज़्यादा चक्रवात आश्रय स्थल तैयार हैं. पर्याप्त चिकित्सा और पशु चिकित्सा दल भी तैनात किए गए हैं. लोगों को सुरक्षा का एहसास दिलाने के लिए पुलिस तैनात की गई है. बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला अस्पतालों में डीजी सेट, जेनसेट और इनवर्टर तैनात किए गए हैं. प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमें तैनात की गई हैं. ऑपरेशन की निगरानी के लिए 10 जिलों में प्रत्येक मंत्री को तैनात किया गया है. चक्रवात के धामरा पोर्ट और भितरकनिका के पास आने की उम्मीद है.
चक्रवात दाना के आने से पहले लोगों को आश्रय में पहुंचाने का काम जारी
ओडिशा में चक्रवात दाना के आने से पहले लोगों को चक्रवात आश्रय में पहुंचाने का काम जारी है. ओडिशा में तूफान के खतरे के मद्देनजर 6000 से अधिक चक्रवात आश्रय स्थल बनाए गए हैं. सरकार ने 14 जिलों के 10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. अधिकारियों का कहना है कि 3 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है.
चक्रवाती तूफान दाना के दस्तक देने से पहले समुद्र में ऊंची लहरें
चक्रवात दाना के आने से पहले ओडिशा के केंद्रपाड़ा तट पर समुद्र में ऊंची लहरें देखी गई. भद्रक के धामरा में तेज हवा चली और बूंदाबांदी हुई. चक्रवाती तूफान दाना के 24-25 अक्टूबर के बीच ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट पर पहुंचने की संभावना है. तूफान को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है.
जाने रोजाना सैर करने पर सेहत पर क्या असर होता है
फिट रहने के लिए व्यक्ति ना जाने क्या-क्या जद्दोजहद करता है. कभी खाना-पीना छोड़ने लगता है तो कभी यह सोच-सोचकर परेशान होता रहता है कि जिम या योगा क्लास कैसे जॉइन करे. व्यस्त जीवनशैली के कारण खुद के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है और फिट होने का ख्याल बस ख्याल बनकर ही रह जाता है. लेकिन, जीवनशैली में किए गए कई छोटे बदलाव भी बढ़ते वजन को कम करने में असरदार हो सकते हैं. जैसे, अगर आप रोजाना वॉक (Walki) करना शुरू कर देंगे तो आपको एक नहीं बल्कि इसके कई फायदे मिलने लगेंगे.
रोजाना सैर करने पर सेहत को इसके कमाल के फायदे मिलते हैं. आप अगर सुबह, शाम या रात के समय भी वॉक करते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इसके लिए आपको घंटों तक भी चलने की जरूरत नहीं होगी बल्कि सिर्फ 15 मिनट से आधे घंटे के बीच भी वॉक कर ली जाए तो शरीर फिट होने लगता है.
वॉक करने पर कैलोरी बर्न होने लगती है जिससे वजन कम (Weight Loss) होने में असर दिखने लगता है. अगर आप रोजाना वॉक करते हैं तो हेल्दी वेट मैनेज कर सकते हैं. रोजाना की वॉकिंग से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है जिससे मसल लॉस हुए बिना कैलोरी लॉस होने लगता है.
सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है वॉक करना.
Healthy Tips: फिट रहने के लिए व्यक्ति ना जाने क्या-क्या जद्दोजहद करता है. कभी खाना-पीना छोड़ने लगता है तो कभी यह सोच-सोचकर परेशान होता रहता है कि जिम या योगा क्लास कैसे जॉइन करे. व्यस्त जीवनशैली के कारण खुद के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है और फिट होने का ख्याल बस ख्याल बनकर ही रह जाता है. लेकिन, जीवनशैली में किए गए कई छोटे बदलाव भी बढ़ते वजन को कम करने में असरदार हो सकते हैं. जैसे, अगर आप रोजाना वॉक (Walki) करना शुरू कर देंगे तो आपको एक नहीं बल्कि इसके कई फायदे मिलने लगेंगे.
वॉक करने पर कैलोरी बर्न होने लगती है जिससे वजन कम (Weight Loss) होने में असर दिखने लगता है. अगर आप रोजाना वॉक करते हैं तो हेल्दी वेट मैनेज कर सकते हैं. रोजाना की वॉकिंग से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है जिससे मसल लॉस हुए बिना कैलोरी लॉस होने लगता है.
कई बार डाइटिंग करने पर वजन तो कम हो जाता है लेकिन शरीर पतला नजर नहीं आता. ऐसा तब होता है जब शरीर के इंचेस कम नहीं होते. लेकिन, रोज वॉक की जाए तो कमर के इंचेस कम होने में असर दिखने लगता है. अगर आप रोजाना आधा घंटा वॉक करते हैं तो आपकी कमर और जांघें शेप में आने लगेंगी.
वॉक करना सिर्फ शरीर को ही फिट नहीं रखता बल्कि यह आपकी मानसिक सेहत को भी अच्छा रखता है. वॉक करने पर मूड अच्छा रहता है. इससे अच्छा महसूस होता है और पॉजीटिव ख्याल आते हैं. खासतौर से ठंड के दिनों में जब बुरे ख्याल आने लगते हैं तब वॉक करने पर आपका मूड बेहतर रह सकता है.
रोजाना की सैर दिल की सेहत (Heart Health) को भी अच्छा रखती है. वॉकिंग से ब्लड प्रेशर कम होने में मदद मिलती है. वहीं, मोटापा हाई कॉलेस्ट्रोल के रिस्क फैक्टर्स में शामिल है. ऐसे में वॉक करने पर ना सिर्फ मोटापा घटेगा बल्कि कॉलेस्ट्रोल का खतरा भी कम होगा जिससे दिल की सेहत को भी फायदे मिलेंगे.
रायगढ़ राज्य में न्याय व्यवस्था का संचालन
छत्तीसगढ़,रायगढ़ राज्य में न्याय व्यवस्था का संचालन:- जिसे आज हम रायगढ़ और खरसिया तहसील का क्षेत्र कहते हैं वह विलय समझौते यानि राज्य के विलय के पूर्व रायगढ़ राज्य का क्षेत्र कहलाता था और रायगढ़ स्टेट कहलाता था। रायगढ़ से ही कलकत्ता से मुम्बई लाइन तक रेलवे की मुख्य शाखा गुजरती थी जो आज भी गुजर रही है और इसका उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम क्षेत्र क्रमशः जबलपुर, जशपुर, धरमजयगढ़, सारंगढ़ स्टेट तथा झारसुगुड़ा, संबलपुर की सीमाओं से सटा हुआ था। मध्यप्रदेश के पूर्वांचल छत्तीसगढ़ में खूबसूरत प्रकृति की गोद में बसे रायगढ़ राज्य की नींव करीब 500 वर्ष पूर्व महाराजा मदन सिंह ने रखी थी। बाद में राजा भूपदेव सिंह, चक्रधर सिंह और ललित सिंह ने गद्दी संभाली। संगीत सम्राट चक्रधर सिंह जी का जन्म संवत 1862 में गणेश चतुर्थी के दिन हुआ था। इसी क्रम में प्रतिवर्ष “गणेश मेला” का आयोजन होता है और इसी दौरान चक्रधर समारोह के नाम से संगीत महोत्सव का आयोजन होता है। रायगढ़ की तहसीलें धरमजयगढ़, घरघोड़ा, सारंगढ़, खरसिया और रायगढ़ हैं। 1854 में भोंसला राज्य के समाप्त होने और ब्रिटिश शासन के प्रत्यक्ष प्रभाव में आने के बाद, यहाँ की रियासतों और ज़मींदारियों के साथ पिछले समझौतों और चार्टर आदि को नवीनीकृत किया गया। 1864 से, छत्तीसगढ़ की ज़मींदारियों के दो विभाग बनाए गए। पहले वर्ग में शामिल ज़मींदारियों को रियासतों का दर्जा दिया गया और उनके शासकों को राजा या "शासक प्रमुख" कहा जाता था और दूसरे वर्ग के ज़मींदारों को ज़मींदार कहा जाता था।
प्रारंभ में, छत्तीसगढ़ के अंतर्गत स्थित 14 रियासतों में से, कालाहांडी, पटना रायखोल, बामरा और सोनपुर उड़िया भाषी क्षेत्र थे और बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव, छुईखदान, खैरागढ़, कवर्धा, रायगढ़, सक्ती, सारंगढ़ हिंदी भाषी रियासतें थीं। सन् 1905 में छत्तीसगढ़ की पांच उड़िया भाषी रियासतों को बंगाल प्रांत में स्थानांतरित कर दिया गया तथा पांच हिंदी भाषी रियासतों छोटा नागपुर, सरगुजा, जशपुर, उदयपुर, कोरिया एवं चंगाबखार को मध्य प्रांत एवं बरार में शामिल कर लिया गया। इस तरह चौदह रियासतें एक बार फिर छत्तीसगढ़ में रह गईं। रायगढ़ राज्य का इतिहास बहुत पुराना है, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री भूपदेव सिंह आत्मज धनश्याम सिंह जो 1894 में न्यायापालिका प्रमुख बने थे, उन्हें तीस शासन काल में राजा बहादुर की उपाधि दी गई थी तथा वे ही रायगढ़ राज्य का प्रशासन संचालित करते थे। उनकी मृत्यु के पश्चात उनके छोटे पुत्र चक्रधर सिंह रायगढ़ के राजा साहब बने। जिनकी मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र राजा ललित कुमार सिंह रायगढ़ राज्य के अंतिम राजा बने। जिनका राज्य भारत सरकार ने विलय समझौते के माध्यम से अपने में मिला लिया था। रायगढ़ राज्य में उच्च न्याय संबंधी व्यवस्थाओं के लिए बहुत पहले ही पॉलिटिकल एजेंट कोर्ट एवं बाद में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी, जिसे कॉमन उच्च न्यायालय के नाम से जाना जाता है। उक्त न्यायालय में रजिस्ट्रार के पद की स्थापना के साथ ही दीवान साहब ने न्यायाधीश के रूप में उच्च न्यायालय की अधिकारिता शक्तियों का प्रयोग किया।
उच्च न्यायालय की स्थापना की पृष्ठभूमि - पूर्वी राज्य एजेन्सी में सम्मिलित उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ रियासतों की न्याय व्यवस्था में समानता लाने के मुख्य उद्देश्य से कॉमन उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी। एजेन्सी की सम्पूर्ण 39 रियासतों के लिए एक ही कॉमन उच्च न्यायालय की स्थापना को रेजिडेंट सी.पी. हेकॉक ने 25 जनवरी 1943 को सबसे सस्ता एवं प्रभावी बताया था। वायसराय ने भारत सचिव को न्यायाधीशों की योग्यता एवं संख्या भी भेजी थी - निर्धारित योग्यता के अनुसार। ऐसा व्यक्ति जिसने ब्रिटिश प्रांतों में कम से कम 5 वर्ष तक जिला न्यायाधीश के रूप में कार्य किया हो या ब्रिटिश भारत के उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश या इंग्लैंड या उत्तरी आयरलैंड में 15 वर्ष का अनुभव रखने वाला बैरिस्टर जिसने भारत के उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक बैरिस्टर के रूप में कार्य किया हो। उसे इसका न्यायाधीश बनने के लिए योग्य माना गया। प्रारंभ में सामान्य उच्च न्यायालय के लिए न्यायाधीशों की संख्या तीन निर्धारित की गई थी, किन्तु बाद में इनकी संख्या बढ़ाकर चार कर दी गई। जिनमें से एक मुख्य न्यायाधीश तथा शेष उप-न्यायाधीश होते थे। नागपुर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद इस्माइल को प्रथम मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात जब उन्हें भारत सरकार ने भारत का मुख्य आयुक्त बनाकर पाकिस्तान भेजा तो उनके रिक्त पद पर एम.बी. नियोगी को नियुक्त किया गया। इसी प्रकार कनिष्ठ न्यायाधीश के पद पर क्रमशः रायबहादुर राजकृष्ण तथा अमूल्य कुमारी भादुड़ी को नियुक्त किया गया, किन्तु बाद में जब उनके पद भी रिक्त हो गए तो उनके स्थान पर डॉ. जे.एन. बनर्जी भोलानाथ राय तथा रायबहादुर चिंतामणि आचार्य को ११ मार्च १९४६ को नियुक्त किया गया। यहां भी स्पष्ट है कि उपर्युक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति रेजीडेंट के अनुमोदन पर नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा की गई थी। न्यायाधीशों के वेतन एवं भत्ते – उन्हें नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित वेतन एवं भत्ते प्राप्त होते थे। वेतन एवं भत्ते की राशि प्रत्येक राज्य द्वारा दी जाती थी।
चंद्र ग्रहण 2024 : 18 सितंबर को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण , जाने आप के लिए कैसा रहेगा ग्रहण
ज्योतिषियों की मानें तो वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगने वाला है। 18 सितंबर को चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक मान्य नहीं होगा। हालांकि, ग्रहण के समय इन चीजों से जरूर परहेज करें। वहीं, ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान करें। इसके बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके बाद अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।
इस ग्रहण का राशियों के हिसाब से कैसा असर पड़ेगा आप के जीवन में जाने
मेष
मेष राशि वालों को अपने किसी करीबी के साथ अपने रिश्ते में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह कोई रोमांटिक पार्टनर, कोई अच्छा दोस्त, कोई बिजनेस पार्टनर या कोई दुश्मन भी हो सकता है। आपकी स्थिति के आधार पर, आंशिक चंद्र ग्रहण आपको अपने रिश्ते को और गहरा करने या इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
वृषभ
यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए अच्छे संकेत लेकर आ रहा है। इस राशि के जातकों के लंबे समय से रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं और अचानक धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। इससे इन राशियों के प्रेम जीवन में सुधार आ सकता है। दांपत्य जीवन में तालमेल बढ़ेगा और स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
मिथुन
मिथुन राशि के लोगों को किस्मत का साथ मिल सकता है। इस राशि के लोगों के लिए चंद्रग्रहण काफी लाभकारी साबित हो सकता है। साथ ही इस राशि के लोगों की शादी में आ रही रुकावटें दूर हो सकती हैं। प्रेम जीवन में आपको कोई अच्छी खबर मिल सकती है। लेकिन थोड़ी सावधानी बरतनी होगी।
कर्क
कर्क राशि के लोगों को करियर में बदलाव का अनुभव होने की संभावना है। यह चंद्र ग्रहण उनके करियर क्षेत्र को सक्रिय करेगा। वे अपनी वर्तमान नौकरी छोड़ने का फैसला कर सकते हैं। हालाँकि, ये बदलाव उनके निजी जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए सावधानी से निर्णय लें।
सिंह
सिंह राशि वालों के लिए यह चंद्र ग्रहण अच्छे परिणाम देगा। इस दौरान आपको धन लाभ होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह ग्रहण फलदायी रहेगा।
कन्या
कन्या राशि वालों को पद-प्रतिष्ठा के साथ-साथ पदोन्नति भी मिलेगी। साथ ही इस दौरान आपके परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते मजबूत होंगे। इस दौरान किए गए निवेश से आपको आने वाले दिनों में अच्छा लाभ मिलेगा।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए चंद्रग्रहण काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इस दौरान आपके परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में विरोधी भी आपको परेशान कर सकते हैं। इसलिए वहां सावधान रहने की जरूरत है।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण बहुत अच्छा रहने वाला है। इस राशि के लोग व्यापार के साथ-साथ प्रेम जीवन में भी बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है।
धनु
धनु राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण सबसे ज्यादा उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा। इस दौरान आपके खर्चे काफी बढ़ जाएंगे। साथ ही आपके कई पूरे हो चुके काम अधूरे रह सकते हैं।
मकर
चंद्र ग्रहण मकर राशि के जातकों के जीवन में परेशानी ला सकता है। मकर राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। परिवार के बुजुर्गों से अनबन हो सकती है, यह आपके लिए ठीक नहीं है।
कुंभ
इस दौरान आपको अपनी आय और व्यय के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। नहीं तो आपकी आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ सकता है। आर्थिक लाभ पाने के लिए आप जो भी काम करेंगे, वह सब सफल होगा।
मीन
मीन राशि वालों के लिए यह चंद्र ग्रहण काफी अच्छा साबित होगा। मीन राशि वालों को चंद्र ग्रहण के तुरंत बाद ही लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। पिछले कई दिनों से रुके हुए आपके काम पूरे हो सकते हैं। साथ ही इस दौरान आपको आर्थिक लाभ भी होगा।
क्या न करें
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ न करें और न ही देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श करें। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान भगवान की प्रतिमाओं को स्पर्श करने की मनाही है। इस समय देवी-देवताओं के नामों का मंत्र उच्चारण करें।
ज्योतिषीयों की मानें तो चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके लिए ग्रहण के समय भूलकर भी खाना न पकाएं। इस समय भोजन करने की भी मनाही होती है। अत: ग्रहण के समय खानपान से परहेज करें। बीमार व्यक्ति, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को आवश्यकता पड़ने पर खाने की अनुमति है।
ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए। इसके लिए चंद्र ग्रहण के समय न सोएं। ऐसा करने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों का प्रयोग न करें। इस समय कैंची, चाकू और सुई आदि चीजों से परहेज करें। इसके साथ ही ग्रहण के समय श्मशान एवं नकारात्मक जगहों पर जाने से परहेज करें।
क्या करें
चंद्र ग्रहण के दौरान इस समय भगवान विष्णु के नामों का मंत्र जप करें। इसके साथ ही महामृत्यंजय मंत्र का जप करें। ऐसा करने से जातक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान करें। घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु या महादेव की पूजा करें।
ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान और पूजा-पाठ से निवृत्त होकर आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें। आप साबुत अनाज का दान कर सकते हैं।
बिना स्टीम किए काजू का मोदक (Kaju Modak Recipe In Hindi) कैसे बनाएं
आज हम आपको बिना स्टीम किए काजू का मोदक (Kaju Modak Recipe In Hindi) कैसे बनाएं इसकी रेसिपी के बारे में बताएंगे
काजू मोदक के लिए सामग्री
1 कप काजू, आधा कप चीनी, थोड़ा सा दूध, भरने के लिए पिस्ता, दूध में डूबा केसर, साँचा
काजू मोदक बनाने की विधि:
पहला स्टेप: काजू मोदक बनाने के लिए सबसे पहले काजू को हलकी आंच पर भून लें।अब उसके बाद काजू को एकदम बारीक पीस लें।
दूसरा स्टेप: अब काजू के पाउडर में आधा कप चीनी पाउडर डालें और इन्हें अच्छी तरह से मिलाएं। अब इसमें दूध डालकर इन्हें तरह से गूँथ लें।
तीसरा स्टेप: अब छोटी सी लोई लें और उसे सांचे में डालें। मिश्रण के अंदर एक पिस्ता डालें। सांचे को दबाएं। अपाक काजू का मोदक तैयार है।
चौथा स्टेप: अब पूजा की थाली में मोदक रखें और दूध में डूबे केसर से को मोदक के ऊपर रखें।
Fatty Liver लो इन उपायों से करे ठीक
आजकल की लाइफस्टाइल में लिवर से जूड़ी कई सारी बीमारियां हो रही हैं. हमारा खानपान और लाइफस्टाइल सीधे तौर पर लिवर को इफेक्ट कर रहा है. फैटी लिवर की बीमारी आजकल सबसे आम है. हालांकि ये कई कारणों से हो सकती है. इस बीमारी में लिवर में फैट का जमाव हो जाता है. ये एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या मानी जाती है. इसकी लिवर डिजीज की सही समय पर पहचान करना बहुत जरूरी है. साथ ही फैटी लिवर का इलाज भी समय पर किया जाना चाहिए ताकि और गंभीर समस्याओं से बचा जा सके. बहुत से लोग सवाल करते हैं कि फैटी लिवर को कैसे ठीक करें या लिवर के फैट को कम कैसे करें? यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप फैटी लिवर से राहत पा सकते हैं.
Fatty Liver: लिवर को इन तरीको से ठीक किया जा सकता है
Fatty Liver Ke Liye Upay: लिवर डिजीज का सही समय पर इलाज किया जाना चाहिए.
How To Get Rid Of Fatty Liver: आजकल की लाइफस्टाइल में लिवर से जूड़ी कई सारी बीमारियां हो रही हैं. हमारा खानपान और लाइफस्टाइल सीधे तौर पर लिवर को इफेक्ट कर रहा है. फैटी लिवर की बीमारी आजकल सबसे आम है. हालांकि ये कई कारणों से हो सकती है. इस बीमारी में लिवर में फैट का जमाव हो जाता है. ये एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या मानी जाती है. इसकी लिवर डिजीज की सही समय पर पहचान करना बहुत जरूरी है. साथ ही फैटी लिवर का इलाज भी समय पर किया जाना चाहिए ताकि और गंभीर समस्याओं से बचा जा सके. बहुत से लोग सवाल करते हैं कि फैटी लिवर को कैसे ठीक करें या लिवर के फैट को कम कैसे करें? यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप फैटी लिवर से राहत पा सकते हैं.
फैटी लिवर से राहत पाने के लिए इन उपायों को अपनाएं |
1. हेल्दी डाइट अपनाएं
साबुत अनाज, फल और सब्जियां आपके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. प्रोटीन के सेवन में लीन मीट, मछली, अंडे और दालें शामिल करें. ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट को कम से कम करें. यह तले हुए फूड्स और जंक फूड से बचने में मदद करेगा.
2. वजन कम करें
ज्यादा वजन और मोटापा फैटी लिवर की प्रमुख कारणों में से एक है. हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम से वजन कंट्रोल रखें. हर हफ्ते 1-2 पाउंड वजन घटाने का लक्ष्य रखें.
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3. नियमित व्यायाम करें
प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें. यह योग, दौड़ना, तैराकी या जिम में वर्कआउट हो सकता है. व्यायाम न केवल वजन घटाने में मदद करता है बल्कि लिवर की कार्यक्षमता भी बढ़ाता है.
4. शराब का सेवन कम करें या बंद करें
शराब लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है और फैटी लिवर की स्थिति को और खराब कर सकती है. इसे पूरी तरह से छोड़ देना सबसे अच्छा है.
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5. शुगर और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें
बहुत ज्यादा शुगर और कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स लिवर में फैट के जमाव को बढ़ा सकते हैं. इन्हें अपनी डाइट से हटा दें और हेल्दी डाइट फॉलो करें.
6. हर्बल और प्राकृतिक उपाय
कुछ हर्बल सप्लिमेंट्स जैसे दूध थीस्ल, हल्दी, और ग्रीन टी लिवर की सेहत में सुधार कर सकते हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें.
2. वजन कम करें
ज्यादा वजन और मोटापा फैटी लिवर की प्रमुख कारणों में से एक है. हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम से वजन कंट्रोल रखें. हर हफ्ते 1-2 पाउंड वजन घटाने का लक्ष्य रखें.
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7. तनाव न लें और धूम्रपान न करें
तनाव भी लिवर की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है. ध्यान, योग और अन्य तनाव-कम करने वाली तकनीकों का प्रयोग करें. धूम्रपान लिवर को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. इसे पूरी तरह से छोड़ देना सबसे अच्छा है.
सफेद बालों को काला करने के कारगर घरेलू तरीके
आजकल समय से पहले बाल सफेद होने की समस्या बहुत आम हो गई है. न सिर्फ यंग लोगों में बल्कि बच्चों में समय से पहले बालों का सफेद होना चिंता की वजह बन रहा है. बाल हमारे सिर का ताज हैं और अच्छे दिखने के लिए सुंदर चमकदार और लंबे बालों की चाहत हर किसी की होती है. हालांकि कम उम्र में बालों के सफेद होने के पीछे कई कारण होते हैं. तनाव, अनहेल्दी खान-पान, प्रदूषण और अन्य कारणों से बालों का सफेद होना सामान्य हो गया है, लेकिन चिंता न करें कुछ घरेलू उपायों का प्रयोग कर आप अपने सफेद बालों को काला कर सकते हैं. अगर आप भी इसी सवाल का जवाब तलाश रहे हैं कि सफेद बालों को नेचुरल काला कैसे बनाएं, तो यहां हम कुछ घरेलू चीजों के इस्तेमाल के बारे में बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं.
सफेद बालों को काला करने के कारगर घरेलू तरीके |
1. आंवला और मेहंदी का पैक
आंवला और मेहंदी बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने के लिए बहुत प्रभावी होते हैं. 1 कप मेहंदी पाउडर, 2 चम्मच आंवला पाउडर, 1 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच दही लें और एक बर्तन में मेहंदी पाउडर और आंवला पाउडर मिलाएं. इसमें नींबू का रस और दही डालें और अच्छी तरह मिलाएं. इस मिश्रण को बालों में लगाएं और 2-3 घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद बालों को ठंडे पानी से धो लें.
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2. प्याज का रस
प्याज का रस बालों को काला करने और उन्हें हेल्दी बनाने में मदद करता है. प्याज को पीसकर उसका रस निकाल लें. इस रस को बालों की जड़ों में लगाएं और 30 मिनट के लिए छोड़ दें. इसके बाद बालों को शैंपू से धो लें.
3. चाय का पानी
चाय का पानी बालों को काला करने में मदद करता है. 2 चम्मच काली चाय पत्ती और एक कप पानी लें. पानी में चाय पत्ती डालकर उबालें. इसे ठंडा होने दें और छान लें. इस पानी को बालों में लगाएं और 1 घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद बालों को साफ पानी से धो लें.
WhatsApp Tips: बिना अनुमति के ग्रुप में ऐड होने से बचने के तरीके
WhatsApp Tips: क्या आप भी WhatsApp Group में बार-बार ऐड होने से परेशान हैं? क्या आपको कोई भी किसी भी ग्रुप में आपकी अनुमति के बिना जोड़ देता है. ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि फालतू के ग्रुप में जुड़ने से कैसे बचा जाए, तो इसका जवाब आपको यहां मिलेगा. हम आपको यहां कुछ WhatsApp Tips देने जा रहे हैं, जिनकी सहायता से आप खुद को किसी भी वाट्सऐप ग्रुप में जुड़ने से रोक पाएंगे. वॉट्सऐप की इस सेटिंग्स के बाद आपको बगैर आपके परमिशन के कोई भी व्यक्ति वॉट्सऐप ग्रुप में नहीं जोड़ पाएगा. तो आइए उन टिप्स और ट्रिक्स के बारे में जानते हैं.
बता दें कि ज्यादातर केस में ये Everyone के ऑप्शन पर सेट होता है. यहां पर आपको तीन ऑप्शन्स मिलते हैं. इसमें Everyone’, ‘My Contacts’, और ‘My Contacts Except’ के ऑप्शन्स शामिल होते हैं. Everyone के ऑप्शन से आपको कोई भी किसी ग्रुप में बिना आपकी परमिशन के जोड़ सकता है. जबकि My Contacts के ऑप्शन से आपको सिर्फ कॉन्टैक्ट्स ही ऐड कर सकते हैं. इसमें भी आप किसी-किसी को इस लिस्ट My Contacts Except ऑप्शन से हटा सकते हैं.
प्राइवेसी सेटिंग करें
अब राइट साइड में ऊपर की ओर दिख रहे तीन डॉट पर क्लिक करें.
अब सेटिंग पर क्लिक करके अकाउंट पर क्लिक करें.
अब Privacy में जाएं और Groups के विकल्प पर क्लिक करें.
अब आपको पहले से Everyone दिखेगा जिसपर क्लिक करने के बाद Everyone के साथ दो अन्य विकल्प My Contacts और My Contacts Except मिलेंगे.
Everyone सेलेक्ट करने पर कोई भी आपकी इजाजत के बिना आपको ग्रुप में एड कर पाएगा.
My Contact सेलेक्ट करने पर सिर्फ वही लोग आपको किसी व्हाट्सएप ग्रुप में एड कर पाएंगे जो आपकी कॉन्टेक्ट लिस्ट में होंगे.
My Contacts Except सेलेक्ट करने पर आप उनलोगों को सेलेक्ट कर सकते हैं जो आपको ग्रुप में एड कर सकते हैं. इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद आप जिन्हें चुनेंगे सिर्फ वही लोग आपको किसी ग्रुप में एड कर सकेंगे.
माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट: एआई सहायक के फीचर्स और उनका उपयोग
Microsoft Copilot Features : Microsoft Copilot का नाम आपने कई बार सुना होगा. ये एक AI चैटबॉट है, जो आपके लिए बहुत से काम कर सकता है. चाहे किसी वेब पेज की समरी लिखनी हो या फिर कोई तस्वीर बनानी हो. ये चैटबॉट चुटकियों में आपके लिए ये काम कर सकता है.
माइक्रोसॉफ्ट तेजी से इसका विस्तार कर रहा है. कंपनी अपनी तमाम सर्विसेस से इस AI चैटबॉट का सपोर्ट जोड़ रही है. यानी आप माइक्रोसॉफ्ट Word, Excel, PowerPoint, Outlook और Teams पर इसे इस्तेमाल कर सकेंगे. कंपनी इस टूल को कुछ तरह से अपने तमाम सर्विसेस में जोड़ रही है कि ये हमारी रोजमर्रा की आदतों में गूगल की तरह शामिल हो जाएगा. आइए जानते हैं इसके बारे में खास बातें.
कर सकते हैं ये काम
Microsoft ने वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, प्रेजेंटेशन और मीटिंग्स के लिए अपने ऐप्स में आने वाले अलग-अलग फंक्शन की जानकारी दी. इनमें पर्सनलाइज्ड इमेज और मैसेज का उपयोग कर सकते है या अपने किसी इवेंट के लिए स्पीच तैयार कर सकते हैं. बता दें कि को पायलेट प्राकृतिक भाषा के आदेशों के आधार पर आपके लिए ईमेल भी तैयार कर सकता है, या किसी खास डॉक्यूमेंट के लिए ड्राफ्ट भी तैयार कर सकता है. कंपनी का यह भी कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट 365 ऐप्स और सेवाओं में इंटीग्रेट किए गए को-पायलेट सर्विस में इनबिल्ट सेफगार्ड हैं. इसका मतलब है कि सुरक्षा की दृष्टि से भी ये सेवा बेहतर है.
चंद सेकंड में तैयार हो जाएगी स्प्रेडशीड
को-पायलट की मदद से किसी भी डॉक्यूमेंट को तैयार या फिर मैनेज किया जा सकेगा. इससे ऑफिस में दिए जाने वाले प्रजेंटेशन और स्प्रेडशीड को भी कुछ ही सेकंड में तैयार किया जा सकता है. Co-Pilot माइक्रोसॉफ्ट के सभी एप्लीकेशन में वर्क करेगा.
आपको बता दें कि Co-Pilot चैटजीपीटी 4 की मदद से यूजर्स को हेल्प करेगा. यह चैटबॉट की तरह काम करेगा. चैटबॉट सेक्शन में यूजर्स बेहद आसानी से कंटेंट जेनरेट कर सकेंगे. माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि इस टूल की मदद से प्रोडक्टिविटी को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं.
पावरपाइंट कोपायलट का करें क्रिएटिव इस्तेमाल
कोपायलट पावरपाइंट यूजर्स को प्रजेंटेशन तैयार करने के लिए खुद ही कई तरह के सुझाव देता है. इसके जरिए यूजर्स अपने कंटेंट को बेहतर तरीके से लिख और डिजाइन कर पाते हैं. कोपायलट पावरपाइंट यूजर्स को उनके कंटेंट के हिसाब से स्क्रैच डिजाइन और साथ ही कस्टमाइज्ड के कई विकल्प देता है. इसके साथ ही यूजर्स कोपायलट के क्विक जेनरेशन कंटेंट का भी फायदा ले सकते हैं. इसके साथ ही यूजर्स को शार्ट समराइजाइंग और पावरपाइंट की स्लाइड को संगठित करने की सुविधा भी मिलती है.
कोपायलट के जरिए यूजर्स अपने विचारों को पहले ड्राफ्ट भी कर सकते हैं. साथ ही स्मार्ट सुझाव और प्रजेंटेशन के लिए कंटेंट डिजाइन की जानकारी भी मिलती है. कोपायलट के साथ तैयार की गई पावरपाइंट प्रजेंटेशन को यूजर्स अपनी टीम के सदस्यों के साथ साझा, एडिट और कुछ बदलाव भी कर सकते हैं. आपको जानकारी के लिए बता दें कि पावरपाइंट के इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को 2000 रुपये महीने के खर्च करने होंगे.
माइक्रोसॉफट बिजनेस चैट
कंपनी ने अपने बिजनेस चैट फीचर भी पेश किया है ये सभी Microsoft 365 ऐप्स पर काम करता है. ये Microsoft टीम्स में ईमेल, प्रेजेंटेशन, डॉक्यूमेंट्स, नोट्स और कॉन्टेक्ट्स को सिंगल इंटरफेस में रखने करने के लिए ये फीचर Microsoft ग्राफ का इस्तेमाल करता है. कंपनी ने कहा कि वो फिलहाल 500 फॉर्च्यून इंटरप्राइसेज में से आठ के साथ और 20 कस्टमर्स के साथ Microsoft 365 कोपिलॉट की टेस्टिंग कर रही है. ये आने वाले महीनों में यूजर्स के लिए प्रीव्यू को एक्सपेंड करेगा.
एलोवेरा तेल के चमत्कारी फायदे: त्वचा और बालों के लिए सर्वोत्तम उपाय
काफी लंबे समय से एलोवेरा तेल का उपयोग पुराने त्वचा रोगों, चोट, जलन, घाव, पेट संबंधित समस्याओं और कमजोर बालों के उपचार के लिए किया जा रहा है.
एलोवेरा तेल को घर पर खुद भी बनाया जा सकता है और इसके लिए बस आपको नारियल, जैतून या जोजोबा तेल को एलोवरा अर्क के साथ मिलाना होगा. आइए जानते हैं कि एलोवेरा तेल के उपयोग से क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं.
चेहरे की रंगत निखारने में है सहायक
कई लोग त्वचा की रंगत को निखारने के लिए न जाने कितने महंगे-महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें इनसे मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है. इससे अच्छा है कि इनकी बजाय आप एलोवरा तेल का उपयोग करें. एलोवेरा तेल में एलोसिन नामक यौगिक होता है, जो त्वचा की रंगत को सुधारने में मदद कर सकता है.
बालों का विकास करने में है प्रभावी
एलोवेरा तेल में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं. इसमें विटामिन-D, विटामिन-E, आयरन, मैग्निशियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो बालों के विकास और बालों से संबंधित समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं. नियमित रूप से इस तेल से सिर की मालिश करने से आपके बाल स्वस्थ और चमकदार बने रहते हैं.
स्ट्रेच मार्क्स को कर सकता है दूर
गर्भावस्था और वजन में उतार-चढ़ाव जैसे कई कारण हैं, जिनसे शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स के निशान उभर आते हैं, लेकिन एलोवेरा तेल इन्हें भी दूर कर सकता है. एक अध्ययन के मुताबिक, अच्छी तरह से नमीयुक्त और हाइड्रेट त्वचा स्ट्रेच मार्क्स के निशान को कम करने मदद कर सकती है और एलोवेरा तेल मॉइस्चराइजिंग और हाइड्रेटिंग गुणों से भरपूर होता है.
त्वचा को भरपूर नमी प्रदान करने में है सहायक
रूखी त्वचा के लिए भी एलोवेरा तेल का उपयोग करना बेहद लाभदायक हो सकता है क्योंकि इसमें मौजूद फैटी एसिड त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद कर सकते हैं. अगर आप रूखी त्वचा के साथ-साथ फटी एड़ियों के खुरदरेपन को ठीक करना चाहते हैं तो इससे राहत पाने के लिए आप एलोवेरा तेल का उपयोग कर सकते हैं. यकीनन यह आपकी समस्या को झट से ठीक कर देगा.
मच्छर के काटने का बन सकता है उपचार
एलोवेरा तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-सेप्टिक और एनाल्जेसिक गुण होते हैं.ये सभी गुण मच्छर के काटने से होने वाले दर्द, सूजन और जलन से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं. लाभ के लिए प्रभावित हिस्से पर एलोवेरा तेल लगाएं और इस प्रक्रिया को दिन में लगभग 3-4 बार दोहराएं. इससे आपको जल्दी आराम मिल सकता है.
फेसबुक और इंस्टाग्राम डाउन: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में समस्या के कारण यूजर्स परेशान
मेटा के अंतर्गत आने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम आज अचानक से ठप पड़ गए. यह सर्विसेज केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में डाउन रही. Facebook में यूजर्स को लॉग इन करने में लोगों को दिक्कत आई.
वहीं जिन यूजर्स का पहले से ही फेसबुक लॉग इन था, उनके सेशन अचानक एक्सपायर हो गए थे. इसके साथ ही इंस्टाग्राम में डाउन हो गया. जिससे यूजर्स परेशान हो गए और एक्स पर #facebookdown और #instagramdown ट्रेंड करने लगा.
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ये DDOS अटैक भी हो सकता है. ऐसे अटैक्स में बहुत सारे लोग एक साथ सर्वर पर लॉगिन करने की कोशिश करते है जो उसकी क्षमता से ज्यादा होता है. इसमें ज्यादातर फेक यूजर होते है. कम्प्यूटर रोबेटे से यह बनाए जाते है BOTS कहते है.
कॉटन कैंडी: बच्चों के लिए अधिक सेहतमंद विकल्प की जाँच
कॉटन कैंडी एक ऐसी चीज होती है, जिसे देखकर बच्चे तो बच्चे बड़ो का भी खाने को जी चाहता है. वहीं पेरेंट्स भी अक्सर बच्चों को बाहर घूमने जाने पर दिलवा ही देते हैं, लेकिन अगर आप अपने बच्चों की सेहत को लेकर जागरुक हैं तो कॉटन कैंडी खाने और अपने बच्चों को खिलाने से पहले एक बार इसके नुकसान जरूर जान लें.
दरअसल, पुडुचेरी राज्य में कॉटन कैंडी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके उत्पादन में एक खतरनाक रसायन, रोडामाइन-बी मिला है, जो हमारी बॉडी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है. आज हम आपको बताएंगे कि रोडामाइन बी क्या है, और हमारी बॉडी में इसका क्या असर पड़ता है.
कॉटन कैंडी क्या है?
कॉटन कैंडी को ‘फेयरी फ्लॉस’ भी कहा जाता है और ‘बुड्ढी के बाल’ के नाम से भी जानते हैं. यह एक पारंपरिक मिठाई है जो कई जगहों पर उपलब्ध है. कॉटन कैंडी एक प्रकार की स्पन शुगर है जो कई देशों में लोकप्रिय है. इसे चीनी की चाशनी से बनाया जाता है, फिर एक छोटे छेद के माध्यम से घुमाया जाता है, जिसे एक छड़ी पर इकट्ठा किया जाता है और फिर कॉटन कैंडी के रूप में परोसा जाता है. अलग-अलग रंगों में बनी यह डिश बड़े स्वाद से खाई जाती है और वजन में भी काफी हल्की होती है.
रोडामाइन बी
यह एक कैमिकल है इसका उपयोग डाई के तौर पर किया जाता है, लेकिन अगर इसे खाने में मिलाया जाता है तो शरीर में पहुंचकर एक एंजाइटी और बैचेनी को पैदा करता है. इतना ही नहीं अगर आप लंबे समय तक इसका सेवन करते हैं तो इससे कैंसर और लीवर इंफैक्शन जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
कॉटन कैंडी खाने के नुकसान
- कॉटन कैंडी में मौजूद उच्च शर्करा सामग्री ब्लड शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ा सकती है, जिससे सक्रियता और इससे उत्पन्न ऊर्जा की मात्रा बढ़ जाती है. इससे बच्चों का मूड लगातार बदलता रहता है और वे चिड़चिड़े हो जाते हैं.
- इसके अधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है. इतना ही नहीं इस कॉटन कैंडी में मौजूद मिठास दांतों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव के कारण दांत दर्द और दांतों में सड़न के साथ-साथ बचपन में मोटापे का खतरा भी बढ़ा सकती है.
- कॉटन कैंडी में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है. इसलिए बार-बार सेवन से बच्चे के आहार में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे संभावित पोषण संबंधी कमी हो सकती है. इसके अतिरिक्त, कॉटन कैंडी में अक्सर उपयोग किए जाने वाले कृत्रिम रंग और स्वाद संवेदनशील बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं.
"लीप ईयर: इसकी उत्पत्ति और महत्व"
4 साल के अंतराल पर लीप ईयर आता है, यानी जिस साल में फरवरी माह में 29वां दिन होता है. आज 29 फरवरी है. चार साल में एक बार आने वाले इस दिन की अपनी खासियत भी है. इस साल 365 की जगह 366 दिन होंगे. लीप ईयर हर चार साल में एक बार आता है और साल में एक एक्स्ट्रा दिन फरवरी में जुड़ जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर चार साल में ही क्यों आता है लीप ईयर और इस दौरान फरवरी के महीने में ही क्यों जुड़ जाता है एक दिन? तो आइए जानते हैं.
कैसे हुई लीप ईयर की शुरुआत?
यह तो हम सब जानते हैं कि पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है. और इसे एक चक्कर पूरा करने में एक साल का समय लगता है. इसी बीच दिन से रात होती है और मौसम भी बदलते हैं. इस चक्कर को पूरा करने में पृथ्वी को 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड का समय लगता है. हालांकि, कैलेंडर ईयर में इस समय को 365 दिन और 6 घंटे माना जाता था. सोलर ईयर और कैलेंडर ईयर के दिनों के अंतर को कम करने के लिए 4 सालों तक हर साल 6 घंटे जुड़ते हैं. इसलिए चार साल में एक बार ही लीप ईयर आता है, जिसमें एक दिन जुड़ जाता है यानी 366 दिन होते हैं. और इसे ही लीप ईयर कहा जाता है.
फरवरी में ही क्यों जुड़ता है एक दिन?
दरअसल, जूलियन कैलेंडर में दिसंबर की जगह फरवरी का महीना आखिरी माना जाता था. इसी वजह से एक अतिरिक्त दिन फरवरी के महीने में ही जोड़ा जाता था.
ऐसे शुरू हुआ ग्रेगोरियन कैलेंडर
16वीं शताब्दी में पोप ग्रेगरी-8 ने बताया कि अतिरिक्त समय की वजह से सोलर ईयर और कैलेंडर ईयर के बीच में 10 दिन का अंतर आ गया है. उन्होंने जूलियन कैलेंडर में बदलाव करते हुए 24 फरवरी 1582 में 10 दिनों को कम कर दिया था. आज हम जो कैलेंडर यूज करते हैं उसका नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया- ‘ग्रेगोरियन कैलेंडर’. हालांकि, उनका यह आइडिया समय को एडजस्ट करने में नाकाम रहा था.
लीप ईयर का होना क्यों जरूरी है?
ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत जह बुई तो उसके चार साल बाद पहली बार लीप ईयर मनाया गया. अगर हर 4 साल में लीप ईयर न फॉलो किया जाए, तो हम समय चक्र से आगे निकल जाएंगे. चार साल में एक अतिरिक्त दिन अगर कैलेंडर में शामिल किया जाए, तो सौ साल के बाद हम 25 दिन आगे हो जाएंगे. अगर ऐसा होता है तो मौसम में बदलाव का भी पता नहीं चल पाएगा.