छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा रेस्कयू ऑपरेशन किया जाएगा।रेसक्यू टीम ने सुरंग बनाने का काम शुरू कर दिया है।पूरी जिम्मेदारी के साथ ऑपरेशन कर राहुल को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जाएगा। जांजगीर कलेक्टर ने कहा कि हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में प्रशासन की टीम मुस्तैद होकर इस ऑपरेशन को अंजाम देगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा निर्देशन में ग्राम पिहरीद, मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा में बोरवेल में 54 घण्टे से भी अधिक समय से फसे राहुल साहू को बाहर निकालने अंतिम दौर का रेस्क्यू शुरू हुआ। कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल सहित सेना के अफसर,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरी टीम छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े रेस्क्यू में जा रही है।
राहुल को बचाने एनडीआरएफ और एसईसीएल सहित टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया
क्रेन से पाइप नीचे की ओर ले जाया जा रहा
रेस्क्यू टीम ने सुरंग बनाने का काम शुरू किया
हम होंगे कामयाब पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब
लगभग 54 घण्टे से अधिक समय से बोरवेल में फंसे राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए हर सम्भव कोशिश की जा रही है।
जानकारी अनुसार राहुल को बचाने के लिए 6 घंटे का और समय लगना है।
मुख्यमंत्री के निर्देशन में जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला और प्रशासन की पूरी टीम ही नहीं, सेना एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,एसईसीएल, पुलिस ,नगर सेना,पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य, विद्युत विभाग,पीएचई से लेकर गांव के कोटवार तक इस ऑपरेशन में जुटे है। कलेक्टर ने कहा है कि चुनौती है,लेकिन हम कामयाब होंगे और राहुल को सकुशल बाहर निकालेंगे। सभी अपनी जिम्मेदारियों को अवश्य निभाये। कलेक्टर के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, एम आर अहिरे, आईएएस नूपुर राशि पन्ना, राहुल देव,रेना जमील सहित अधिकारी अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
सभी प्रकार की तैयारियों और व्यवस्थाओं के साथ रेस्कयू दल 60 फीट नीचे गहराई में उतरने जा रहा है। इस ऑपरेशन का सिर्फ एक ही मकसद है कि बोरवेल में फंसे राहुल को किसी भी तरह से सुरक्षित निकालना। लगभग 52 से 54 घण्टे से पोकलेन,जेसीबी,ड्रिल मशीन से भारी मशक्कत के बाद बोरवेल के समीप गहराई किया गया है। अब नीचे सुरंग बनाकर राहुल तक पहुचने का प्रयास किया जाएगा। इस सबसे बड़े ऑपरेशन में हिस्सा बनने वालों को हर पल अलर्ट रहने कहा गया है। ऑपरेशन में किसी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही नहीं करने के सख्त निर्देश है।