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"सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत का नया निवेश: योजनाएं और संभावनाएँ"

 

Semiconductor Industry Investment : भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग 2030 तक 8.28 लाख करोड़ रुपये या एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है. भारतीय सेमीकंडक्टर की मांग 110 बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है.

2024 में भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार में राजस्व 68,954.57 करोड़ रुपये या 8.32 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. इनमें इंटीग्रेटेड सर्किट की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है, जिसका अनुमानित बाजार 31,162.01 करोड़ रुपये या 3.76 अरब डॉलर है.

भारत का अपना सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, टाटा समूह ने वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में प्रवेश किया है. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में गुजरात के धोलेरा में एक मेगा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा (फैब) स्थापित करेगी.

इस सुविधा का निर्माण इसी साल शुरू होगा, जिसमें 91,000 करोड़ रुपये तक का निवेश होगा और 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कुशल रोजगार सृजित होंगे. यह सुविधा प्रति माह 50,000 वेफर्स तक की विनिर्माण क्षमता में सक्षम होगी, जिसमें उच्चतम फैक्ट्री दक्षता सुनिश्चित करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग की ओर से संचालित अत्याधुनिक स्वचालन तकनीक शामिल होगी.

इस साझेदारी से भारत को क्या फायदा होगा?

नया सेमीकंडक्टर फैब बिजली प्रबंधन आईसी, डिस्प्ले ड्राइवर, माइक्रोकंट्रोलर (एमसीयू) और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग लॉजिक जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किए जाने वाले चिप्स का उत्पादन करेगा. यह ऑटोमोटिव, कंप्यूटिंग और डेटा स्टोरेज, वायरलेस संचार और एआई जैसे बाजारों में बढ़ती मांग को पूरा करेगा.


 

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