छत्तीसगढ़
सशस्त्र सैन्य समारोह : जब दुश्मनों को भारतीय सेना के चौकस कमांडों ने मारा गिराया
डेयर डेविल्स के करतब से रोमांचित हुए दर्शक, डबल क्रासिंग ने खूब किया आकर्षित
बस्तर के युवाओं ने घुड़सवारी में दिखाया साहसिक करतब
पुख्तासूत्रों से भारतीय सेना को खबर मिली कि दुश्मन हमारे देश में एक और आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहे है। भारतीय सेना ने दुश्मन के मंसूबों को नाकामयाब करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला लिया। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए भारतीय सेना की 6/11 गोरखा राइफल्स और 1 असम रेजिमेंट के चुनिंदा कमांडोज स्पेशल हेडक्वाटर्स और संचार केंद्र पर हमले की तैयारी कर रहे थे, तभी दुश्मन के टारगेट की पुख्ता जानकारी हासिल करने के लिए क्लोज टारगेट रेकनिसन्स ऑपरेशन शुरू किया और ड्रोन ने दुश्मन के टारगेट की खोजबीन शुरू की। रात के अंधेरे में किए जाने वाले डिमांस्ट्रेशन की कार्रवाई सुबह की। घातक पलटन के कमांडोज दुश्मन के नजदीक से नजदीक जाकर बिना सरप्राइज खोये दुश्मन के संतरी को मार गिराया। ऐसे रेड की कार्रवाई साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सैन्य समारोह में दिखाई दी। इस कार्रवाई को देखकर दर्शक काफी रोमांचित हुए।
इस कार्रवाई के दौरान जवानों ने दुश्मन के संचार केंद्र को विस्फोटक लगाकर नेस्तनाबूत कर दिया। इसके बाद दुश्मनों का हेडक्वाटर्स से संपर्क टूट गया और फिर जवानों ने दुश्मनों के हेडक्वार्टर पर हमला बोल दिया। अत्यधिक फायर कर कमांडोज ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए सेंट्रीज को मार गिराया। फिर डेमोलिशन टीम ने हेडक्वाटर्स पर बम लगाकर उसे उड़ा दिया। असाल्ट से घबराकर भागते हुए दुश्मन को चौकस कमांडोज ने मार गिराया। इस तरह दुश्मनों के हेडक्वार्टर को घातक टोली ने नेस्तनाबूत कर दिया।
डेयर डेविल्स के करतब से रोमांचित हुए दर्शक
भारतीय सेना के डेयर डेविल्स ने अपने करतब और अदम्य साहस का परिचय देते हुए रोमांचित कर दिया। डेयर डेविल्स के डबल क्रॉसिंग, पेरलल क्रॉसिंग के करतब को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। सैल्यूट करते हुए हर जवानों ने चलती हुई मोटरसाइकिल में विपरीत दिशा में सैल्यूट किया। इसके अलावा चलती हुई मोटरसाइकिल पर टैंक के ऊपर विपरीत दिशा में खड़े होकर मोटरसाइकिल चलाते हुए और मोटरसाइकिल की सीट को खाली छोड़कर सम्मान प्रकट किया। इसके साथ ही जंबाज सैनिकों ने मोटरसाइकिल में कमल की आकृति बनाकर प्रस्तुति दी।
बस्तर के युवाओं ने घुड़सवारी में दिखाया साहसिक करतब
सैन्य समारोह में बस्तर के युवाओं ने अपने जौहर का प्रदर्शन किया। घुड़सवारी के माध्यम से अपनी प्रतिभा दर्शकों को दिखाई। घोड़े में बैठकर युवाओं ने कबूतर को आजाद किया और बाइक के ऊपर से उछलकर पार किया और सामने बैठे एक व्यक्ति के सामने से तेजी के साथ घोड़े ने पार कर लिया, जिसके साहसिक परिचय को देखकर दर्शक काफी रोमांचित हुए।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की बस को झंडी दिखाकर किया रवाना
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं के बस को काली माता मंदिर, रायपुर से झंडी दिखाकर रवाना किया। उप मुख्यमंत्री ने नवरात्रि के शुभ मौके पर इस पावन यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। कालीमाता अन्नदान भंडारा समिति द्वारा श्रद्धालुओं को पिछले कई वर्षों से लगातार नवरात्रि के पावन मौके पर मां बम्लेश्वरी धाम की निःशुल्क यात्रा कराई जाती है। इस वर्ष भी बसों के माध्यम से श्रद्धालुओं को मां बम्लेश्वरी दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। इस मौके पर कालीमाता अन्नदान भंडारा समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे।
जल जगार : जल संरक्षण के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा महोत्सव गंगरेल बांध में शुरू
दिन का पहला इवेंट जल ओलंपिक में विभिन्न प्रकार की जल गतिविधियां हो रही आयोजित
कयाकिंग, फ्री स्टाइल एवं ब्रेस्ट स्ट्रोक स्विमिंग, बनाना राईड, फ्लैग् रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग जैसे इवेंट में प्रतिभागी कर रहे शिरकत
लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित
कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की मौजूदगी में वाटर बैलेंसिंग स्पोर्ट्स से जल ओलंपिक की हुई शुरुआत
धमतरी के पंडित रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में प्रदेश के सबसे बड़े जल महोत्सव जल जगार का शुभारंभ हो गया है। बांध के तट पर स्थित बरदिहा लेक रिजॉर्ट में आज सुबह कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की मौजूदगी में आजीविका महाविद्यालय धमतरी के टूरिस्ट गार्ड सदस्य माधव सिंह ने वाटर बैलेंसिंग स्पोर्ट्स में भाग लेकर जल ओलंपिक की शुरुआत की। उन्होंने गंगरेल के पानी में बनाए गए बैलेंसिंग स्ट्रक्चर पर लहरों की बीच चलकर दोनों हाथों से समन्वय बनाने का प्रयास किया। इसके बाद थ्रो रो इवेंट में
नरहरा जलप्रपात जल प्रबंधन समिति की टूरिस्ट गाइड महिलाओं ने पानी में रस्साफेंक प्रतियोगिता में लिया भाग। समिति की 3 सदस्य श्रीमती सजवन, श्रीमती गणेश्वरी एवं श्रीमती टिकेश्वरी ने उत्साह के साथ नई प्रकार की गतिविधि में शामिल हुई। जल संरक्षण की दिशा में काम कर रही समिति के सदस्यों ने बताया कि सरकार द्वारा विशेष प्रयास के तहत लोगों को जल जागरुकता की दिशा में आगे बढ़ाने जल जगार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जो कि पानी के महत्व को बताने एवं संरक्षण की दिशा में अहम प्रयास है। इस कार्यक्रम में जल से संबंधित कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राईड, फ्री स्टाईल स्वीमिंग, फ्लैग् रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग जैसी प्रतियोगिता आयोजित किए जा रहे है। जिसका आनंद दर्शकगण पूरे परिवार के साथ उठा रहे है। जल जगार महोत्सव के लिए गंगरेल बांध में लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित किए गए है। कार्यक्रम स्थल को जल जागरुकता से युक्त स्लोगन, कविता आदि से युक्त बैनर पोस्टरों से सजाया गया है। प्रतियोगिता केेे आयोजन से गंगरेेल बांध का तट आकर्षक एवं मनोरम हो गया है। विशाल जलसंग्रह में विभिन्न प्रकार के जेटस्की, बनाना राइड बोट, कयाकिंग नाव आदि की व्यवस्था की गई है। जिसमे प्रतिभागी उत्साह के साथ भाग ले रहे है।
36 पौवा अंग्रेजी शराब के साथ 1 आरोपी गिरफ्तार
नशे के खिलाफ रायपुर पुलिस के निजात अभियान के तहत कार्रवाई जारी है। इस कार्रवाई के तहत अवैध शराब के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। मामला गुढ़ियारी थाना का है।
दरअसल 5 अक्टूबर को सूचना मिली कि कलिंग नगर गुढ़ियारी में एक व्यक्ति अवैध शराब बेच रहा है। सूचना पर पुलिस की टीम ने मुखबिर के बताए ठिकाने पर छापा मारा। इस पुलिस ने संदिग्ध आरोपी दिप्पी बघेल को पकड़ा। उसके पास रखी प्लास्टीक की बोरी की तलाशी लेने पर बोरी से 36 पौवा अंगेजी शराब सुपर मास्टर व्हिस्की बरामद हुई। आरोपी दिप्पी बघेल को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 36 पौवा अंगेजी शराब कीमती 1500 रूपये जब्त कर उसके विरूद्ध थाना गुढ़ियारी में अपराध क्रमांक 621/24 धारा 34(2)आबकारी एक्ट अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की गई।
गिरफ्तार आरोपी
दिप्पी बघेल पिता निर्मल बघेल उम्र 25 वर्ष पता खालबाडा थाना गुढियारी रायपुर।
मुख्यमंत्री के हाथों नक्सल हिंसा से 70 प्रभावितों को मिला विभिन्न विभागों में नियुक्ति आदेश
मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिला अस्पताल को सौ बिस्तर से बढ़ाकर दो सौ बिस्तर करने की घोषणा
तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 14 करोड़ 9 लाख रूपए की बोनस राशि वितरित
बीजापुर जिले को 263 करोड़ 66 लाख से अधिक की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बीजापुर के जिला अस्पताल को सौ बिस्तर से बढ़ाकर दो सौ बिस्तर करने की घोषणा के साथ ही अंचल के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के 70 आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश पत्र भी सौंपा और 19 हजार से अधिक तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 14 करोड़ 9 लाख रूपए की बोनस राशि भी वितरित की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में आयोजित नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश और तेंदूपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने 263 करोड़ 66 लाख से अधिक की लागत से 209 के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 228 करोड़ 53 लाख के 145 विकास कार्यों का भूमि पूजन और 35 करोड़ 13 लाख के 64 विकास कार्य का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में बीजापुर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना, भोपालपटनम में 132 केव्ही की विद्युत सब स्टेशन की स्थापना, 33 नए स्कूल खोलने, केंद्रीय पुस्तकालय और विशेषज्ञ चिकित्सकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जोड़ने की घोषणा की। साथ ही प्रयास आवासीय विद्यालय और प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कोचिंग की व्यवस्था करने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास कार्य को गति दी जा रही है। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से माओवाद-आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक, खनिज, वन संपदा से परिपूर्ण है। साथ ही यहां के निवासी भी ऊर्जावान है। प्रदेश के विकास में यहां के लोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, वनमंत्री और बीजापुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, लोकसभा क्षेत्र बस्तर के सांसद श्री महेश कश्यप ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंर्तगत गृह प्रवेश (चाबी वितरण) और आवास स्वीकृति पत्र, तेंदूपत्ता बोनस, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत राशि, किसान क्रेडिट कार्ड, सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त नियद नेल्ला नार हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, स्व सहायता समूह चक्रीय निधि, आय, जाति-निवास प्रमाण पत्र और युवाओं को खेल सामग्री का वितरण किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर वन अधिकार प्रमाण पत्र, विश्वकर्मा योजना का प्रमाण पत्र, ई रिक्शा का वितरण सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों का सामग्री वितरण किया। कार्यक्रम में बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, गणमान्य जनप्रतिनिधि, नागरिकगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ग्राम मसेनार एवं पाहुरनार को प्रदान किया संपूर्ण जैविक ग्राम का प्रमाण पत्र
ग्राम पंचायत गोंगपाल एवं चेरपाल की महिला समूह करेंगी बस का संचालन, मुख्यमंत्री ने सौंपी वाहनों की चाबियाँ
अपने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विकासखण्ड दंतेवाड़ा के ग्राम मसेनार एवं विकासखण्ड गीदम के ग्राम पाहुरनार को संपूर्ण जैविक ग्राम का प्रमाण पत्र प्रदान किया। यहां देश के सबसे अधिक रकबे 65 हजार 279 हेक्टेयर एवं 110 ग्रामों में 10 हजार 264 किसानों के द्वारा जैविक खेती की जा रही है, जिन्हें वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण के अन्तर्गत भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के द्वारा जैविक प्रमाणीकृत किया गया है।
वर्तमान में जैविक जिला दंतेवाड़ा में विशिष्ट कार्य करने के अंतर्गत जैविक जिला में परिवर्तन कर कृषकों की आजीविका विकास के लिए जैविक खेती में वृहद स्तर पर प्रशिक्षण प्रचार प्रसार शैक्षणिक भ्रमण सिंचाई एवं अधोसंरचना विकास, मार्केट लिंकेज इत्यादि के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाकर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा एफपीओ प्रमाणीकरण संस्था के संबंध में कार्य किया जा रहा हैद्य जिले में रासायनिक उर्वरक एवं रासायनिक दवा पूरी तरह प्रतिबंधित है जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए जिले के सभी 220 ग्रामों में तीन चरणों में कृषक खेत पाठशाला का आयोजन किया जा रहा हैद्य 300 से अधिक स्थानीय प्रगतिशील किसानों को राज्य के बाहर प्रशिक्षण देकर जैविक कार्यकर्ता एवं मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार किया गया है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस खरीफ वर्ष में 1200 हेक्टेयर रकबा में हरी खाद एवं 800 से अधिक रकबा में श्री विधि से खेती किया गया हैद्य जिले के सभी 23000 किसानों को स्वॉइल हेल्थ काड उपलब्ध कराया जा रहा हैद्य मुख्यमंत्री श्री साय को इस अवसर पर ग्राम कासौली के प्रगतिशील किसान श्री बोसा राम अटामी ने उन्नत किस्म के अमरुद और कमल सिंह नाग ने जैविक विधि से उत्पादित विशिष्ट चावल की टोकरी भेंट स्वरूप कीद्य
इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन के तत्वावधान में नियद नेल्लानार योजना के तहत मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत चेरपाल और गोंगपाल को बस संचालन सेवा प्रांरभ करने के लिए दो बसें प्रदान की गई। जिसका संचालन सेवा महिला स्व सहायता समूह करेगीद्य दूर-दराज के ग्रामों में सरल आवाजाही के लिए प्रशासन द्वारा 6 बसें और दी जाएगी। इस मौके पर लाइवलीहुड कॉलेज से प्रशिक्षित 2 युवाओं, ग्राम धुरली के अनिल और ग्राम गामावाड़ा के गौरीश को भी टैक्सी संचालन के लिए 4 पहिया वाहन प्रदान किया गया।
जिला प्रशासन की पहचान दन्तेवाड़ा नवाचार कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम बालपेट के 6 माह के बालक धीरज नाग को सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के दस्तावेज भी मुख्यमंत्री के हाथों प्रदाय किया गया। पहचान दन्तेवाड़ा एप के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त समन्वय से जिले के सभी नवजात शिशुओं से संबंधित सभी आवश्यक मूलभूत दस्तावेज 4 माह के अंदर उनके पालकों को सौंपे जाने का कार्यक्रमचला चलाया जा रहा हैद्य इससे बच्चों के जन्म से बड़े होने तक सभी दस्तावेज उनके पास उपलब्ध होंगे, पालकों को इन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर से भी मुक्ति मिलेगीद्य
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा में 167 करोड़ 21 लाख रुपए के विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान जिले में 167 करोड़ 21 लाख रुपए के विकास कार्यों की लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें लोकार्पण के तहत जिला दन्तेवाड़ा के विकासखण्ड कुआकोण्डा में शासकीय उपाधि महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों हेतु 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन निर्माण कार्य 272.450 लाख रू., दन्तेवाड़ा में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण 99.000 लाख रू., 100 सीटर छात्रावास भवन का निर्माण कार्य दन्तेवाड़ा 160.000 लाख रू., बुढ़ा तालाब बारसूर में सौंदर्यीकरण कार्य विकासखण्ड-गीदम 453.000 लाख रू., शंकनी-डंकनी नदी तट पर घाट निर्माण 3659.700 लाख रू., 500 सीटर आवासीय विद्यालय कारली के भवन निर्माण कार्य विद्युतीकरण सहित वि.ख.-गीदम 487.150 लाख रू., एनीकट निर्माण कार्य कटेकल्याण पुजारी पारा डुमाम नदी पर 350.000 लाख रू., दुगेली एनीकट निर्माण कार्य 372.940 लाख रू., प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिन्दनार का निर्माण कार्य 75.000 लाख रू., उप स्वास्थ्य केन्द्र हिड़पाल का निर्माण कार्य 28.510 लाख रू. के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
इसी प्रकार भूमिपूजन के अन्तर्गत आस्था विद्या मंदिर किरन्दुल हेतु भवन निर्माण, कर्मचारी हेतु आवास, छात्रावास भवन सड़क नाली बाउंड्री निर्माण आदि 4219.000, जिला दन्तेवाड़ा के रानीबाग में भवन निवास के भूतल एवं प्रथम तल का निर्माण कार्य 326.570, मड़कामीरास में 50 सीटर आदिवासी प्री. मे. कन्या छात्रावास निर्माण कार्य 191.510, जंगमपाल में 50 सीटर कन्या आश्रम का निर्माण कार्य 162.760, बड़ेगुडरा में 100 सीटर आदिवासी पो. मै.कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 288.590, मारजूम में 50 सीटर कन्या आश्रम का निर्माण कार्य 162.760, समेली में 100 सीटर आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 191.510, पालनार में 100 सीटर आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 288.590, ग्राम जावंगा में स्वीमिंग पुल निर्माण कार्य 221.040, जोगिंग ट्रैक एवं बाउंड्रीबॉल निर्माण कार्य 47.130, सामुदायिक भवन गीदम जावंगा में पार्क एवं ट्यूबवेल निर्माण कार्य 49.510, आदिवासी बालक आश्रम बोदली में कार्य 162.760, आदिवासी बालक आश्रम समेली में कार्य 162.760, आदिवासी बालक आश्रम नहाड़ी में कार्य 162.760, आदिवासी बालक आश्रम बुरगुग 162.760, आदिवासी बालक आश्रम पोटाली 162.760, आदिवासी बालक आश्रम कौरगांव 162.760 आदिवासी बालक आश्रम मुस्तलनार 162.760, आदिवासी बालक आश्रम गुमलनार 162.760 आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास गीदम 191.510, आदिवासी नवीन पो. मै. बालक छात्रावास गीदम 191.510, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास कुआकोण्डा 191.510, आदिवासी पो.मे. बालक छात्रावास कासोली 191.510, आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास कासोली 191.510, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास दन्तेवाड़ा 191.510, आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास दन्तेवाड़ा 191.510, कैडियापारा एनीकट (ग्राम पंचायत भूसारास) निर्माण कार्य 260.460, फरसपाल जलाशय योजना का जीर्णोद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य 255.770, चेक डेम निर्माण कार्य ग्राम झिरका पण्डेवार 49.990, झोडि़याबाड़म नदी पर एनीकट निर्माण कार्य 390.310, कामालूर से बासनपुर मार्ग पर पुलिया निर्माण 18.450, आर. सी. सी. स्लेब पुलिया निर्माण 03 स्पान 06 मी. स्पान बालूद से कुआपारा 49.560, पुलिया निर्माण कामालुर से बासनपुर आर. डी. 4. 05 मी. 41.300, आर. सी. सी. स्लेब पुलिया निर्माण 06 मी. स्पान बालूद से मंझारपारा 25.180, पुलिया निर्माण बालूद से टोटापारा मार्ग 30.160, डंकनी नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य कि. मी. पोन्दुम से दाबपाल मार्ग पर 445.700, जिला दन्तेवाड़ा के ग्रामीण महिला एवं युवाओं के लिये आर्थिक अवसरों को उप्रेरित करने के लिये युवा हब संचालन कार्य 59.800, ग्राम पंचायत नहाड़ी के आश्रित ग्राम मुलेर में विद्युतीकरण कार्य 345.000 के कार्य शामिल हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह और वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग के सदस्य श्रीमती ओजस्वी मण्डावी, डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, एसपी श्री गौरव राय तथा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने युद्ध स्तर पर शुरू करने कहा सड़क मरम्मत का काम
10 अक्टूबर तक कार्यादेश जारी कर 15 अक्टूबर से काम प्रारंभ करने के दिए निर्देश
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की
फील्ड में भरपूर समय बिताएं अधिकारी, लापरवाह अधिकारियों को सीधे वीआरएस दिया जाएगा - श्री अरुण साव
उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने आज बिलासपुर संभागीय मुख्यालय में संभाग के जिलों में लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सड़कों की मरम्मत का काम सर्वोच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए 10 अक्टूबर तक कार्यादेश जारी कर हर हाल में 15 अक्टूबर से कार्य शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि सड़कों की ऐसी मरम्मत करें कि उनमें एक भी गड्ढा नहीं दिखना चाहिए। नवम्बर तक सभी सड़कें चकाचक हो जाने चाहिए। बिलासपुर सर्किट हाउस में हुई समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह और प्रमुख अभियंता श्री के.के. पिपरी भी शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की लगभग तीन घण्टे तक मैराथन बैठक ली। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से कहा कि केवल ऑफिस में न बैठें। आधा से ज्यादा समय फील्ड में बताएं। बारीकी से कामों का निरीक्षण करें। गुणवत्ता और समय सीमा का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि जब आप स्वयं निर्माण कार्यों के लिए समय-सीमा और गुणवत्ता का निर्धारण करते हैं तो इसका पालन कराने की जिम्मेदारी भी आपकी है। हर परियोजना की ड्राइविंग सीट पर आपको होना चाहिए, किसी ठेकेदार या अन्य को नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि काम में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह अधिकारियों का केवल निलंबन या ट्रांसफर नहीं होगा, सीधे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अधिकारियों को बदलते समय के अनुसार आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग में कामकाज का तरीका पूरी तरह बदल गया है। 20 साल पहले जैसे पीडब्ल्यूडी के काम अब नहीं होंगे। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। विलंब होने पर जटिलताएं पैदा होती हैं। श्री साव ने कहा कि विभाग में बड़े कामों को समय से पहले पूर्ण करने पर बोनस देने का प्रावधान है। अब तक किसी ने इसके लिए दावा नहीं किया है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि सरकार के पास राशि की कमी नहीं है। छोटी-छोटी समस्याओं के लिए काम न रोका जाए। उन्होंने निर्माण और संधारण कार्यों की निगरानी एवं मॉनिटरिंग के लिए विभाग द्वारा तैयार किए गए 'दृष्टि' एप का उपयोग नहीं करने पर अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की। श्री साव ने समीक्षा बैठक में कहा कि गड़बड़ियां करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं अच्छा काम करने वालों को शासन प्रोत्साहन भी देगी। समीक्षा बैठक में बिलासपुर संभाग के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता सहित सभी जिलों के कार्यपालन अभियंता भी मौजूद थे।
खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता का किया शुभारंभ
खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने पुलिस लाईन स्थित एकलव्य शूटिंग रेंज में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए ‘राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता‘ का शुभारम्भ किया।
इस प्रतियोगिता का नाम सेल्फ प्रोटेक्शन इनिशिएटिव चैम्पियनशिप’ रखा गया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 09 अक्टूबर तक होगा। इस अवसर पर उनके साथ रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जनसंपर्क आयुक्त श्री मयंक श्रीवास्तव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह, वरिष्ट संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी और रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर के साथ अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। इस प्रतियोगिता में रायपुर और अन्य जिलों के लगभग 200 से अधिक पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं।
आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा जैविक कृषि जिला बनने की ओर अग्रसर
जिले के 110 गांव के 10264 किसानों की 65279 हेक्टेयर भूमि का किया गया जैविक प्रमाणीकरण
जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा को जैविक जिला बनाने की ओर वृहद स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में प्रमुख रूप से जिले के किसानों को जैविक खेती की विभिन्न तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है। किसानों को रासायनिक खेती को छोड़ कर जैविक खेती की ओर अग्रसर करना एवं किसानों का जैविक प्रमाणीकरण इत्यादि गतिविधियां शामिल है।
गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का प्रचार-प्रसार और विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। इसके अतिरिक्त वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण अंतर्गत जिले के 110 गांव के 10 हजार 264 किसानों के 65 हजार 279 हेक्टेयर भूमि का जैविक प्रमाणीकरण किया जा चुका है जो कि देश में सबसे बड़ा क्षेत्र है।
जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य के सभी आकांक्षी जिले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले में वर्तमान में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले के 220 ग्रामों में तीन चरणों में कृषक खेत पाठशाला का आयोजन के साथ-साथ जैविक कार्यकर्ताओं के माध्यम से तकनीकी सहयोग किसानों को दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ जैविक किसानों को विभिन्न जगहों पर अभ्यास भ्रमण एवं उनके लिए आवासीय प्रशिक्षणों का आयोजन भी किया जा रहा है।
मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने स्वास्थ्य कर्मियों एवं अतिथि शिक्षकों को प्रदान किया नियुक्ति पत्र
114 स्वास्थ्य कर्मियों एवं 11 अतिथि शिक्षकों की डीएमएफ से हुई नियुक्ति
विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के 11 अभ्यर्थी बने अतिथि शिक्षक
कोरबा जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि से विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे हैं। नीट, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बच्चों की उच्च शिक्षण संस्थानों में निःशुल्क कोचिंग और उच्च शिक्षा हेतु महाविद्यालय, विश्वविद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई के लिए डीएमएफ मद से सहयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते दिनों जिले के सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 114 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय (पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर) के 11 अभ्यर्थियों को विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गई है। उक्त बातें कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित डीएमएफ मद से स्वास्थ्य कर्मियों के नियुक्ति पत्र अभ्यर्थियों को वितरित करते हुए उद्योग, वाणिज्य, व्यापार एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कही।
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि जिले में खनिज न्यास संस्थान की राशि का उपयोग पारदर्शीपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। श्री देवांगन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि का उपयोग खनन प्रभावित जिले के ही विकास कार्यों में सदुपयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन ने दंत चिकित्सक डॉ. प्रीति गुप्ता, डॉ. अर्पण भेलवा, डॉ. प्रिया तिर्की, डॉ. धनंजय जायसवाल, लैब टेक्निशियन श्री दीपक कश्यप, सुश्री गीता, फार्मासिस्ट सुब्रत शर्मा एवं ड्रेसर मुकेश कुमार को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसके साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के सुश्री आरती एवं सुश्री अनुसुईया को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र प्रदान कर शुभकामनाएं दी। मंत्री श्री देवांगन ने श्री राजकुमार चिकनीपाली, श्री वनवीरा, श्री अंजयारी बाई पतरापाली, विमलाबाई पतरापाली को वनाधिकार पत्रों का भी वितरण किया।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि जिले के विकास कार्यों के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्हें अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्रदान की गई है। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी, अपर कलेक्टर श्री दिनेश नाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केसरी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री श्रीकांत कसेर सहित आदि विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
हरिबोल स्व सहायता समूह : वनौषधि प्रसंस्करण केंद्र डोंगानाला की प्रेरक सफलता
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर वनौषधि प्रसंस्करण के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। वन औषधियों के प्रसंस्करण से न केवल प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग हो रहा है, बल्कि स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस क्षेत्र में महिलाओं की सक्रीय भूमिका को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है।
छत्तीसगढ़ के कटघोरा वनमंडल में स्थित हरिबोल स्व सहायता समूह, डोंगानाला की 12 महिलाओं द्वारा संचालित वनौषधि प्रसंस्करण केंद्र ने अपनी मेहनत, लगन और सामूहिक प्रयासों से एक प्रेरक सफलता हासिल की है। वर्ष 2006-07 में शुरू हुई यह केंद्र यूरोपियन कमीशन परियोजना के अंतर्गत संचालित होता है। आज यह समूह अपने अनूठे प्रयासों के कारण प्रदेशभर में एक मिसाल बन चुका है।
इस समूह की महिलाओं का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। पहले वे गांव में मजदूरी करके अपनी आजीविका चलाती थी। उनकी मासिक आय मुश्किल से 500-600 रुपये होती थी। आर्थिक तंगी से जूझते हुए उनके सामने कई चुनौतियाँ थी, लेकिन एक सामूहिक संकल्प ने उनकी जिंदगी बदल दी।
समूह ने वनौषधियों के प्रसंस्करण के क्षेत्र में कदम रखा और आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माण शुरू किया। समूह द्वारा हिंगवाष्टक चूर्ण, अश्वगंधादि चूर्ण, सीतोपलादी चूर्ण, पुष्यानुग चूर्ण, बिलवादी चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, पंचसम चूर्ण, शतावरी चूर्ण, आमलकी चूर्ण, पयोकिल दंतमंजन, हर्बल काफ़ी चूर्ण, महिला मित्र चूर्ण, हर्बल फेसपैक चूर्ण, हर्बल केशपाल चूर्ण आदि जैसी कई आयुर्वेदिक वनौषधियों का निर्माण किया जाता है। कच्ची वनौषधियों का संग्रहण, घटकों का निर्धारण और प्रसंस्करण कार्य आयुर्वेद चिकित्सक (टेक्निकल स्टाफ) के मार्गदर्शन में किया जाता है। समूह ने हाल ही में आयुष विभाग से 2 करोड़ रुपये का ऑर्डर प्राप्त किया है, जिससे समूह की गुणवत्ता का प्रमाण स्वयं सिद्ध होता है। यह न केवल उनकी उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि उनके प्रयासों की निरंतर बढ़ती विश्वसनीयता और मांग को भी साबित करता है।
हरिबोल स्व सहायता समूह की महिलाओं की उद्यमिता से उत्पादित इन वनौषधियों की मांग स्थानीय और प्रदेश स्तर पर अत्यधिक है। समूह द्वारा प्रतिवर्ष औसतन लगभग 44 लाख की वनौषधियों का विक्रय किया जाता है। इसके अलावा केंद्र में नियुक्त अनुभवी वैद्य की देखरेख में स्थानीय एवं आसपास के सैकड़ों मरीजों का विभिन्न बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है।
हरिबोल स्व सहायता समूह की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम यह हुआ कि वर्ष 2007-08 में 97,204 रुपये का लाभ अर्जित किया गया। यह शुरुआत की सफलता ने महिलाओं का आत्मविश्वास और बढ़ा दिया। वर्ष 2023-24 में समूह ने 6,57,254 रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जिससे प्रत्येक सदस्य की वार्षिक आय लगभग पौने दो लाख रुपये तक पहुँच गई। यह आर्थिक परिवर्तन उनकी पुरानी स्थिति के मुकाबले एक विशाल उन्नति थी।
इसके अतिरिक्त समूह की प्रत्येक सदस्य को प्राप्त लाभांश में से 3000 रुपये घरेलू कामों के लिए दिया जाता है, जबकि शेष राशि का उपयोग केंद्र के उन्नयन और विकास के लिए किया जाता है। इस प्रकार समूह न केवल व्यक्तिगत आय में वृद्धि कर रहा है, बल्कि स्थिर और दीर्घकालिक विकास की दिशा में भी अग्रसर है।
हरिबोल स्व सहायता समूह ने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा है, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी मजबूत की है। महिलाएँ अब आत्मनिर्भर हैं और अपने परिवारों को बेहतर जीवन प्रदान कर रही हैं। उनके आत्मविश्वास में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और वे अपनी उद्यमशीलता से दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरोज पटेल ने इस सफलता के बारे में कहा, राज्य वन विभाग के सहयोग से हमारा जीवन स्तर बहुत सुधर गया है। आज हम आत्मनिर्भर हैं और समाज में सम्मानित स्थान पा चुके हैं।
इस परियोजना की सफलता में छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में वन औषधियों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन में स्व सहायता समूहों को शामिल करके आय सृजन के प्रति राज्य वन विभाग प्रतिबद्ध है। इस पहल से न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है, बल्कि राज्य की वन संपदा का भी सही उपयोग हो रहा है।
हरिबोल स्व सहायता समूह को न केवल स्थानीय स्तर पर सराहा गया है, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिला है। सिंगापुर में इसे प्रतिष्ठित ग्रिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया और भारत सरकार के ट्राइफेड और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बेस्ट फॉरेस्ट प्रोड्यूस पुरस्कार से नवाजा गया है।
डोंगानाला का यह वनौषधि प्रसंस्करण केंद्र न केवल हरिबोल स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। इस पहल ने यह साबित किया है कि सही दिशा और संकल्प के साथ किए गए प्रयास बड़े से बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। आज यह समूह अन्य स्व सहायता समूहों और ग्रामीण समुदायों के लिए एक आदर्श उदाहरण है कि सामूहिकता, मेहनत और दृढ़ निश्चय से सपने पूरे किए जा सकते है।
ज्योति कलशों से जगमगाया मां बम्लेश्वरी देवी का दरबार
डोंगरगढ़- या देवी सर्वभुतेशु शक्ति रूपेण संषिता, नमः तस्ये नमो नमः की गूंज के साथ 9 दिन तक चलने वाले क्वार नवरात्र पर्व की बुधवार को शुरुवात हुई। मां बम्लेश्वरी के दरबार में अखंड सप्तसती पाठ के साथ आचार्य पं. रघुनाथ महाराज एवं राजकुमार महाराज ने विधिवत शक्तिपीठ की पूजा एवं अष्टमी को होने वाले हवन के पाठ स्थल की स्थापना किया। सुबह 5 बजे से माता का अभिषेक पूजन व आरती के साथ कालरात्रि, छिन्दमस्ता माता एवं ग्राम देवी देवताओं की पूजा अर्चना के साथ काल भैरव के आव्हान के साथ ही आदिशक्ति की आराधना की गई। इस आयोजन में हजारों दर्शनार्थियों ने उपस्थिति दर्ज कराया।आचार्यों के मार्गदर्शन में ज्योति कलशों की स्थापना
अन्य मंदिर भी भक्तों से गुलजार बयरात्र के पहले रात्रि बजे उपर मंदिर एवं जीचे मंदिर हजारों सबका उपेति कलशों को प्रज्जवलित किया गया। पुरानी परंपरा के अनुसार दोपहर 3 बजे से ज्योति कक्षों में मंत्रोत्तर के सब पट पूजा कर ज्योति कलाओं में तेल और बाती लगाना शुरू किया गय। माता की आरती और कान भैरव के आशान के साथ मां बनलेश्वरी समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने मां चम्लेश्वरी की प्रथमज्योत को बैगाओं की उपस्थिति में उजवलित किया। ट्रस्ट समिति ने नीचे मन्दिर शीतला मंदिर में ज्योति की प्रज्जवलित किया। उपर मंदिर में 8500 ज्योति कलासों की स्वाधना ट्रस्टी चालू शांडिल्य एवं अन्य ट्रस्टियों की उपस्थिति में की गई।
दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़: 36 ढेर
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को माओवादियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया है. दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है. मुठभेड़ में अब तक 36 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. इनमें से 14 के शव बरामद हो गए हैं. इसके साथ ही बड़ी संख्या में ऑटोमेटेड हथियार बरामद किए गए हैं. यह मुठभेड़ जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में हुई. नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर माड़ इलाके में नक्सलियों का सर्च ऑपरेशन चल रहा है.
दरअसल, सुरक्षाबलों को शुक्रवार को एक मुखबिर से सूचना मिली की जंगल में नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फ़िराक में हैं. सूचना मिलने के बाद फोर्स को मौके के लिए रवाना किया गया. जवानों को आता देख नक्सलियों की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई. जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की. जवानों को भारी पड़ता देख मौके से नक्सली पीछे हट गए. इस मुठभेड़ में कई इनामी नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है. नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 को भी पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है.
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पी ने बताया कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले की सीमा में अबूझमाड़ के थुलथुली गांव के जंगल में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 30 नक्सलियों को मार गिराया गया है. अब तक 14 के शव मिले हैं. सुरक्षाबल के दल में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और विशेष कार्य बल (STF) के जवान शामिल थे.
रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की. क्षेत्र में रुक- रुक कर गोलीबारी हो रही है. मुठभेड़ में सभी जवानों के सुरक्षित होने की जानकारी मिली है. आईजी पी. सुंदरराज के मुताबिक, मुठभेड़ का पूरा अपडेट आने में समय लगेगा. क्योंकि रात का समय है. रुक-रुक कर दोनों तरफ से फायरिंग हो रही है.
CM विष्णुदेव साय ने आज ही किया था दंतेवाड़ा का दौरा
नक्सलियों के साथ मुठभेड़ से पहले आज सुबह ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दंतेवाड़ा का दौरा किया था. यहां शुक्रवार को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के साथ 167.21 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया था.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ के साथ ही इस वर्ष अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में 171 माओवादियों को मार गिराया है.
माओवादियों के खात्मे के लिए CRPF की 4 बटालियन होगी तैनात
सरकार ने साल 2026 कर छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के खात्मे के लिए नई स्ट्रैटजी बनाई है. इसके तहत CRPF की और 4 बटालियन को बस्तर में तैनात किया जा रहा है. करीब 4 हजार जवान बस्तर के अलग-अलग जिलों में नक्सल मोर्चे पर तैनात होंगे. इनमें झारखंड से 3 और बिहार से 1 बटालियन को भेजा जा रहा है.
IG सुंदरराज पी के मुताबिक कुछ जवान बस्तर पहुंचे हैं. बाकियों की ट्रेनिंग चल रही है. सरकार का दावा है कि नक्सलियों के साथ अब यह निर्णायक लड़ाई है. नक्सलियों से लड़ने के लिए फोर्स को और मजबूत किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किया प्रथम छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का शुभारंभ, पारंपरिक हर्बल उत्पादों और लोक कला का किया अवलोकन
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित साइंस कॉलेज ग्राउंड परिसर में आज *प्रथम छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश की पारंपरिक वन संपदा, औषधीय उत्पादों और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल और प्रदर्शनी लगाई गई थी। मुख्यमंत्री ने इन स्टॉलों का भ्रमण कर उत्पादों की जानकारी ली और कलाकारों व कारीगरों के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
पारंपरिक औषधियों की जानकारी प्राप्त की
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ वैद्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री दशरथ नेताम द्वारा प्रदर्शित पारंपरिक औषधियों का अवलोकन किया। श्री नेताम ने बताया कि ये औषधियाँ जंगलों से विशेष रूप से चुनकर लाई गई जड़ी-बूटियों से तैयार की जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत प्रभावी हैं। उन्होंने इन औषधियों की निर्माण प्रक्रिया और उनके उपयोग के लाभों पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इन पारंपरिक विधियों के संरक्षण और प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।
महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की सराहना
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी मर्यादित संघ के स्टॉल पर जाकर विभिन्न वन-आधारित उत्पादों जैसे जशपुर के हैंडमेड ग्रीन टी, हर्बल च्यवनप्राश, और बस्तर क्षेत्र के आदिवासी समुदाय द्वारा तैयार किए गए शुद्ध हर्बल उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने ‘हर्बल छत्तीसगढ़’ ब्रांड के तहत तैयार शहद, रागी-कोदो कुकीज, आँवला कैंडी, और जामुन रस जैसे उत्पादों को देखकर हर्ष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “इन हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने से न केवल स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा।”
लोक कलाकारों के अनोखे प्रदर्शन की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने देवरी (आरंग) के मोहरी वादक श्री विशाल राम यादव और कोलिहापुरी, दुर्ग के चिकारा वादक श्री मनहरण दास बंजारे के लोक वाद्य प्रदर्शन का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पारंपरिक लोक कलाएँ हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं, जिन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने दोनों कलाकारों को उनके संगीत के प्रति समर्पण के लिए बधाई दी।
रजवार कला के भित्ति चित्रों की सराहना
भित्ति चित्र कलाकार डॉ. शशिप्रिया उपाध्याय ने मुख्यमंत्री को उनकी टीम द्वारा बनाए गए भित्ति चित्रों के बारे में बताया, जिनमें रजवार कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिम संस्कृति, लोक जीवन, और पारंपरिक वेशभूषा को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि रजवार कला का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को जीवित रखना और इसे नए आयाम देना है। मुख्यमंत्री ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि, "ऐसी लोककलाओं के संरक्षण और प्रचार-प्रसार से हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भविष्य सुरक्षित रहेगा।"
दिव्यांग बच्चों की कला का सम्मान
मुख्यमंत्री ने शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय, माना कैम्प के मूक-बधिर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई चित्रकला प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस दौरान छात्र धनदास बरमते ने स्वनिर्मित लोककला आधारित चित्र मुख्यमंत्री को भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस उपहार को स्वीकारते हुए धनदास की कला की प्रशंसा की और कहा, "आपकी यह कला हमारी संस्कृति को नई पहचान देने का कार्य करेगी।" उन्होंने धनदास के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
45 वर्षों से पारंपरिक वाद्य यंत्रों का संरक्षण कर रहे श्री रिखि क्षत्रिय का अभिनंदन
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वाद्य यंत्रों के संरक्षण में योगदान देने वाले श्री रिखि क्षत्रिय ने मुख्यमंत्री को अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। श्री क्षत्रिय ने कहा कि वे पिछले 45 वर्षों से छत्तीसगढ़ी वाद्य यंत्रों—जैसे रुंजू बाजा, घूमरा बाजा और चिरई बाजा—का संरक्षण और प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर छत्तीसगढ़ की झांकी में पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। श्री क्षत्रिय ने मुख्यमंत्री को रुंजू बाजा भेंट किया और अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करते हुए घूमरा बाजा से शेर की आवाज और चिरई बाजा से चिड़िया की आवाज निकालकर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया। मुख्यमंत्री ने उनके इस अनूठे योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे कलाकार हमारी लोक परंपराओं के सच्चे रक्षक हैं।
छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को मिला मंच
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन जैसे आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक उत्पादों और हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करते हैं। ये आयोजन हमारे पारंपरिक ज्ञान और संस्कृति को सहेजने के साथ-साथ, इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक हैं।”
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कला प्रेमियों और स्थानीय निवासियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रयासों की सराहना की। साथ ही, मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों, कारीगरों, और प्रतिभागियों को प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की बस को झंडी दिखाकर किया रवाना
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां बम्लेश्वरी के दर्शन लाभ के लिए जा रहे श्रद्धालुओं के बस को मुख्यमंत्री निवास से झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने नवरात्रि के शुभ मौके पर इस पावन यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। सभी श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री को नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। मां बम्लेश्वरी के जयकारे और भजन-कीर्तन के साथ यह यात्रा शुरू हुई।
गौरतलब है कि मां काली अन्नदान भंडारा समिति द्वारा श्रद्धालुओं को पिछले 09 वर्षों से लगातार नवरात्रि के पावन मौके पर मां बम्लेश्वरी धाम की निःशुल्क यात्रा कराई जाती है। इस वर्ष भी आगामी 5 दिनों तक रोजाना चार बसों के माध्यम से श्रद्धालुओं को मां बम्लेश्वरी दर्शन के लिए भेजा जा रहा है।
इस मौके पर श्री संजय श्रीवास्तव और मां काली अन्नदान भंडारा समिति के अध्यक्ष श्री दीपक भारद्वाज मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और पहल में हो रहे भव्य सैन्य समारोह के लिए आज राजधानी रायपुर पहुंचे भारतीय सेना के भीष्म टैंक और अन्य आर्टिलरी का शानदार स्वागत किया गया
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और पहल में हो रहे भव्य सैन्य समारोह के लिए आज राजधानी रायपुर पहुंचे भारतीय सेना के भीष्म टैंक और अन्य आर्टिलरी का शानदार स्वागत किया गया। इसके बाद एक रैली के रूप में टैंक एवं सैन्य उपकरण रायपुर शहर के तेलीबांधा, मरीन ड्राइव, कलेक्ट्रेट, जयस्तंभ और आश्रम चौक होते हुए साइंस कॉलेज मैदान तक मैदान पहुंचा।
शहर के नागरिकों में इसे लेकर ख़ासा उत्साह रहा। सैकड़ों लोग इस शानदार रैली को मोबाइल से कैप्चर करते दिखे।
गौरतलब है कि सैन्य प्रदर्शनी 5-6 अक्टूबर को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होगा। इसमें सेना के जाबांज सैनिक अपने शौर्य का प्रदर्शन करेंगे।