छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जशपुर में विमान उड़ान प्रशिक्षण का शुभारंभ किया, एनसीसी कैडेट्स का बढ़ाया उत्साह
राज्य सरकार युवाओं को बनाएगी पायलट, हर संभव सहायता होगी उपलब्ध
प्रशिक्षु कैडेट्स का जोश – "हमारा सपना साकार हो रहा है!"
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के आगडीह हवाई पट्टी में 3 सीजी एयर स्क्वाड्रन एनसीसी रायपुर के कैडेट्स से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कैडेट्स के अनुभव सुने और जशपुर में पहली बार शुरू हुए विमान उड़ान प्रशिक्षण को एक ऐतिहासिक पहल बताया। उन्होंने कहा कि जशपुर अब केवल पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र नहीं, बल्कि विमानन प्रशिक्षण का नया हब भी बन रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को हर क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। अब युवा पायलट बनने का भी सपना साकार कर सकते हैं, जिसके लिए सरकार हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर माइक्रो लाइट एयर स्क्वाड्रन विमान का अवलोकन किया और उसकी तकनीकी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैडेट्स को जशपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया जाए, ताकि वे जिले के प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से परिचित हो सकें। उन्होंने यह भी बताया कि जशपुर में काजू, चाय पत्ती, नाशपाती और सेब की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है, जिससे यहां की कृषि को नया आयाम मिला है।
पहली बार जशपुर में विमान उड़ान प्रशिक्षण, 100 कैडेट्स को मिलेगा अवसर
जशपुर जिले में 7 मार्च 2025 से कैडेटों को सुबह विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान विमान आकाश में उड़ान भरने के बाद सुरक्षित लैंड करता है, जिससे कैडेट्स को व्यावहारिक अनुभव मिलता है। रायपुर से बाहर पहली बार जशपुर जिले में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिससे कैडेट्स में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
ट्विन-सीटर SW-80 विमान से दी जा रही ट्रेनिंग
आगडीह हवाई पट्टी की लंबाई 1200 मीटर और चौड़ाई 25 मीटर है। यहां सिंगल इंजन ट्विन-सीटर वायरस SW-80 विमान से कैडेट्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो 20,000 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ सकता है। हालांकि, फिलहाल प्रशिक्षण के लिए 1,000 फीट की ऊंचाई तक ही उड़ान संचालित की जा रही है।
कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि एनसीसी एयर विंग के "सी" सर्टिफिकेट में उच्च ग्रेडिंग प्राप्त करने वाले कैडेट्स सीधे एयरफोर्स इंटरव्यू के लिए पात्र माने जाते हैं, जिससे यह प्रशिक्षण उनके सुनहरे भविष्य की नींव रखता है।
कैडेट्स का उत्साह – "एयरफोर्स पायलट बनने का सपना साकार होगा"
प्रशिक्षु नितेश प्रजापति ने बताया कि जशपुर का स्वच्छ और खूबसूरत वातावरण उड़ान प्रशिक्षण के लिए बहुत उपयुक्त है। उन्होंने कहा,
"मेरा सपना एयरफोर्स पायलट बनने का है, और यह प्रशिक्षण मुझे उस दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।"
इसी तरह प्रांशु चौहान ने बताया कि जशपुर में एयर ट्रैफिक साफ-सुथरा रहता है, जिससे उड़ान में कोई बाधा नहीं आती। रनवे भी पूरी तरह से क्लियर रहता है, जिससे प्रशिक्षण बिना किसी रुकावट के संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा, "प्राकृतिक सुंदरता के बीच प्रशिक्षण लेना हमारे लिए हमेशा यादगार रहेगा।"
इस अवसर पर सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, सरगुजा कमिश्नर श्री नरेंद्र कुमार दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
रायगढ़ को विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए निरंतर कार्य करेंगे : वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी
रायगढ़ जिला पंचायत के नव निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का प्रथम सम्मिलन समारोह
रायगढ़ जिला पंचायत के नव निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का प्रथम सम्मिलन एवं शपथ ग्रहण समारोह नगर निगम ऑडिटोरियम, पंजरी प्लांट में संपन्न हुआ। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि जनता ने जो भरोसा आप पर जताया है, उस पर खरा उतरने के लिए एक टीम के रूप में कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में विकास को गति देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बीते सवा साल में किसानों को 1 लाख करोड़ रुपये की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत अंतरित की गई है। हाल ही में धान खरीदी के अंतर की राशि के रूप में 12 हजार करोड़ रुपये किसानों को दिए गए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख माताओं और बहनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। सरकार ने आवास निर्माण को प्राथमिकता देते हुए 18 लाख नए आवासों की मंजूरी दी है, जिनका निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्री रामलला दर्शन योजना के माध्यम से अयोध्या और बनारस के दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है। हाल ही में प्रयागराज कुंभ में छत्तीसगढ़ पवेलियन की स्थापना कर राज्य के श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाया गया।
रायगढ़ में विकास की नई इबारत
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने रायगढ़ के विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिले में 35 करोड़ रुपये की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। इतवारी बाजार के सौंदर्यीकरण, ऑक्सीजोन और आदर्श मंडी का कार्य प्रगति पर है। शहर की सड़कों को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। केलो परियोजना की नहरों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है, साथ ही 291 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान की गई है। अन्य विकास कार्यों में सपनई डैम का विस्तार, घरघोड़ा-रायगढ़ और कसडोल-रायगढ़ सड़क निर्माण, रायगढ़ में फिजियोथेरेपी कॉलेज, पुसौर में नर्सिंग कॉलेज, कला एवं संगीत महाविद्यालय, हार्टिकल्चर कॉलेज की स्थापना शामिल हैं।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविन्द्र गबेल, उपाध्यक्ष श्री दीपक सिदार एवं सभी नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों ने पंचायती राज अधिनियमों के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करने की शपथ ली।
इस महत्वपूर्ण समारोह में रायगढ़ के लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया, नगर निगम महापौर श्री जीवर्धन चौहान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सारंगढ़ श्री अजय नायक, कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल, अपर कलेक्टर श्री रवि राही सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना से बिजली बिल हुआ शून्य
सौर ऊर्जा से हो रही बचत
78 हजार रुपए की सरकारी सब्सिडी से सौर ऊर्जा का सपना हुआ साकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी ऊर्जा नीति के तहत प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना देशभर में लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इस योजना का लाभ लेकर राजनांदगांव के अनुपम नगर निवासी श्री रमेश एम. चावडा ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि 1.90 लाख रुपए की लागत वाले इस प्लांट के लिए केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए की सब्सिडी मिली, जिससे उनके लिए यह प्लांट लगाना आसान हो गया।
श्री चावडा बताते हैं कि रूफटॉप सोलर प्लांट के चलते उनके बिजली बिल में भारी कमी आई है। इतना ही नहीं, नेट मीटरिंग प्रणाली के तहत अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजकर आय अर्जित करने का अवसर भी मिला। यानी, जितनी बिजली उनके घर में खपत होती है, उससे अधिक बिजली उत्पादन होने पर वह अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकते हैं, जिससे न केवल उनका बिजली बिल शून्य हो गया बल्कि कुछ अतिरिक्त आय भी हो रही है।
श्री चावडा ने प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना न केवल बिजली बिल बचाने में मददगार है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही है। इससे कोयला और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम हो रही है, और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिल रहा है।
इस योजना के तहत सरकार 30 हजार से 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले प्लांट पर अधिकतम 78 हजार रुपए तक का अनुदान मिलता है। इसके अलावा, यदि उपभोक्ता को बाकी राशि के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत हो, तो सरकार 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण की सुविधा भी प्रदान कर रही है।
योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को
PMSuryaGhar.gov.in
वेबसाइट या PMSuryaGhar मोबाइल ऐप पर पंजीकरण करना होगा। इसके बाद, वेब पोर्टल पर सूचीबद्ध अधिकृत वेंडर का चुनाव कर, बिजली विभाग के सहयोग से आवेदन पूरा किया जाता है। वेंडर द्वारा प्लांट लगाने और डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित करने के बाद, सरकार की ओर से सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के खाते में जमा कर दी जाती है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना के तहत छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में लाखों परिवारों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना न केवल घर-घर मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त कर रही है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी साकार कर रही है।
श्री चावडा का कहना है कि सभी नागरिकों को इस योजना का लाभ उठाकर अपने घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाना चाहिए। इससे बिजली पर खर्च कम होगा, पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
बस्तर पंडूम 2025 : स्थानीय लोककला एवं सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ शासन की अभिनव पहल
तीनदिवसीय विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता का शुभारंभ आज
छ.ग. शासन मुख्य सचिव कार्यालय महानदी भवन, मंत्रालय का पत्र क्र./ 106 /ओ.एस.डी./ मु.स.का./ 2025 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 24.02.2025 द्वारा जनजाति बाहुल्य बस्तर संभाग की स्थानीय कला एवं सांस्कृतिक परंपरा से परिपूर्ण बस्तर अंचल के लोककला, शिल्प, तीज-त्यौहार, खानपान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेश-भूषा, आभूषण, वाद्ययंत्र, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, लोकनाट्य, पेयपदार्थों के मूल स्वरूप को संरक्षण संवर्धन एवं कला समूहों के सतत् विकास तथा जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के उद्देश्य से बस्तर पंडूम 2025 का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में सुकमा जिले में बस्तर पंडूम 2025 का आयोजन किया जाएगा।
विकासखंड स्तरीय बस्तर पंडुम प्रतियोगिता का आयोजन 17 मार्च से 19 मार्च तक सभी विकासखंडों में किया जाएगा। प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए सर्व एसडीएम (सुकमा/कोंटा/छिंदगढ़) को नोडल अधिकारी और सर्व जनपद सीईओ को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उनके सहयोग के लिए संबंधित मंडल संयोजक और खंड स्त्रोत समन्वयक की ड्यूटी लगाई गई है।
विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता के पश्चात विजयी प्रतिभागियों के जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 21 मार्च से 23 मार्च तक जिला मुख्यालय सुकमा में किया जाएगा। प्रतियोगिता के सुचारू क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सीएम साय ने जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों को ने दिलाई शपथ
बार काउंसिल के जीर्णाेद्धार एवं ई-लाइब्रेरी निर्माण हेतु 1 करोड़ की घोषणा
जशपुर बार काउंसिल के जीर्णाेद्धार एवं ई-लाइब्रेरी निर्माण हेतु 1 करोड़ की घोषणारनगर । जशपुर के जिला व्यवहार न्यायालय में जिला अधिवक्ता संघ के द्वारा नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के लिए आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। यहां उन्होंने नव निर्वाचित अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एवं सदस्यों को शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन खरे, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण एवं विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय, विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत उपस्थित रहे।
जिसमें जशपुर जिला अधिवक्ता संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम प्रकाश साय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जनार्दन प्रसाद सिन्हा, कनिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती दीपिका कुजूर, सचिव सत्य प्रकाश तिवारी, सह सचिव सूरज चौरसिया, कोषाध्यक्ष सुचेन्द्र कुमार सिंह, ग्रंथपाल गोपाल प्रसाद रवानी, क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक सचिव सत्येन्द्र जोल्हे शामिल रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने नव निर्वाचित अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज न्यायालयों में करोड़ों मामले लंबित हैं और न्याय की आशा में लोग न्यायालयों का रास्ता देख रहे हैं। हम सभी को अपने प्रयासों से सभी शोषित, पीड़ित एवं दलितों को न्याय दिलाने का कार्य करना है। जशपुर का जिला अधिवक्ता संघ अपने आप में ऐतिहासिक रहा है, यहां भारतचंद काबरा, बालासाहेब देशपांडे जैसी महान विभूतियों के साथ मेरे परिवार के नरहरि साय ने भी नेतृत्व किया है। सभी ने शोषित, पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए कार्य किया, जिससे कई लोगों को न्याय प्राप्त हुआ है, यह परंपरा हमें बनाये रखनी है। इस अवसर पर उन्होंने बार काउंसिल के जीर्णाेद्धार, ई-लाइब्रेरी निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद ने कहा कि अधिवक्ता संघ एवं न्याय व्यवस्था में अटूट रिश्ता रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अधिवक्ता संघ के द्वारा लोगों को न्याय दिलाने एवं नई पीढ़ी के अधिवक्ताओं को मार्गदर्शन देने का कार्य सदा जारी रहेगा। उन्होंने न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ गरिमा पूर्ण रूप से समाज सेवा करने का संदेश अधिवक्ताओं को दिया। इस कार्यक्रम में कलेक्टर रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, पवन साय, कृष्ण कुमार राय, रामप्रताप सिंह सहित अन्य अधिवक्तागण एवं नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में ग्रामीणों संग हर्षोल्लास से मनाई होली
सरल, सहज और आत्मीय मुख्यमंत्री से मिलने उमड़ा जनसैलाब
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने होली के रंगों में सराबोर अपने गृह ग्राम बगिया में ग्रामीणों के साथ आत्मीयता से होली का पर्व मनाया। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने और होली की शुभकामनाएं देने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया, गुलाल लगाया और पर्व की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि होली केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द्र और आपसी मेलजोल का उत्सव है। यह पर्व हमें हर भेदभाव भूलाकर एकता और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं पर भी चर्चा की।
होली के इस उल्लासमय अवसर पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के साथ खुशियों के रंग बांटे, पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया और इस पर्व को सामाजिक सौहार्द्र और उल्लास के साथ मनाया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में नितेश कच्छप और उनकी टीम ने होली के पारंपरिक लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिससे पूरा माहौल रंगीन और संगीतमय हो गया।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री रोहित व्यास, एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण, पत्रकार बंधु और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जशपुर जिले के टाटीडांड में सनातन समाज के अनुष्ठान में हुए शामिल, प्रदेशवासियों को दी होली की शुभकामनाएँ
होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड स्थित ग्राम टाटीडांड पहुँचे, जहाँ उन्होंने सनातन समाज के दुर्गा देवी संत समाज द्वारा आयोजित वार्षिक अनुष्ठान में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
कार्यक्रम में गुरु महाराज स्व. श्री धनपति पंडा के पुत्र श्री सहदेव पंडा की विशेष उपस्थिति रही। यह अनुष्ठान हर वर्ष फाल्गुन माह में होली के पावन पर्व पर आयोजित किया जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री साय अनेक वर्षों से शामिल होते रहे हैं।
होली भाईचारे और खुशियों का पर्व – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि होली केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे का पर्व है। उन्होंने कहा कि टाटीडांड में सनातन समाज द्वारा आयोजित यह अनुष्ठान परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने का माध्यम है, जिससे समाज में समरसता बनी रहती है।
शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश में विकास की नई रफ्तार
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर? पर राज्य सरकार की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसानों से देश में सर्वाधिक मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है, जिससे कृषि समृद्ध हो रही है। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख महिलाओं को हर माह ₹1000 की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है।
महाशिवपुराण कथा के लिए आमंत्रण
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 21 मार्च से 27 मार्च तक कुनकुरी विकासखंड में देश के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग स्थल मधेश्वर पहाड़ के समीप महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी कथा का वाचन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से इस दिव्य आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने भी होली की शुभकामनाएं देते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सामाजिक एकता को मजबूत करते हैं और लोगों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं।
इस अवसर पर सनातन समाज के श्रद्धालु और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
बगिया में बच्चों संग मुख्यमंत्री ने मनाई रंगों की होली
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज गांव के बच्चों के साथ होली का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया और उनके संग रंगों की खुशियां साझा कीं। बगिया के मंझापारा गांव में होली के रंगों से सराबोर बच्चों का मुख्यमंत्री के प्रति उत्साह और अपनापन देखते ही बनता था, जब वे अपने गांव के पुरोधा और प्रदेश के मुखिया से मिलने उनके निवास पहुंचे, तो दृश्य किसी पारिवारिक उत्सव जैसा प्रतीत हुआ।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने निज निवास पर बच्चों की टोली का आत्मीय स्वागत किया और खुद भी उनके संग होली के रंगों में रंग गए। उनकी सहजता और सादगी ने बच्चों को बेझिझक उनसे मिलने और घुल-मिलकर बातचीत करने का अवसर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने न केवल बच्चों से उनका हालचाल जाना, बल्कि उन्हें मिठाई खिलाई और उनके साथ ठहाके लगाते हुए हंसी-ठिठोली भी की।
बच्चों ने बताया कि वे पूरे गांव में होली खेलते हुए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं, और जब वे वहां पहुंचे, तो मुख्यमंत्री ने भी उनके संग पूरी आत्मीयता से रंग-गुलाल खेला। यह मिलन एक अनोखे उल्लास का प्रतीक बन गया, जिसमें प्रेम, स्नेह और भाईचारे के रंग घुल गए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि होली मेल-जोल, प्रेम और सौहार्द का पर्व है, जो समाज में भाईचारे को और भी मजबूत करता है। इस तरह के उत्सव हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखते हैं और हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
गांव के बच्चों के उत्साह और मुख्यमंत्री की आत्मीयता ने इस होली को और भी यादगार बना दिया। यह अवसर केवल रंगों का नहीं था, बल्कि उसमें अपनत्व, स्नेह और खुशियों के अनगिनत रंग घुले हुए थे।
मुख्यमंत्री श्री साय को शिक्षक ने भेंट किया विज्ञान जागरूकता अभियान का एल्बम
होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से उनके निज निवास बगिया में शिक्षक श्री विवेक पाठक ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को जशपुर जिले के विद्यालयों में संचालित विज्ञान जागरूकता कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी और संबंधित समाचारों एवं चित्रों का एक विशेष एल्बम भेंट किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब जशपुर जिले के युवा छात्र आकाश को छूने की तैयारी कर रहे हैं, जो जिले के उज्जवल भविष्य का संकेत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इसरो अध्यक्ष के साथ हुई अपनी उत्साहजनक मुलाकात का भी उल्लेख किया और अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में जिले के छात्रों को और अधिक प्रोत्साहित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में नई संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए ऐसे जागरूकता कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं। यह पहल विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि विज्ञान जागरूकता कार्यक्रमों की सफलता ने जशपुर जिले के उज्जवल भविष्य की नई संभावनाओं को और अधिक सशक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। इन अभियानों के तहत अंतरिक्ष अन्वेषण अभियान, अंतरिक्ष अन्वेषण रथ, विद्यार्थियों के नाम विभिन्न ग्रहों एवं उपग्रहों पर चिप के माध्यम से भेजे जाने जैसी अनूठी गतिविधियाँ शामिल हैं, जो छात्रों में वैज्ञानिक सोच और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि को बढ़ावा दे रही हैं।
पैसा उधार दिया, वापस नहीं मिल रहा हैं, तो अब वसूली कैसे करें ? जाने Advocate S. K. Ghosh से
कानून की प्रक्रिया से रकम वसूली के लिए क्या करना पड़ता है ?
मित्रवत् ऋण (friendly loan) समय की जरूरत के अनुसार लेन- देन करना पड़ता है। पैसे का लेन देन हो जाता हैं! एक निश्चित समय गुजरने के बाद भी दूसरा व्यक्ति रकम लौटा नहीं रहा हैं केवल लौटाने का आश्वासन देता रहता हैं, समय गुजरते चला जाता हैं। लेन- देन की कोई लिखा- पढ़ी नहीं हैं, नगद लेन देन है, तो अब रकम की वापसी कैसे होगी ?
1 ऋण राशि का लेन देन बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से किया जाना चाहिए, जो वसूली के लिए एक प्रमाण होता हैं। यदि आपके खाते में बैंकिंग चैनल के माध्यम से पैसा आया हैं तो बैंकिंग चैनल के माध्यम से लौटाना हैं। किसी अन्य व्यक्ति का पैसा अपने खाते में कभी भी नहीं मंगाना चाहिए, अन्यथा कभी भी वसूली की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता हैं। यह एक सावधानी एवं सर्तकता का नियम हैं।
2 कुछ बेईमान ऋण लेते हैं और लौटाने की नियत नहीं रखते हैं। उनका पहला प्रयास यही रहता हैं कि किसी तरह से 03 वर्ष गुजर जाए, इसके बाद कानून की प्रक्रिया के जरिए वसूली संभव नहीं हैं। कुछ बेईमान व्यक्ति ऋण लेते हैं तो किसी दूसरे के बैंक खाता में अंतरण करवा देते हैं। ऋण अदा करने से बच निकलते हैं क्योंकि पैसा अदा करने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति की होती हैं जिसके खाते में पैसा गया हैं।
ऋण राशि की वसूली के लिए लिखा- पढ़ी के साथ एक अनुबंध पत्र होना आवश्यक हैं, धनराशि का स्रोत होना आवश्यक है। ऋण विधिमान्य होना चाहिए। एक निश्चित धनरशि होना चाहिए।
सिविल प्रक्रिया संहिता का आदेश 37 में ऋण राशि की वसूली बहुत जल्दी हो जाती हैं लेकिन राशि अविवादित होना चाहिए। ऋण की वसूली के लिए समय सीमा 03 वर्ष हैं। ऋण देने की दिनांक से 03 वर्ष के भीतर वसूली की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जा सकता हैं। सबसे पहले अपने अधिवक्ता से संपर्क करें, पुलिस में शिकायत करें, मांग सूचना पत्र जारी करें और उधार दी गई रकम की मांग करे। मांग सूचना पत्र में ऋण राशि को अपने बंैक खाता में अंतरित करने को कहें। यदि 30 दिवस के अंदर रकम बैंक खाता में प्राप्त नहीं होती हैं, तो सिविल वाद न्यायालय में पेश कर दें।
आदेश 37 सिविल प्रक्रिया संहिता 1906 में संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया को अपनाया जाता हैं। ऋण अनुबंध पत्र एवं बैंक स्टैटमैन्ट ठोस एवं विश्वसनीय सबूत हैं। धनराशि का अंतरण स्वयं सिद्ध हो रहा हैं।
न्यायालय वादी के वाद पत्र को देखने के बाद ऋणी व्यक्ति को उपस्थिति के लिए समंस भेजता हैं। ऋणी व्यक्ति /प्रतिवादी को अपना बचाव करना हैं तो उसके पास ठोस एवं विश्वसनीय साक्ष्य या आधार होना चाहिए। यदि न्यायालय संतुष्ट हैं कि प्रतिवादी के पास कोई बचाव उपलब्ध हैं, जो कि वास्तव में एक बचाव हैं तभी उसे अवसर दिया जाता हैं, अन्यथा नहीं दिया जाता हैं।
आदेश 37 सिविल प्रक्रिया का सहारा तभी लिया जाता हैं जबकि दस्तावेजी साक्ष्य पर्याप्त हैं, किसी अन्य गवाहों को सुनने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। न्यायालय वादी के पक्ष में फैसला सुना देती हैं। इसके बाद वसूली की कार्यवाही प्रारंभ हो जाती हैं।
न्यायालय में आदेश 37 सिविल प्रक्रिया संहिता का मामला पेश कर दिया गया हैं, प्रतिवादी उपस्थित होकर आंशिक भुगतान किया जाना बताता हैं तो विवादित रकम आशिंक भुगतान की गई रकम है जो कि बैंक खाता से बैंक खाता में प्राप्त की गई थी लेकिन बंैकिंग चैनल के माध्यम से अदा नहीं की गई थी। ऋण राशि 10 लाख रू0 हैं, प्रतिवादी कहता है कि 05 लाख रू0 बकाया हैं और 05 लाख रू0 नगद अदा कर दिए गए हैं तो प्रतिवादी को 05 लाख रू0 बकाया रकम न्यायालय में जमा करना पड़ेगा। बकाया 05 लाख के लिए ऋणी व्यक्ति मुकदमा लड़ सकता हैं, प्रतिवादी को आंशिक नगद अदायगी प्रमाणित करना पड़ेगा।
न्यायालय में आदेश 37 सिविल प्रक्रिया संहिता का मामला पेश करते समय अन्य सिविल मामलों की तरह ही दस्तावेज पेश किए जाते है। विचारण की प्रक्रिया संक्षिप्त होती हैं। यदि मामला आदेश 37 सिविल प्रक्रिया संहिता में चलने लायक नहीं हैं तो मामला साधारण सिविल मामलों की तरह चलता हैं।
Advocate S. K. Ghosh,
Civil Lines,
RAIGARH.
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को होली पर्व की दी शुभकामनाएं
रंगों के पर्व होली के अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल ने इस पावन अवसर पर सभी नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है। उन्होंने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है, यह लोगों के जीवन में उल्लास का रंग भर देता है और खुशहाली लाता है। यह त्यौहार, सांस्कृतिक एकता को मजबूती प्रदान करने तथा समाज में भाई-चारे एवं समरसता की भावना को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि रंगों के इस पर्व को लोग आपस में मिल-जुल कर मनाएं।
छोटी सीटी बतख: जलाशयों की सुरम्य मेहमान (Lesser Whistling Duck)
छोटी सीटी बतख (Lesser Whistling Duck) एक सुंदर और आकर्षक जलपक्षी है, जिसे भारत और दक्षिण एशिया के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकता है। इसकी विशेषता इसकी मीठी सीटी जैसी आवाज़ और समूह में उड़ने की आदत है। यह बतख अक्सर झीलों, तालाबों और दलदली क्षेत्रों में पाई जाती है।
विवरण और पहचान
छोटी सीटी बतख का वैज्ञानिक नाम Dendrocygna javanica है। इसका आकार मध्यम होता है और यह लगभग 38-42 सेमी लंबी होती है। इसकी चोंच काली होती है, जबकि शरीर भूरे-पीले रंग का होता है। इसका उड़ने का तरीका धीमा और संतुलित होता है, और उड़ते समय यह हल्की सीटी जैसी आवाज़ निकालती है, जिससे इसे "सीटी बतख" कहा जाता है।
आवास और जीवनशैली
यह बतख मुख्य रूप से गीले इलाकों में पाई जाती है, जहाँ पर्याप्त पानी और घास मौजूद होती है। यह झुंड में रहना पसंद करती है और रात के समय सक्रिय होती है। दिन में यह जलाशयों के किनारे विश्राम करती है और रात में भोजन की तलाश में निकलती है।
भोजन और प्रजनन
छोटी सीटी बतख मुख्य रूप से जलजीवों, पौधों के बीज, धान और छोटे कीड़ों को भोजन के रूप में ग्रहण करती है। इसका प्रजनन काल मानसून के दौरान होता है, जब यह पानी के पास घासफूस और पौधों से घोंसला बनाती है। एक बार में मादा 6-12 अंडे देती है, जिन्हें वह करीब 25-30 दिनों तक सेती है।
संरक्षण स्थिति
यह पक्षी फिलहाल संकटग्रस्त नहीं है और इसकी संख्या स्थिर बनी हुई है। हालांकि, आर्द्रभूमि (Wetlands) के कम होने, शिकार और प्रदूषण के कारण इनका आवास प्रभावित हो सकता है। इसलिए, जलाशयों और प्राकृतिक आवासों का संरक्षण करना आवश्यक है, ताकि यह खूबसूरत पक्षी लंबे समय तक हमारे पर्यावरण का हिस्सा बना रहे।
छोटी सीटी बतख न केवल एक आकर्षक पक्षी है बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके संरक्षण के लिए हमें जलाशयों की रक्षा करनी चाहिए और इनके प्राकृतिक आवासों को बचाने के प्रयास करने चाहिए।
(इस लेख में प्रस्तुत चित्र श्री डगेन्द्र कुमार द्वारा लिया गया है, जिन्होंने इस सुंदर पक्षी की मनमोहक छवि को अपने कैमरे में कैद किया।)
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘छावा’ हिंदी फिल्म को किया टैक्स फ्री घोषित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऐतिहासिक वीर गाथा पर आधारित हिंदी फिल्म ‘छावा’ को राज्य में टैक्स फ्री घोषित करने की घोषणा की है। उन्होंने आज राजिम कुंभ के आयोजन उपरांत मीडिया से चर्चा के दौरान यह घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छावा फिल्म को टैक्स फ्री करने का निर्णय छत्तीसगढ़ की जनता को देश के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने और युवा पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम एवं शौर्य की भावना जागृत करने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘छावा’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि ऐतिहासिक परंपराओं, वीरता और स्वाभिमान की गाथा है, जिसे हर नागरिक को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फिल्म युवा वर्ग को प्रेरित करेगी और छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य, बलिदान और नेतृत्व को व्यापक रूप से प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय के इस फैसले से राज्य के सिनेमाघरों में फिल्म देखने के इच्छुक दर्शकों को मूल्य में राहत मिलेगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इसे देख सकेंगे और भारतीय इतिहास की समृद्ध विरासत से प्रेरणा ले सकेंगे। उल्लेखनीय है कि फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने मुगलों और अन्य आक्रांताओं के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने अदम्य साहस, रणनीतिक कौशल और बलिदान की अमर गाथा लिखी। फिल्म उनके अदम्य साहस और बलिदान को जीवंत करती है और राष्ट्रभक्ति की भावना को सुदृढ़ करती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज को प्रेरणा देती हैं और सांस्कृतिक चेतना को जाग्रत करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रभक्ति से जुड़ी फिल्मों को प्रोत्साहित करती रहेगी, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ी रहे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की जनता, विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे इस फिल्म को देखें और भारतीय इतिहास के उन स्वर्णिम पन्नों को समझें, जो आज भी हमारे जीवन को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।
पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस पहुंचे पीसीसी महामंत्री गेंदू, कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा...
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच अब कांग्रेस कार्यालय भवन तक पहुंच गई है। बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में दबिश दी थी। ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से सुकमा जिले के कोंटा में बने कांग्रेस कार्यालय भवन की निर्माण राशि के स्रोत को लेकर सवाल किए थे। ईडी के निर्देश पर पीसीसी महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू आवश्यक दस्तावेजों के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे।
ईडी ने मांगे थे चार प्रमुख सवालों के जवाब
ईडी ने सुकमा और कोंटा में बने राजीव भवन के दस्तावेजों और निर्माण राशि के स्रोतों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी थी। 2018 से 2023 के बीच सुकमा जिले के कोंटा में बने कांग्रेस कार्यालय की लागत, वित्तपोषण और आय के स्रोतों को लेकर जवाब तलब किया गया था।
राजनीतिक बयानबाजी तेज, कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
कांग्रेस कार्यालय में ईडी की छापेमारी के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा और ईडी पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि क्या ईडी 150 करोड़ रुपये की लागत से बने प्रदेश भाजपा कार्यालय की भी जांच करेगी। वहीं, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि ईडी कांग्रेस नेताओं को राजनीतिक रूप से परेशान कर रही है।
भाजपा का पलटवार
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने तंज कसा कि जितना नोट छापा है, उसके विरुद्ध यह छापा पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी और घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
ईडी की जांच और कांग्रेस-भाजपा के बीच बढ़ती राजनीतिक खींचतान से प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। अब देखना होगा कि आगे जांच में क्या नया खुलासा होता है।
राज्यपाल ने निःक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के लिए सौंपी सहायता राशि...
राज्यपाल रमेन डेका ने राज्य के धमतरी, राजनांदगांव, गरियाबंद और बस्तर जिलों के 60 टी.बी. मरीजों के लिए निःक्षय मित्र बनकर उनको पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने हेतु 2 लाख 25 हजार रूपए की राशि प्रदान की है। राज्यपाल ने गुरुवार को उक्त राशि संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रदान किया।
इस अवसर पर राज्यपाल डेका ने कहा कि भारत सरकार की फ्लैगशीप योजना प्रधानमंत्री टी.बी मुक्त भारत अभियान के तहत देश एवं प्रदेश को वर्ष 2025 तक टी.बी मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए जो राशि दी जा रही है उससे टी.बी मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। डेका ने टी.बी मरीजों के लिए हरसंभव मदद की बात कही। उन्होंने निर्देशित किया कि राज्य को टी.बी. मुक्त बनाने के लिए समुदाय को भी जोड़ने का प्रयास करे।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन आमजनता के साथ जुड़े यह हमारी प्राथमिकता है। जनता के हित के लिए अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं की जानकारी लेकर उन्हें स्वेच्छानुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर प्रसन्ना ने राज्यपाल डेका को प्रधानमंत्री टी.बी मुक्त भारत अभियान के तहत भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदत्त निःक्षय मित्र पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान किया।
इस अवसर पर राज्यपाल की संयुक्त सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, राजभवन के अन्य अधिकारी तथा संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधी उपस्थित थे।
जल जीवन मिशन पर बीजेपी विधायकों ने सरकार को घेरा..
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायकों के तीखे सवालों ने सरकार को घेर लिया। वरिष्ठ भाजपा विधायकों अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और मोतीलाल देवांगन ने जल जीवन मिशन और अमृत मिशन को लेकर उपमुख्यमंत्री एवं PHE मंत्री अरुण साव से जवाब मांगे, जिससे सदन में तीखी बहस देखने को मिली।
जल जीवन मिशन पर उठा सवाल
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में 19,656 ग्रामों में 50.03 लाख घरों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमें से 44.37 लाख घरों में कनेक्शन दिया जा चुका है। 2024 तक इस योजना का 80.3 प्रतिशत कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि स्रोत-विहीन 3,907 ग्रामों के 80.8 लाख घरों में भी नल कनेक्शन लगाए गए हैं।
बिना जल स्रोत पाइपलाइन बिछाने पर उठा सवाल
विधायक अजय चंद्राकर ने बिना जल स्रोत के पाइपलाइन बिछाने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। जवाब में उपमुख्यमंत्री साव ने बताया कि 653 ऐसे गांव हैं, जहां पाइपलाइन और टंकी का निर्माण किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक 70% कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा और यदि योजना अधूरी रही तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमृत मिशन पर गरमाई बहस
विधायक राजेश मूणत ने रायपुर में अमृत मिशन योजना को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 411 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद शहर के किसी भी वार्ड में 24*7 जल आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो सकी। उन्होंने पूछा कि इस विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी। इस पर उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि ओवरलेपिंग की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, और यदि किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
स्पीकर ने मंत्रियों को दी नसीहत
स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने सदन में चर्चा के दौरान मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि सदन में जो जानकारी देने का आश्वासन दिया जाता है, वह निर्धारित समय में सदस्यों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्रोतविहीन गांवों में टंकी निर्माण और जल आपूर्ति की सही जानकारी सदन में पेश की जाए, ताकि इस विषय पर बार-बार चर्चा न हो।
सदन में भाजपा विधायकों की आक्रामकता और सरकार की सफाई के बीच जल जीवन मिशन और अमृत मिशन की जमीनी हकीकत पर सवाल उठते रहे। अब देखना होगा कि सरकार इन योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाती है।
महतारी वंदन योजनाः आर्थिक सशक्तिकरण की नई राह
सिरपुर की कमार जनजातीय महिलाओं के लिए वरदान बनी योजना
आर्थिक तंगी से आत्मनिर्भरता तक का सफर
सुशासन का मूल उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुँचाना होता है। जब कोई नीति या योजना समाज के वंचित वर्गों तक प्रभावी ढंग से पहुँचती है, तो उसका असर न केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरे समुदाय पर पड़ता है। ऐसी ही एक पहल “महतारी वंदन योजना“ ने महासमुंद जिले के सिरपुर क्षेत्र की कमार जनजातीय महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सशक्तिकरण की नई राह दिखाई है।
सिरपुर की रहने वाली श्रीमती केंवरा कमार पहले परंपरागत बांस शिल्प कारीगरी पर निर्भर थीं। यह उनकी आजीविका का मुख्य साधन था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका व्यवसाय ठप पड़ गया था। सीमित संसाधनों और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा था। मगर महिला एवं बाल विकास विभाग से 1000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। इस आर्थिक सहयोग से उन्होंने बांस, रस्सी और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदनी शुरू की, इससे उनका व्यवसाय फिर से अच्छा चल रहा है, और अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में सक्षम हो रही हैं।
इसी तरह सिरपुर की ही रहने वाली भामिनी गोस्वामी इस योजना का लाभ उठाकर अपनी बेटी टांसी गोस्वामी के भविष्य को संवार रही हैं। हर माह मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता राशि को वे सुकन्या समृद्धि योजना में जमा कर रही हैं। यह छोटी-सी बचत उनकी बेटी के लिए एक मजबूत आर्थिक संबल बन रही है, जो आगे चलकर उसकी उच्च शिक्षा और विवाह में सहायक सिद्ध होगी। भामिनी कहती हैं, “पहले हमारे पास इतनी बचत नहीं होती थी कि हम अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोच सकें, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमें यह अवसर दिया है कि हम अपने बच्चों को एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य दे सकें।“ महतारी वंदन योजना केवल एक आर्थिक सहायता योजना भर नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण का आधार भी बन रही है। खासकर दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं।