छत्तीसगढ़
संथाल परगना बना चैंपियन, केरल उपविजेता और झारखण्ड फर्स्ट रनरअप रहा
तीरंदाजी में कर्नाटक और पूर्वी उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का समापन
विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
राजधानी रायपुर में चल रहीं 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आज समापन हो गया। समापन समारोह के दौरान फुटबॉल के फाइनल मैच में संथाल परगना ने केरल को पेनाल्टी शूट में एक के मुकाबले चार गोलों से हराकर चैंपियन की ट्रॉफी जीती। केरल की टीम उपविजेता रहीं वहीं झारखण्ड की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। तीरंदाजी की प्रतियोगिता में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालक तीरंदाज और कर्नाटक की बालिकाएं छायी रहीं। इस पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी के खेलों में लगभग 600 जनजातीय बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया। अण्डमान, निकोबार से लेकर पूरे देश के लगभग 30 प्रांतों से जनजातीय खिलाड़ी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हुए। पड़ोसी देश नेपाल से भी खिलाड़ियों के एक दल ने तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कोटा स्टेडियम पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और बेहतरीन खेल दिखाने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया। समापन समारोह में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र सिंह, अखिल भारतीय खेल-कूद प्रमुख श्री फूल सिंह लेप्चा, राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट, छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप और संगठन मंत्री श्री रामनाथ कश्यप, सचिव श्री अनुराग जैन और स्वागत समिति के सचिव श्री अमर बंसल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री प्रवीण ढोलके, सह संगठन मंत्री श्री सुभाष बडोले, पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग प्रमुख प्रोफेसर राजीव चौधरी, वनवासी विकास समिति महानगर रायपुर के अध्यक्ष श्री रवि गोयल और सचिव श्री राजीव शर्मा सहित सह खेल-कूद प्रमुख श्री पंकज सिंह, श्रीमती संगीता चौबे, डॉ. विजय साण्डिल्य, डॉ. आशुतोष साण्डिल्य, डॉ. मीना मूर्मू, श्री टिशेन भगत श्री गोपाल वियानी भी उपस्थित रहे।
संभवतः जनजातीय खिलाड़ियों की यह विश्व की सबसे बड़ी प्रतियोगिता रू अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित इस 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री अतुल जोग ने कहा कि यह प्रतियोगिता 1991 से अनवरत आयोजित होती आ रहीं है और यह प्रतियोगिता विशुद्ध रूप से जनजातीय खिलाड़ियों की सहभागिता वाली विश्व की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है। श्री जोग ने यह भी बताया कि इससे पहले भोपाल में आयोजित प्रतियोगिता में केवल तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में ही 316 जनजातीय तीरंदाजों ने हिस्सा लिया था और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल मेडल जीतने या खेल खेलने तक सीमित नहीं है बल्कि यह आयोजन खिलाड़ियों में राष्ट्रीय एकता की भावना और हम सबके एक होने के भाव को जगाने वाला है। उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि हमेशा कड़ी मेहनत करें, खेल से जुड़े रहें और लगातार अभ्यास करें ताकि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया जा सके।
खेल की ना भाषा, ना कोई सीमा, केवल प्रतिभा ही पहचान रू समापन समारोह को वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एच के नागु ने भी संबोधित किया। उन्होंने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि खेलों की ना तो कोई भाषा है, ना ही कोई सीमा। खेल प्रतिभा ही खिलाड़ी की पहचान है। श्री नागु ने कहा शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ खेल जीवन संघर्ष के लिए भी हमें तैयार करते हैं। उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी। श्री नागु ने सभी विजेताओं को शुभकानाएं दी।
फुटबॉल के 22 मैच, 122 गोल, 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से रू 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में फुटबॉल के जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खूब जौहर दिखाया। पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल के 22 मैच कोटा स्टेडियम और यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गये। जनजातीय खिलाड़ियों ने इन मैचों में 122 गोल दागकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। खेल के प्रति खिलाड़ियों का समर्पण और उनकी कुशलता इसी से सिद्ध होती है कि पूरी प्रतियोगिता में 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से हुआ। फुटबॉल के खिलाड़ियों ने एक से बढ़कर एक प्रतिभावों का प्रदर्शन किया। अंत में संथाल परगना ने चौंपियन्स ट्रॉफी जीती और केरल उपविजेता रहा। संथाल परगना के गोलकीपर विनय कुण्डू ने फाइनल मैच में पेनाल्टी शूट के 4 गोल बचाकर सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का मेडल प्राप्त किया वहीं संथाल परगना के ही खिलाड़ी विमल मराण्डी मेन ऑफ द टूर्नामेंट रहें। फाइनल मैच में केरल के खिलाड़ी अभिनंद को मेन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
cgtalk परिवार की ओर से आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकानाए
cgtalk परिवार की ओर से आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकानाए
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से सामना
न हो कभी तन्हाईयों से
हर अरमान हर ख्वाब पूरा हो आपका,
यही दुआ है दिल की गहराइयों से
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
तीरंदाज़ी में पूर्वी उत्तरप्रदेश का जलवा, 12 में से चार पदक जीते
कर्नाटक की बालिका तीरंदाजों ने मेडल सहित सभी का दिल भी जीता
24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में हुए तीरंदाज़ी के मुकाबलों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज़ों का जलवा रहा। कर्नाटक की बालिका तीरंदाजों ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया। इन खिलाड़ियों ने ट्रॉफी और मेडलों के साथ अपनी खेल भावना और व्यवहार से आयोजकों सहित साथी खिलाड़ियों का दिल भी जीत लिया। पूर्वी उत्तरप्रदेश के तीरंदाज़ों ने कुल बारह में से चार पदक जीते हालांकि पूर्वी उत्तरप्रदेश के तीरंदाज किसी भी वर्ग में स्वर्ण पदक नहीं पा सके परंतु जूनियर बालक और सब जूनियर बालक वर्ग में इन खिलाड़ियों ने सिल्वर और ब्रांज मेडल प्राप्त किया। तीरंदाजी की जूनियर बालक वर्ग की प्रतिस्पर्धा में राजस्थान के हिमेश बरांडा ने 643 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 637 अंक लेकर रजत और हीरा सिंह ने 626 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया।
सब जूनियर बालक वर्ग में उत्तरबंगाल के सकनोन लेपचा ने 664 अंकों के साथ स्वर्ण और पूर्वी उत्तरप्रदेश के दीपक ने 661 अंक लेकर रजत तथा इंद्रदेव कुमार ने 651 अंक प्राप्त कर ब्रांज मेडल जीता।
जूनियर बालिका वर्ग में उड़ीसा की मंजुलता ने 563 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। छतीसगढ़ की रामशिला नेताम ने 493 अंक लेकर सिल्वर और उड़ीसा की ही मीना तीरिया ने 460 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक जीता।
सब जूनियर बालिका वर्ग में कर्नाटक की बालिकाओ का वर्चस्व रहा। कर्नाटक की भाग्यश्री ने 599 अंक के साथ स्वर्ण और अन्नपूर्णा ने 563 अंक लेकर रजत पदक पक्का किया। राजस्थान की दर्शी डामोर ने इस वर्ग में 541 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक जीता।
उल्लेखनीय है की 25 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में तीरंदाजी के 40 मीटर, 30 मीटर और 20 मीटर शूटिंग मुकाबले हुए। इन प्रतिस्पर्धाओं में बालक-बालिका जूनियर-सब जूनियर वर्ग में लगभग 400 जनजातीय तीरंदाज़ों ने हिस्सा लिया। तीरंदाज़ी के सभी मुक़ाबले राज्य आर्चरी एकेडमी के मैदान पर हुई।
ग्रामीण युवा सुजीत कर रहे मछलीपालन से की लाखों की आमदनी
जिले के बस्तर विकासखण्ड अंतर्गत छोटे से गांव भरनी के युवा सुजीत प्रजापति ने मछलीपालन का व्यवसाय कर लाखों की आमदनी की है। सेवानिवृत्त विद्युत लाईनमेन के 24 वर्षीय पुत्र सुजीत प्रजापति ने मैकेनिकल में पाॅलिटेक्निक की पढ़ाई के बाद मछलीपालन में रुचि दिखाई, इस दौरान बीबीए की पढ़ाई भी जारी रखी। इस दौरान मछलीपालन की नई तकनीक बाॅयोफ्लाॅक को देखकर सुजीत को भी इस व्यवसाय ने आकर्षित किया और उन्होंने सात वर्ष पूर्व इस व्यवसाय से जुड़ने का निश्चय किया और तीन बाॅयोफ्लाॅक टैंक के साथ व्यवसाय की शुरुआत की। अत्यंत नई तकनीक तथा इस क्षेत्र में किसी मार्गदर्शक के नहीं होने के कारण पहले वर्ष उन्हें व्यवसाय में नुकसान भी हुआ, लेकिन उन्होंने व्यवसाय को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया। दूसरे वर्ष थोड़ा अनुभव बढ़ने का फायदा मिला और इस व्यवसाय में लाभ परिलक्षित हुआ।
सुजीत के मछलीपालन के प्रति रुचि को देखते हुए मत्स्यपालन विभाग ने भी सहयोग करने का निर्णय लिया। इसके बाद सुजीत ने सात बाॅयोफ्लाॅक टैंकों में मछलीपालन प्रारंभ किया। इसकी लागत लगभग साढ़े सात लाख रुपए आई। विभाग द्वारा 40 फीसदी अनुदान दिया गया, जिससे सुजीत को मात्र साढ़े चार लाख रुपए खर्च करना पड़ा। सुजीत बताते हैं कि गत वर्ष मात्र 40 हजार रुपए के मछली बीज से लगभग नौ लाख रुपए से अधिक के मछली तैयार किए और मछलीपालन के खर्च को जोड़ भी दिया जाए, तब भी लगभग चार लाख रुपए की शुद्ध आय प्राप्त हुई। अब सुजीत के अनुभवों का लाभ दूसरे किसान भी उठा रहे हैं और उनके मार्गदर्शन में मछलीपालन कर रहे हैं। सुजीत भी अब मछलीपालन के साथ ही मछली चारा उत्पादन का व्यवसाय भी कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र के मछलीपालक किसानों को मत्स्य आहार के लिए दूसरे क्षेत्रों पर निर्भर न रहना पड़े। सुजीत अपनी इस सफलता के लिए मछलीपालन विभाग के साथ ही अपने माता-पिता और भाई को भी श्रेय देते हैं। सुजीत ने कहा कि व्यवसाय की शुरुआती असफलता के बावजूद माता-पिता और भाई ने पूरा समर्थन दिया, जिससे वे इसे और अधिक परिश्रम व अनुभव से इस व्यापार में लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे तिलापिया और पंगेशियस मछली का पालन कर रहे हैं, जिसकी तेजी से वृद्धि होने के कारण यह अत्यंत लाभदायक व्यवसाय साबित हो रही है।
छत्तीसगढ़ में कृषि और पशुपालन को नई दिशा देने वाला उपकरण फोल्डस्कोप
राज्य के 20 जिलों के किसान कर रहे हैं फोल्डस्कोप का उपयोग
उन्नत तकनीक के जरिए किसान मिट्टी की गुणवत्ता और पौधों की बीमारियों का पता लगाने में हो रहे सक्षम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में खेती को उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए लगातार नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों के उपयोग और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किए जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी भी कृषि है। छत्तीसगढ़ को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है।
छत्तीसगढ़ में फसलों के कीट प्रकोप प्रबंधन और उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप के उपयोग के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से राज्य के 20 जिलों के किसानों को ’’फोल्डस्कोप’’ नामक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप वितरित किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है। रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, सक्ती, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, कांकेर और बस्तर जिलों के 30 से अधिक गांवों में फैले इस कार्यक्रम को आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
फोल्डस्कोप एक किफायती और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है। इसे 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका उपयोग शिक्षा, शोध और निदान के लिए किया जा रहा है। यह उपकरण खेती और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में बेहद उपयोगी और किफायती है। फोल्डस्कोप का उपयोग किसान कीट और रोग का पता लगाने, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच और पानी के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। इसकी मदद से फसलों में पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा, पत्ती धब्बा और कटाई के बाद होने वाली बीमारियों की पहचान की जा रही है। अब तक, फोल्डस्कोप की मदद से 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान हो चुकी है। उदाहरण के लिए, गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी जैसे रोगजनकों का पता लगाया गया है। फोल्डस्कोप केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पशुपालन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका प्रयोग किया गया है। इससे गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हो रही है।
फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों का परीक्षण करने के लिए भी किया गया है। इससे रसायनों पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। फोल्डस्कोप को बनाने का विचार तब आया जब प्रोफेसर मनु प्रकाश ने खेतों का दौरा किया और पाया कि वैज्ञानिक उपकरणों की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया जो सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए आदर्श हो। फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को सरल और वैज्ञानिक बना दिया है। यह उपकरण न केवल खेती में लागत कम कर रहा है, बल्कि फसल और मवेशियों की गुणवत्ता में सुधार कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है।
राष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी हेमबती ने मुख्यमंत्री से कहा ओलंपिक में मेडल लेकर आना मेरा सपना
मुख्यमंत्री ने कहा : राज्य सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध, ओलंपिक में मेडल लाने लगातार मेहनत करने की दी सीख
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित छत्तीसगढ़ के कोंडागांव की बिटिया राष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी हेमबती नाग ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज राष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी हेमबती नाग ने सौजन्य मुलाकात की। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव की बिटिया हेमबती को उनकी उपलब्धियों के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के हाथों "प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024" से सम्मानित किया गया है।
हेमबती नाग ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्हें अपनी उपलब्धियों की जानकारी दी और कहा कि देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतकर लाना उसका सपना है। यह सुन कर मुख्यमंत्री ने हेमबती को शाबाशी दी और इस सपने को पाने के लिए लगातार मेहनत करने की समझाईश दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने हेमबती को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्होंने खेलो इंडिया नेशनल गेम्स और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाते हुए अनेक पदक जीते और प्रदेश को गौरवान्वित किया।
उन्होंने हेमबती नाग को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वन श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन उपस्थित थे।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पूर्व व्यवसायिक शिक्षा का बच्चों को मिल रहा है प्रशिक्षण : स्कूली बच्चों द्वारा तैयार लकड़ी की नेम प्लेट और पोट्रेट उपहार में पाकर मुख्यमंत्री श्री साय ने जताई खुशी
शिक्षा को रुचिकर बनाने, कला-संस्कृति को सहेजने और रोजगार के बड़े उद्देश्य की पूर्ति नई शिक्षा नीति के माध्यम से हो रही साकार : मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और कैबिनेट के मंत्रीगणों के लिए नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मडानार स्कूल से आज विशेष उपहार आया। शासकीय उच्च प्राथमिक शाला मडानार के स्कूली बच्चों ने मुख्यमंत्री और सभी मंत्री गणों के लिए अपने हाथों से तैयार लकड़ी की नेम प्लेट भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय उपहार पाकर इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने इस नेम प्लेट को तत्काल मंत्रालय स्थित अपने चेंबर के टेबल पर लगवाया और सभी मंत्रियों से भी कहा कि सभी अपने चेंबर में इसे लगवाएं। इन बच्चों ने आज मुख्यमंत्री से मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि बस्तर की अद्भुत कला को जिस समर्पण के साथ हमारे बच्चे आगे बढ़ाने का काम कर रहे है, वह सराहनीय है। बच्चों की शिक्षा और नया सीखने के प्रति लगन बस्तर की उन्नति का रास्ता खोलने का काम करेगी। उन्होंने सभी बच्चों का परिचय लिया और उनकी कला की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस कला को सीखने के लिए बच्चों के प्रयासों को सराहा और जब उन्हें पता चला कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चों ने यह सीखा है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का यही उद्देश्य था कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चे न केवल पढ़ाई करें बल्कि अपने रुचि के कार्यों में भी पारंगत हो। शिक्षा को रुचिकर बनाने, कला-संस्कृति को सहेजने के साथ-साथ रोजगार के बड़े उद्देश्य की पूर्ति नई शिक्षा नीति के माध्यम से साकार हो रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री को बच्चों ने काष्ठ पर उकेरे गए संविधान की उद्देशिका भेंट की और उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा को पोट्रेट भेंट किया। स्कूली बच्चों के साथ आए शिक्षक श्री शिवचरण साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि नेम प्लेट को 12वीं कक्षा की छात्रा कशिक ने अपने हाथों से तैयार किया है। वहीं पोट्रेट को खिलेंद्र बघेल ने और संविधान की उद्देशिका को छात्र सागर ने तैयार किया है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पूर्व व्यवसायिक शिक्षा अंतर्गत यह प्रशिक्षण मिला है और बच्चे रुचि के साथ इसे सीख रहे हैं। श्री साहू ने बताया कि सालाना लगभग 3 लाख रुपए इन कलाकृतियों के विक्रय के माध्यम से उन्हें प्राप्त हो रहे हैं। बच्चों द्वारा तैयार यह कलाकृतियां अब अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ऑनलाइन बाजार में भी उपलब्ध है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वन श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन उपस्थित थे।
अवैध कबाड़ पर पूंजीपथरा पुलिस कार्रवाई जारी
एसपी दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में अवैध कबाड़ परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। पूंजीपथरा पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 6 टन 620 किलोग्राम कबाड़, जिसकी अनुमानित कीमत ₹1,87,000 है। कल 28 दिसंबर को निरीक्षक राकेश मिश्रा थाना प्रभारी पूंजीपथरा को मुखबीर से मिली सूचना पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए सलासर चौक शनि मंदिर के पास माजदा वाहन (क्रमांक CO11BM-6416) को रोका गया।
वाहन में करीब 4 टन 500 किलोग्राम स्क्रैप लोड था, जिसकी कीमत ₹1,41,000 है। आरोपी वाहन चालक परदेशी यादव (उम्र 32 वर्ष, निवासी छिंदमुडा, जिला सक्ती) के पास कबाड़ से संबंधित कोई वैध कागजात नहीं थे। आज पूंजीपथरा पुलिस द्वारा ग्राम गेरवानी में मुखबिर की सूचना पर टाटा माजदा (क्रमांक CG13AR1693) को पकड़ा गया।
वाहन में 2,120 किलोग्राम कबाड़ लोड था, जिसकी कीमत ₹46,000 है। आरोपी वाहन चालक नामधारी विश्वकर्मा (उम्र 32 वर्ष, निवासी दीनदयाल कॉलोनी, रायगढ़) के पास भी कबाड़ परिवहन दोनों मामलों में कुल 6 टन 620 किलोग्राम कबाड़ और दो वाहनों को जप्त किया गया।
दोनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ थाना पूंजीपथरा में पृथक-पृथक धारा 35(क)(ड) BNSS/303(2) BNS के तहत इस्तगासा पंजीबद्ध कर कार्रवाई किया गया है। कार्रवाई में प्रधान आरक्षक लोमेश राजपूत, विनीत तिर्की, आरक्षक ओमप्रकाश तिवारी, और अभिषेक द्विवेदी शामिल थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर किया दुःख व्यक्त
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री, प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह जी अर्थशास्त्र के उन दिग्गजों में से एक थे, जो देश के वित्त मंत्री, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और योजना आयोग के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की।
फायनेंसर ने किया वाहन के साथ माल भी जप्त अब क्या करें ? जाने Advocate S K . GHOSH से
वाहन के नामांतरण के पूर्व वाहन का कब्जा कभी ना दें।
किसी भी फायनेंस कंपनी से लेन देन करने से पहले वकील से सलाह लेना चाहिए और फायनेंस कंपनी के सभी दस्तावेजो को अपने वकील से समझ लेना चाहिए। कभी एैसा ना हो कि फायनेंस कंपनी की मासिक किश्तों की अदायगी में कोई चूक हो जाए, और फायनेंस कंपनी वाहन को जप्त कर ले जाए तब वकील की जरूरत पड़ती हैं तो वकील सबसे पहले कंपनी और ऋणी व्यक्ति के एग्रीमेंट/ अनुबंध पत्र की मांग करता हैं। ऋणी व्यक्ति के पास फायनेंस के दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं और वह कानून एवं न्याय का सहारा नहीं ले पाता हैं। इसी में फायनेंस कंपनी की जीत हैं।
फायनेंस कंपनी 85 फीसदी तक ऋण देती हैं बाकि 15 फीसदी का भुगतान ऋणी व्यक्ति को करना पड़ता हैं। फायनेंस कंपनी ऋणी व्यक्ति से पहले ही 04 चेक रखवा लेती है जिसका वह कभी भी प्रयोग कर सकती है। मध्यस्थता एवं सुलाह अधिनियम 1996 के तहत फायनेंस कंपनी धनराशि की वसूली का मुकदमा लेकर आ जाती हैं। ऋणी व्यक्ति यह सब भुगतने के लिए मजबूर हैं। यह भी देखने में आता हैं कि फायनेंस कंपनियों के विरूद्ध जिला न्यायालय स्तर पर मध्यस्थता एवं सुलह कानून 1996 के मुकदमें के विषय में ऋणी व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं होती है।
एक मामला देखने में आया हैं कि फायनेंस कंपनी से ऋण लेने के कुछ समय बाद ऋणी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को एक एग्रीमेंट करके वाहन को बेच दिया जिसमें दूसरा व्यक्ति ने कुछ महीने तक फायनेंस कंपनी की अदायगी करी । प्रथम व्यक्ति को फायनेंस कंपनी से फोन आया तब पता चला कि मासिक किश्तों की अदायगी रूकी हुई है। प्रथम व्यक्ति ने संपर्क किया तो द्वितीय व्यक्ति ने बताया कि तीसरे व्यक्ति को वाहन बेच दिया गया हैं। तीसरे व्यक्ति ने धनराशि लेकर वाहन को किसी चौथें व्यक्ति को बेच दिया हैं। करीब 02 वर्षो तक वाहन की तलाशी की गई क्योंकि कंपनी वाहन को जप्त करना चाहती थी। प्रथम व्यक्ति को डर था कि परिवहन दस्तावेजो में वह वाहन स्वामी हैं, वाहन का अवैधानिक कार्यों में उपयोग होने पर पुलिस मुकदमा उसके विरूद्ध दर्ज करेगी और दुर्घटना होने पर मुआवजा भी उसे ही देना पड़ेगा। पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है, लेकिन अभी तक वाहन मिला ही नहीं हैं। वाहन एैसे लोगो के पास चला गया हैं जिनसे वापस प्राप्त करना सबके लिए कठिन हैं।
एक दूसरा मामला देखिए फायनेंस कंपनी से ऋण लेकर एक ट्रांसपोर्टर ने वाहन खरीदा और महिने भर बाद कोरोना लॉक डाउन लग गया। फायनेंस कंपनी की किश्तें अदा नहीं हो पाई थी। ऋणी व्यक्ति ने फायनेंस कंपनी को ब्याज सहित धनराशि का भुगतान किया। इसके बाद भी फायनेंस कंपनी के रिकवरी ऐजेंटों ने वाहन को सड़क पर माल सहित जप्त करके यार्ड में ले जाकर खड़ा कर दिया । वाहन के साथ माल भी जप्त हो गया था जिसकी कीमत करीब 40 लाख रू. थी। भारत की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश एवं सरफैसी कानून 2002 को ठेंगा दिखाते हुए माल सहित वाहन को जप्त कर लिया गया था। ट्रांसपोर्टर को वाहन पर लदे हुए माल को छुड़वाने में एक माह का समय लग गया।
ट्रांसपोर्टर को बाजार में काम करना हैं, इसलिए उसे अपनी साख बचा कर चलना हैं। फायनेंस कंपनी में हर स्तर पर शिकायत की गई, पुलिस में शिकायत की गई तो कंपनी के रिकवरी ऐजेंट माल को मुक्त करने के ऐवज में 05 लाख रूपए की मांग करने लगे। एक माह बाद जप्त वाहन से माल को दूसरे वाहन में लोड करवाने में ट्रांसपोर्टर कामयाब हुआ। यहा पर यह समझना मुश्किल है कि जब ट्रांसपोर्टर ने कोरोना काल समाप्त होने पर वाहन की किश्त ब्याज सहित अदा कर दी थी तो फायनेंस कंपनी ने वाहन को जप्त क्यों किया था? फायनेंस कंपनी की कितनी किश्तें बाकी थी? फायनेंस कंपनी ने मांग किए जाने पर भी अपनी प्रवृत्ति अनुरूप टांसपोर्टर को ऋण खाते का स्टेटमैंट नहीं दिया था।
भारत सरकार ने फायनेंस कंपनी एवं प्राईवेट बैंकों को लूट की छूट देकर रखी हुई हैं। फायनेंस कंपनियॉ सरफैसी कानून 2002 का पालन करती नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन करती नहीं हैं। भारत सरकार ने कोरोना कॉल के समय बैंक एवं वित्तीय कंपनियों की मासिक किश्तों तो की अदायगी पर समय सीमा पर छूट दे रखी थी, रिजर्व बैंक द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए थे, लेकिन फायनेंस कंपनियों ने कोरोना काल के बाद गैर कानूनी तरीकों से वाहनों को जप्त करने में तेजी दिखाई हैं। 'बैंकिंग लोकपाल' की व्यवस्था जरूर हैं लेकिन इसका प्रभाव दिखाई नहीं देता हैं। ट्रांसपोर्ट उद्योग बिना ऋण लिए चल नहीं सकता हैं। एक ट्रांसपोर्टर कई सालों की मेहनत के बाद अपनी बाजार में साख स्थापित करता हैं जिसे फायनेंस कंपनियॉ बर्बाद कर देती हैं।
भारत में फायनेंस कंपनियॉ ऋणी व्यक्ति का वाहन जप्त कर उसे बेरोजगार और बर्बाद करने के बजाए ऋण का पुनः नए सीरे से निर्धारण कर सकती हैं लेकिन एैसा जानबूझकर किया नहीं जाता हैं।
ट्रांसपोर्टरों को बर्बाद करने में वन विभाग भी खनिज के वाहनों को जप्त कर लेता हैं और मुकदमों के निराकरण पर ही वाहन को मुक्त करता हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में वाहन राजसात हो जाता हैं। सरकारी तंत्र से वाहनों को मुक्त करवाने में हाई कोर्ट तक जाना पड़ता हैं जिसमें एक लंबा समय लग जाता हैं और ऋणी व्यक्ति बर्बाद हो जाता हैं। यह हमारी व्यवस्था का दोष हैं। इस पर चिंतन-मनन आवश्यक है।
S K . GHOSH** , Advocate.
Raigarh.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेशकों को दिया न्योता, कहा छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य
नई दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में मुख्यमंत्री ने निवेशकों से किया संवाद
मीट में छत्तीसगढ़ को 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के मिले निवेश प्रस्ताव
राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की गिनाईं खूबियां
नई औद्योगिक नीति में उद्योगों के लिए विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज शामिल
रायपुर 23 दिसंबर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में आज आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की खूबियों को साझा करते हुए इसे निवेशकों के लिए बेहद अनुकूल बताया। कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख उद्योगपतियों से छत्तीसगढ़ सरकार को 15184 करोड़ के निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य है। हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को कर, भूमि, और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है। यह नीति न केवल उद्योगों की स्थापना, बल्कि रोजगार सृजन पर भी जोर देती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, ऊर्जा, खनन, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। नई औद्योगिक नीति में विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज शामिल हैं। डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस प्राप्त करना आसान हो गया है। उद्योग विभाग द्वारा सब्सिडी जारी करने के लिए अधिकतम 3 स्तर और अधिकतम 7 दिनों की समय सीमा सुनिश्चित की गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उद्योग स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए, न्यूनतम सरकार की अवधारणा के तहत निजी औद्योगिक पार्क को 30 प्रतिशत सब्सिडी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ, उद्योगों के लिए रेडी और विकसित प्लॉट आवेदन के 60 दिनों के भीतर सुनिश्चित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया हम यह सुनिश्चित कर रहे कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन माध्यम से हो ताकि उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता ना हो।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने राज्य में उपलब्ध बेहतर बुनियादी ढांचे, कुशल मानव संसाधन और शांतिपूर्ण माहौल के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित उद्योगपतियों द्वारा छत्तीसगढ़ की पहल की सराहना करते हुए निवेश की संभावनाओं पर सकारात्मक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह इन्वेस्टर मीट छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, सचिव श्री राहुल भगत और नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर सुश्री ऋतु सेन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने नई औद्योगिक नीति की खासियतों को समझाते हुए निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने के लाभ बताए।
उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार ने उद्योगपतियों से चर्चा करते हुए बताया कि खनिज संपदा और खानों के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। राज्य अपने औद्योगिक आधार को विविधतापूर्ण बनाते हुए फार्मास्यूटिकल्स, ट्रेन शेल, टेलीविज़न और प्रकाश उपकरणों जैसे विविध उत्पादों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
बस्तर क्षेत्र में निवेश पर विशेष प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोर सेक्टर की स्टील इकाइयों और अन्य उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। आयरन ओर पर 50% और कोयले पर 100% रॉयल्टी की छूट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, उद्योगों द्वारा चुकाए गए रॉयल्टी और राज्य को मिलने वाले सेस की प्रतिपूर्ति 15 वर्षों तक की जाएगी। इसके अलावा, ग्राम नियानार में 118 एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
आईआईएम के छात्र नियुक्त होंगे इन्वेस्टमेंट मैनेजर
मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगपतियों को राज्य सरकार द्वारा विशेष सहूलियतें दी जा रही है। इसके लिए आईआईएम रायपुर के साथ एमओयू (समझौता) करके वहां के पास आउट छात्रों को मुख्यमंत्री औद्योगिक इंटर्नशिप के तहत इन्वेस्टमेंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, जो घर बैठे प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे।
आधुनिक तकनीकों में निवेश को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में कई नए और आधुनिक तकनीकों का ध्यान रखा गया है जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, ग्रीन हाईड्रोजन और डेटा सेंटर। इसके अलावा, आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र भी खास होंगे। इन क्षेत्रों में उद्योगों को 30 से 50 प्रतिशत तक सहायता मिलेगी। इसके अलावा कंपनियों को अपना काम शुरू करने के लिए 5 से 12 साल तक करों में छूट दी जाएगी, जिससे वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें।
देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की जताई इच्छा
कार्यक्रम में पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के एमडी ईश्वर नंदन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 1134 करोड़ निवेश का प्रस्ताव रखा जिससे 100 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। वहीं टेलीपरफॉर्मेंस के सीओओ आशीष जौहरी ने 300 करोड़ का निवेश कर बैक ऑफिस केंद्र स्थापित करने की योजना साझा की। माइक्रोमैक्स के राजेश अग्रवाल ने सौर सेल निर्माण में 100 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया। वरुण बेवरेजेज के सीईओ कमलेश जैन ने पेप्सिको बॉटलिंग प्लांट में 250 करोड़ निवेश की इच्छा जताई। टीडब्ल्यूआई ग्रुप के पुरुषोत्तम और उत्तम सिंघल ने 1650 करोड़ के निवेश का सुझाव दिया, जिससे 1000 रोजगार अवसर सृजित होंगे। पैरामाउंट कम्युनिकेशंस के प्रवीण गुप्ता द्वारा 250 करोड़ निवेश और 1000 नौकरियों की योजना साझा की गई । रिन्यू पावर लिमिटेड के सुमंत सिन्हा ने पंप स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में 11,500 करोड़ निवेश की योजना साझा की।
महतारी वंदन योजना में फर्जी भुगतान: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त, 2 अधिकारी निलंबित , मुख्य शक्श गिरफ्तार : जाने पूरा मामला
रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना में फर्जी भुगतान के मामले पर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। गलत भुगतान के आरोप में वीरेन्द्र कुमार जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है, उसका बैंक खाता सीज कर लिया गया है और राशि की वसूली की जा रही है। इसके अलावा, कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
क्या है मामला?
इस योजना में सन्नी लियोनी के नाम पर आवेदन कर वीरेन्द्र कुमार जोशी ने अपने आधार और बैंक खाते का उपयोग करते हुए सरकारी धन का अवैध लाभ उठाने की कोशिश की। यह मामला बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के आंगनवाड़ी केंद्र तालूर से जुड़ा है, जहां स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के चलते यह फर्जीवाड़ा हुआ।
कार्रवाई का विवरण:
आरोपी वीरेन्द्र कुमार जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका बैंक खाता सीज किया गया। भुगतान की गई राशि की वसूली की जा रही है। वहीं आरोपी की पड़ोसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी को मामले में लापरवाही के लिए बर्खास्त कर दिया गया। इसके अलावा पर्यवेक्षक श्रीमती प्रभा नेताम और परियोजना अधिकारी ज्योति मथरानी को निलंबित कर दिया गया। तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
सोशल मीडिया अफवाह का खंडन
महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया कि सन्नी लियोनी के खाते में योजना की राशि जमा होने की खबर गलत है। यह वीरेन्द्र कुमार जोशी द्वारा सन्नी लियोनी के नाम का उपयोग कर किया गया फर्जीवाड़ा था।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल पात्र हितग्राहियों को ही मिलेगा। इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि योजना की पारदर्शिता बनी रहे और जरूरतमंदों तक इसका लाभ पहुंचे।
महतारी वंदन योजना के गलत भुगतान पर बड़ी कार्रवाई
महतारी वंदन योजना के गलत भुगतान पर बड़ी कार्रवाई
आरोपी वीरेन्द्र कुमार जोशी गिरफ्तार, बैंक खाता सीज, की जा रही वसूली की कार्रवाई
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी बर्खास्त
परियोजना अधिकारी सुश्री ज्योति मथरानी एवं आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक श्रीमती प्रभा नेताम निलंबित
तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को स्पष्टीकरण
रायपुर 23 दिसंबर 2024/महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना का क्रियान्वयन प्रदेश में महिलाओं के साथ लिंग विभेद, असमानता को दूर करने, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत् सुधार लाने, आर्थिक स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण को बढ़ावा देने तथा परिवार में उनकी निर्णय लेने की भूमिका को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में योजना का क्रियान्वयन पारदर्शी तरीके से हो एवं पात्र महिला हितग्राही को ही योजना का लाभ प्राप्त हो, इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सतर्कता पूर्वक कार्य संपादित किया जा रहा है एवं ऐसे प्रकरण, जिसमें योजना का गलत तरीके से लाभ लेने के लिए फेक आवेदन किए गए है, उनकी जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल कठोर कार्यवाही की जा रही है।
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचना, जिसमें महतारी वंदन योजना की राशि सन्नी लिओनी के खाते में जमा होने की न्यूज प्रसारित हुई है, सही नहीं हैै। वास्तव में सन्नी लिओनी के बैंक खाते में महतारी वंदन की राशि का भुगतान नहीं हुआ है अपितु यह वीरेन्द्र कुमार जोशी नाम के एक व्यक्ति के द्वारा स्थानीय स्तर पर मिलीभगत कर सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन कर आधार एवं अन्य जानकारी अपनी डालते हुए शासकीय राशि अवैधानिक रूप से प्राप्त करने के उद्देश्य से की गयी हरकत है।
वस्तुतः बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर में वीरेन्द्र कुमार जोशी के द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर के कार्यकर्ता के माध्यम से सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन किया गया है तथा उस आवेदन में अन्य जानकारी के रूप में अपना आधार नंबर तथा अपने बैंक खाते की जानकारी डाली गयी है। प्रत्येक आवेदन के परीक्षण एवं सत्यापन का दायित्व ग्राम स्तर पर बनायी गयी समिति, जिसमें ग्राम प्रभारी/वार्ड प्रभारी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किया जाना था। इसके उपरांत पोर्टल में अंकित दस्तावेज़ो का परीक्षण प्रथम सत्यापन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा तथा द्वितीय सत्यापन पर्यवेक्षक के द्वारा किया जाना था तथा परियोजना अधिकारी के द्वारा अनुमोदित किया जाना था। इस प्रकरण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी, जो की वीरेन्द्र कुमार जोशी की पड़ोसी है, के द्वारा बिना तथ्यों की जॉंच परख किए ऑनलाईन पोर्टल पर वीरेन्द्र कुमार जोशी के द्वारा सन्नी लिओनी के नाम से किए गए आवेदन को सत्यापित कर दिया गया। इसी प्रकार पर्यवेक्षक के द्वारा भी बिना परीक्षण किए हुए इस आवेदन का सत्यापन कर दिया गया, जिसके कारण इस फर्जी नाम वाले हितग्राही को उनके द्वारा दिए गए आधार नबंर से लिंक स्टेट बैंक के खाते में डीबीटी के रूप में राशि का भुगतान हुआ है।
इस प्र्रकरण पर गंभीर लापरवाही के लिए संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी को बर्खास्त करने की कार्यवाही की गयी है। पर्यवेक्षक श्रीमती प्रभा नेताम एवं परियोजना अधिकारी सुश्री ज्योति मथरानी को निलंबित करने की कार्यवाही की गयी है तथा तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है। साथ ही वीरेन्द्र कुमार जोशी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज़ कर उसे गिरफ्तार किया गया है तथा उनके बैंक खाते को सीज़ कर भुगतान की गयी राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
सरकार की मंशा है कि पात्रता रखने वाली महतारियों को योजना का लाभ मिल सके, अतः सभी आवेदन करने वाले पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल किया गया है। योजना को लागू किए जाने हेतु विस्तृत प्रावधान किए गए है, जिसमें योजना अंतर्गत आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने हेतु ऑनलाईन साफ्टवेयर विकसित करते हुए प्रत्येक मैदानी अमलों को पृथक-पृथक आईडी/पासवर्ड प्रदान किया गया था। इसी क्रम में संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी आईडी/पासवर्ड प्रदान किया गया। योजना अंतर्गत हितग्राहियों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त किये जाने के उपरांत आवेदन पत्रों का इन्द्राज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी के द्वारा ऑनलाईन पोर्टल में किया जा कर संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण करते हुए दस्तावेज अपलोड किया गया।
साफ्टवेयर में दर्ज आवेदनों का प्रथम स्तर पर ग्राम समिति के माध्यम से सत्यापन तथा उसके उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किए जाने का प्रावधान रखा गया है तथा उसके उपरांत द्वितीय सत्यापन किए जाने का दायित्व संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक का निर्धारित किया गया था ताकि दो स्तर पर सत्यापन हो सके। सत्यापन उपरांत वार्ड/पंचायत स्तर पर गठित समिति के द्वारा अनंतिम सूची का प्रकाशन कर आंगनवाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत आदि सार्वजानिक जगह पर यह सूची चस्पा की गयी है तथा ग्रामीणों को यह अवसर दिया गया कि वे इस सूची में परीक्षण कर गलत आवेदन करने वाले विरूद्ध दावा आपत्ति कर सके।
प्राप्त दावा आपत्ति के निराकरण हेतु बाल विकास परियोजना स्तर पर गठित समिति के द्वारा निराकरण का प्रावधान रखा गया है एवं दावा आपत्ति प्राप्त किया जाकर लगभग 12000 से अधिक गलत आवेदनो को निरस्त किया गया। दावा आपत्ति का निराकरण उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाकर प्रकाशित किया गया। उपरोक्त प्रक्रियाओं के निर्धारण के उपरांत भी ऐसे फर्जी आवेदन प्राप्त न हो इस दृष्टि से लगातार इनके सत्यापन की कार्यवाही हेतु मैदानी अमलों को दिशा निर्देश दिये गये एवं लगभग 15 हजार गलत आवेदनों को चिन्हांकन करते हुए निरस्त किया गया।
अंतिम सूची में 70,26,352 आवेदको का भी राज्य स्तर से विभिन्न उपलब्ध डाटा से वेरीफाई किया गया है एवं आधार एंथेटिकेंशन के लिए UIDAI को प्रेषित कर आधार का सत्यापन कराया गया है। अतः 50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत है। विभाग द्वारा समय-समय पर मैदानी स्तर पर सत्यापन, सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी खोजकर 15000 से अधिक गलत हितग्राहियों का चिन्हांकन कर, उन्हें लाभ सूची से बाहर कर दिया गया है। लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की सूची प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के आईडी पर परिलक्षित है।
महतारी वंदन योजना से प्रदेश की महतारियों को बेहद लाभ प्राप्त हुआ है, जैसे महतारियों के द्वारा इस राशि का उपयोग बच्चों के एवं स्वयं के स्वास्थ्य पोषण पर व्यय, बचत करने तथा सुकन्या समृद्धि के खाते खोलकर बेटियो के नाम से जमा करने के, बच्चों की शिक्षा पर, अपनी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति पर एवं अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने जैसे महिला सशक्तिकरण के अनेक उदाहरण है।
महतारी वंदन योजना को लागू करते समय सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए है। प्रक्रिया के आवेदन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम/वार्ड प्रभारी के स्तर पर प्राप्त करते हुए सारे दस्तावेज़ के साथ आवेदन ऑनलाईन पोर्टल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी के द्वारा भरा गया है। आवेदको के द्वारा स्वतः ऑनलाईन आवेदन का भी प्रावधान रखा गया था। विभाग द्वारा लगातार प्रत्येक स्तर पर हितग्राहियों के सत्यता की जानकारी ली जा रही है। समय-समय पर निर्देश जारी किए गए है। इसी के परिणाम स्वरूप मृत हितग्राहियों की जानकारी भी लिया जाकर उन्हें लाभ सूची से हटाया जा रहा है, अद्यतन स्थिति में 21 हजार से अधिक हितग्राहियों को मृत्यु हो जाने के कारण लाभ सूची से हटाया गया है। इस प्रकार विभाग द्वारा लगातार योजना को लागू किए जाने हेतु तत्परता से कार्यवाही जा रही है।
उद्योग मंत्री 21 दिसम्बर को प्री पेड बूथ का शुभारंभ और सात वार्डों में 1.42 करोड़ के विकास कार्यों का करेंगे भूमिपूजन
रेलवे स्टेशन कोरबा में प्रारंभ होगा प्री पेड बूथ
स्याहीमुड़ी और सीतामणी में भूमिपूजन कार्यक्रम
प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन शनिवार 21 दिसम्बर को कोरबा रेलवे स्टेशन परिसर में प्रीपेड बूथ का शुभारंभ और दो वार्डाे में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में 1.42 करोड़ की लागत से सात वार्ड में होने वाले 12 विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे।
जारी कार्यक्रम के मुताबिक मंत्री श्री देवांगन दोपहर 2.30 बजे स्याहीमुड़ी दर्री, गांधी चौक के पास आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में चार वार्ड क्रमशः 43, 45, 46 और 50 में 75 लाख की लागत से होने वाले कार्यों का भूमि पूजन कर शिलापट्टी का अनावरण करेंगे। तत्पश्चात साढ़े तीन बजे आंबेडकर चौक अयोध्यापुरी में आयोजित गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इसके बाद वे दोपहर साढ़े 4 बजे रेलवे स्टेशन कोरबा में प्री पेड बूथ का शुभारंभ करेंगे।
शाम 5 बजे सीतामणी में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में तीन वार्ड क्रमशः 05, 06 और 07 में कुल लागत 67 लाख के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। इसके पश्चात विकास नगर कला मंच कुसमुंडा में श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा में सम्मिलित होंगे। इसके पश्चात् वैशाली नगर, कुसमुंडा में श्री सोहित राम यादव परिवार के दशगात्र कार्यक्रम में सम्मिलित होकर शोक संतृप्त परिवार से मुलाकात करेंगे।
पूवर्ती में अब गोलियों की गूंज नहीं, बज रही शहनाई
घोर नक्सल इलाकों में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से हो रही है नई जिंदगियों की शुरुआत
पूवर्ती में तैनात जवान ने नक्सल पीड़िता से रचाई शादी
दंतेवाड़ा में परिणय सूत्र में बंधे 220 जोड़े
नव दंपतियों के बैंक खातों में होगा 35 हजार राशि का अन्तरण
छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल इलाकों से अब सुखद तस्वीरें निकलना शुरु हो गई हैं। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन के एक साल में नक्सल उग्रवाद के कदम पीछे हट रहे हैं, साथ ही नक्सल पीड़ित जिंदगी की नई शुरुआत करने की तरफ अपना पहला कदम बढ़ा चुकें हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में नक्सल प्रभावित गांव अब खुशहाल हो रहे हैं।
दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय के मेंढका डोबरा मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जिलेभर के 220 वर वधु परिणय सूत्र में बंधे। इन्हीं में एक जोड़ा पूवर्ती गांव का है। पूवर्ती नक्सली हिड़मा और देवा का गांव है, सरकार बदलने के बाद अब पूवर्ती की तस्वीर बदल रही है। कैम्प खुलने के बाद पूवर्ती के लोग भयमुक्त जी रहे हैं और सरकार की योजनाएं उनका जीवन बदल रही है, जिसके कारण अब पूवर्ती में तैनात जवान ने एक नक्सल पीड़िता के साथ शादी रचाकर नई जीवन की शुरुआत की है। इन 220 जोड़ों में नियद नेल्ला नार गांव के दो जोड़ों ने भी सात जन्मों तक साथ रहने की कसम खाई है। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार आने बाद नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से ग्रामीणों का हौसला लगातार बढ़ रहा है।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार गांव, गरीब और किसानों के हित में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होकर निर्धन परिवारों को विकास की ओर अग्रसर होने का अवसर मिल रहा है। दंतेवाड़ा जिले के दूरस्थ क्षेत्र में यह सामूहिक कन्या विवाह में आज 220 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन में कदम रख रहे हैं। यह सब राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से फलीभूत हुआ है, जो सरकार की गरीब परिवारों की सेवा करने की कटिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारी भी बधाई के पात्र है जिन्होंने विभिन्न ग्रामों पारा, टोले, मोहल्लों से विवाह योग्य युवक-युवतियों का पंजीयन कर सामूहिक विवाह से लाभान्वित किया।
नियद नेल्ला नार ग्राम धुरली के दो जोड़े भी हुए सामूहिक विवाह से लाभान्वित
कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चार एवं सप्तपदी के पावन वचनों को अंगीकार करने वाले जोड़ों में से दो जोड़े नियद नेल्ला नार ग्राम धुरली के निवासी थे। इनमें सुश्री सीमा भास्कर एवं सुदरी तेलाम भी शामिल थी। सीमा 10वीं पास है और नगर पालिका परिषद बड़े बचेली में कार्यरत है। सीमा का विवाह रेमष भास्कर के साथ हुआ जो कृषक है। इसी प्रकार सुंदरी तेलाम कामगार श्रमिक है, धन्नु कुंजाम भी कामगार श्रमिक है। दोनों नव विवाहितों ने शासन की इस योजना की तारीफ करते हुए इसे गरीब और जरूरतमंद के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल हमें शादी के भारीभरकम खर्च से मुक्ति मिली है, बल्कि शादी के उपरांत कन्या के खाते में 35 हजार रूपये की राशि आने से शादी के बाद के खर्चों के लिए संबल भी मिलता है।
सुशासन की योजनाओं से श्रीमती कविता बनी आत्मनिर्भर, जीवन में आए सकारात्मक बदलाव
कौशल विकास और महतारी वंदन योजना से मिली आत्मनिर्भरता की नई राह
श्रीमती कविता बढ़ाई मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना और महतारी वंदन योजना ने श्रीमती कविता बढ़ाई के जीवन में एक नई रोशनी लाई है। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे इन योजनाओं से लाभान्वित होकर उन्होंने न केवल अपने कौशल को विकसित किया बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त भी बनीं। श्रीमती कविता ने बताया कि पहले वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए केवल छोटी-मोटी घरेलू कामकाज करती थीं। लेकिन जब उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत सिलाई कार्य का प्रशिक्षण लिया तब से उनके जीवन में बड़े बदलाव आए। अब वे सिलाई के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है। इसके अलावा उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हजार रुपये की राशि प्राप्त हो रही है। इस राशि का उपयोग वे घर के खर्चों को पूरा करने में करती हैं। इन योजनाओं ने उनके जीवन को न केवल आसान बनाया है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित किया है। श्रीमती कविता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा इन योजनाओं ने मेरे जैसे लोगों का जीवन बदल दिया है। अब मैं अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए प्रयासरत हूं। श्रीमती कविता जैसी महिलाएं जो पहले सीमित साधनों के कारण संघर्ष करती थीं अब सुशासन की इन योजनाओं के माध्यम से अपने जीवन को सफल और आत्मनिर्भर बना रही हैं।
पीएम मोदी से सपरिवार मिले सांसद बृजमोहन
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने परिवार के साथ नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस सौजन्य मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने अग्रवाल परिवार के सदस्यों से उनके हालचाल पूछे और बच्चों को स्नेहपूर्वक आशीर्वाद दिया।
भेंट के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुलाकात को एक प्रेरणादायक अनुभव बताया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सादगीपूर्ण और दूरदर्शी व्यक्तित्व से हमें नई ऊर्जा और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। यह हमारे परिवार के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है।"
इस मुलाकात में प्रधानमंत्री की सहजता और अपनापन परिवार के हर सदस्य के लिए विशेष अनुभव रहा। बच्चों को मोदी जी के साथ बिताया समय खासा प्रिय लगा, और परिवार ने इसे अपनी स्मृतियों में सहेजने वाला पल बताया।