छत्तीसगढ़
पोस्टमास्टर से मांगी रिश्वत, डाक विभाग के दो अधिकारी गिरफ्तार
सीबीआई ने डाक विभाग के दो अफसरों को रिश्वत लेते पकड़ा है। दोनों अपने ही विभाग के एक कर्मचारी से मामला रफा-दफा करने के नाम पर पैसों की डिमांड की थी। सीबीआई ने 37 हजार की रिश्वत लेते डाक विभाग के ओवरसियर राजेश पटेल और सब डिवीजनल इंस्पेक्टर विनीता मानिकपुरी को पकड़ा। सीबीआई ने ये कार्रवाई बलौदाबाजार सब डिवीजन कार्यालय में की है।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, बलौदाबाजार सब डिवीजन कार्यालय डाक विभाग के ओवरसियर (एमओ) और एसडीआईपी द्वारा 22 अक्टूबर को देवसुंदरा डाकघर का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान शाखा पोस्ट मास्टर की ओर से आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन से संबंधित कुछ गलती पाई गई थी। जिसके बाद दोनों अधिकारियों ने क़ानूनी कार्रवाई का डर बताकर पोस्टमास्टर निर्जला मनहर से 60 हजार की रिश्वत मांगी।
तीनों के बीच में रिश्वत की की पहली किस्त में 40,000 रुपये और बाद में 20,000 रुपये देने की सहमति बनी। चुकीं पोस्टमास्टर निर्जला मनहर रिश्वत देना नहीं चाहता था और इसकी शिकायत उसने सीबीआई से की। पोस्टमास्टर निर्जला ने 19 नवंबर को रिश्वत मांगने की शिकायत CBI से कर दी।
CBI को रिश्वत की शिकायत मिलते ही टीम एक्टिव हो गई। आरोपियों को रंगेहाथों पकड़ने के लिए CBI ने 23 नवंबर को निर्जला मनहर को 37 हजार रुपए कैश के साथ रिश्वत देने के लिए ऑफिस भेजा। इस दौरान आरोपियों को रिश्वत देते ही CBI ने पकड़ लिया। शिकायतकर्ता से 37,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया तथा रिश्वत की राशि बरामद कर ली गई।
दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आज न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। दोनों आरोपियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों की तलाशी ली जा रही
ई-चालान से बचने नंबर प्लेट में छेड़छाड़, दो युवक गए जेल
ई-चालान से बचने के लिए वाहन नंबर प्लेट में हेरफेर करने वाले दो युवकों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन आरोपियों की पहचान भावेश सावरकर (23) और मोहम्मद अहमद (31) के रूप में हुई है। मामला तब उजागर हुआ जब वास्तविक वाहन मालिकों के पास चालान के मेसेज पहुंचे, जबकि उनके वाहन चालान के दौरान घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।
क्या है मामला?
23 नवंबर 2024 को सिविल लाइन थाने में यातायात मुख्यालय के प्रधान आरक्षक प्रवीण देवांगन ने रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में कहा गया कि वाहन मालिक अरुण अवस्थी और दीपक देवांगन को चालान के मोबाइल संदेश मिले। संदेश में उल्लेखित फुटेज से यह स्पष्ट हुआ कि चालान में दर्ज वाहन नंबर उनके हैं, लेकिन वाहन उनका नहीं था।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
आरोपी मोहम्मद अहमद ने अपने वाहन सीजी 04 पीसी 3559 की नंबर प्लेट के आखिरी अंक 5 को 6 में बदल दिया। इसके बाद उसने 16 नवंबर 2024 को ऑक्सीजन गेट से अंबेडकर चौक के बीच उल्टी दिशा में वाहन चलाया।
आरोपी भावेश सावरकर ने अपने वाहन सीजी 04 पीटी 5288 की नंबर प्लेट के आखिरी अंक 9 को 8 में बदलकर 19 नवंबर 2024 को इसी प्रकार उल्लंघन किया।
पुलिस कार्रवाई
सिविल लाइन पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की। आरोपी भावेश सावरकर और मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपराध स्वीकार किया। उनके कब्जे से नंबर प्लेट बदलकर इस्तेमाल की गई दो मोटरसाइकिलें भी जब्त की गईं।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों में कूटरचना के गंभीर आरोपों के तहत अपराध क्रमांक 603/2024, धारा 318(4), 319(2), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपी
भावेश सावरकर: पिता घनश्याम सावरकर, उम्र 23 वर्ष, निवासी राजातालाब, थाना सिविल लाइन, रायपुर।
मोहम्मद अहमद: पिता मोहम्मद मूसा, उम्र 31 वर्ष, निवासी ताजनगर मस्जिद के पास, पंडरी, थाना सिविल लाइन, रायपुर।
पुलिस की अपील
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात डॉ0 अनुराग झा ने चालकों से अपील की है कि यातायात नियम सड़क पर सुरक्षित व सुगमता पूर्वक चलने के लिए बनाया गया है। यातायात निमयों का पालन कर वाहन चलाने से ई चालान जारी नही होगा। ई चालान से बचने के लिए नम्बर प्लेट में नम्बरों के साथ छेड़छाड़ करना कानूनन अपराध है, ऐसा कदापी न करें, इससे आपको असुविधा होगी।
विवाहिता मायके में बैठ गई, भरण पोषण मांग रही, अब निम्न आय वर्ग का पति क्या करेगा ?
रायगढ़ भरण पोषण कानून धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता, धारा 24 हिन्दु विवाह अधिनियम, घरेलु हिंसा कानून, और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के दिनोंदिन हो रहे दुरुपयोग के कारण आज पुरूष विवाह करना ही नहीं चाहता है। परिणाम लिव - इन - रिलेशन और सहदायी जीवन, बिना किसी विवाह के साथ में रहना, और पति पत्नी के सामाजिक दर्जे के स्थान पर मित्रता का दर्जा देना। भारतीय समाज संबंधों में स्थिरता चाहता है। इसके अतिरिक्त विवाह वर्तमान में एक षड़यंत्र बन गया हैं जिसमें 03 माह ससुराल में रहने के बाद नवविवाहिता अदालत में आ जाती हैं और 25 लाख रू0 लेकर तलाक देती हैं फिर दूसरा विवाह करती हैं। इस तरह से महिला 01 करोड़ रूपए का लक्ष्य हासिल कर लेती हैं। कुटुम्ब न्यायालय में इस तरह के मामले अक्सर देखने को मिल जायेंगे।
महिलाओं की मदद करने के लिए वकील सदैव तैयार हैं, जो महिलाओं के कहने पर दहेज प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न की कहानी तैयार कर पुलिस में आवेदन पेश कर देंगे और भरण पोषण का मुकदमा तैयार हो गया। वकील केस दायर कर देगा और महिला को भरण पाोषण मिलता रहेगा। तमाम मुकदमों से छुटकारा चाहिए तो कीमत अदा कर दो जो कि 25 लाख से प्रारंभ होती हैं। अन्यथा विवाह करना एक अपराध है जिसका मासिक अर्थदण्ड अदा करते रहो। वकील के पास पुरूष के लिए कोई विशेष समाधान नहीं है। बल्कि वकील के अनुसार पुरूष को अर्थदण्ड राशि, मासिक भरण पोषण अदा करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहना है। आम तौर पर यही देखने में आता हैं जैसे कि डाक्टर मरीज से कहता है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं हैं। जिला न्यायालय में नतीजा भी कुछ इसी तरह से आता है। अच्छा नतीजा तब मिलता हैं जब ठोस एवं विश्वसनीय साक्ष्य पति के पास उपलब्ध है लेकिन नतीजा के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ता हैं।
भरण पोषण कानून पर विधि कहती हैं कि एैसी महिला जो कि भरण पोषण करने में अक्षम हैं, पति से भरण पोषण राशि प्राप्त करने की हकदार हैं। अक्षम का क्या अर्थ है? महिला शरीरिक एवं मासिक रूप से तो सक्षम हैं तथा शिक्षित भी हैं। भरण पोषण के मामलों में दाखिल यचिका में अक्सर सवाल यह उठता है कि पढ़ी लिखी महिला अक्षम कैसे है? भारत सरकार अत्मनिर्भर महिला का अभियान चला रहीं हैं, महिला अंतरिक्ष में जा रही हैं, सशत्र सेना में नौकरी कर रहीं हैं, आतंकवादी और नक्सल वादी से लड़ रही हैं तो अक्षम कैसे है? कानून यह नहीं कहता हैं कि महिला मायके में जाकर बैठ जाये और कोई रोजगार पाने का प्रयास ही नहीं करें ? भरण पोषण कानून पर अदालतें कह चुकी हैं कि महिला पति के साथ नहीं रहना चाहती हैं तो अंततः एक सीमा तय होनी चाहिए कि पति कितने वर्षो तक भरण पोषण अदा करता रहेगा, एक सीमा तय होनी चाहिए। अंततः महिला को आत्म निर्भर बनना होगा। परित्यक्ता एवं तलाक शुदा महिला के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार योजनाएं चलाती हैं, सरकारी नौकरी में आरक्षण देती हैं।
न्यायालय में पुरूष पक्ष अपना बचाव कैसे करेगा ? महिला की व्यक्तिगत आय कुछ भी नहीं है और भरण पोषण 25 हजार रू0 महिने का चाहिए। आय या तो नौकरी या व्यापार या फिर खेती से होती है? महिला की मायका पक्ष के परिवार का कोई भी सदस्य आयकर विवरणी दाखिल नहीं करता है? महिला खाती पीती क्या हैं? महिला का व्यक्तिगत् खर्च क्या हैं? महिला के मायके पक्ष यादि खर्च वहन कर रहा है तो आय का स्रोत क्या है? यह विधि एवं न्याय का प्रश्न हैं जबकि महिला भरण पोषण में 25 हजार रूपए महिना की मांग कर रहीं हैं तब यह प्रश्न उठता हैं?
विधि एवं न्याय का प्रश्न यह भी है कि महिला अक्षम कैसे है? महिला ने सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरी हासिल करने का प्रयास क्या किया हैं? विद्वान अधिवक्ता यह सवाल जरूर पूछेगा कि महिला ने स्वयं के भरण पोषण अर्जित करने के अंततः प्रयास क्या किया है, मसलन कितनी कंपनियों में अपनाा बाायो डाटा दिया है। सरकारी नौकरी में कहां कहां आवेदन पत्र दाखिल किए हैं? कल्पना करें / फर्ज करें कि एक महिला भरण पोषण में 10 हजार रूपए मासिक भरण पोषण चाहती है और पति एक कंपनी के अधिकारी को बचाव में पेश कर दे कि वह आवास एवं 15 हजार रूपए मासिक वेतन देने के लिए तैयार हैं। योग्यता केवल महिला को समाचार पत्र पढ़ना आना चाहिए। न्यायालय को पता चल जायेगा कि महिला केवल कानून की प्रक्रिया के जरिए अवैध वसूली का अपराध कर रहीं हैं जो कि भारतीय दण्ड विधान की धारा 384 का अपराध है।
हमारे समाज में पुरूष पक्ष प्रताड़ित हो रहा हैं और महिला के पक्ष में कानून हैं तो बंद दिमााग से बाहर निकल कर सोचने की जरूरत है।
मैं महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ नहीं हूं।
Adv. S. K. Ghosh,
Civil Lines,
RAIGARH.
Mob: 9993786929.
खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने झाझाडीह से नवागढ़ तक सड़क निर्माण कार्य का किया शुभारंभ
6 करोड़ 87 लाख रूपए से बन रही है पक्की सड़क
नवागढ़ तक आवागमन होगा आसान
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री श्री दयालदास बघेल ने आज बेमेतरा जिला के विकासण्ड नवागढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत झाझाडीह से नवागढ़ सड़क निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। इस मौके पर ग्रामीणों ने मंत्री श्री बघेल को खुमरी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। 6 करोड़ 87 लाख 12 हजार रूपए की लागत से बन रही यह सड़क धनगांव, झाझाडीह और हेमावंद से नवागढ तक साढे़ छह किलोमीटर पक्की सड़क का निर्माण होगा। इसमें पुल-पुलिया कार्य शामिल है। इस सड़क के बन जाने से आस-पास के ग्रामीणों को नवागढ़ आने-जाने में सुविधा होगी।
इस अवसर पर वरिष्ठ सामाजिक सेवी सर्वश्री अजय साहू, तानसेन पटेल, राजेश जैन, राजेश दत्त दुबे, संतोषपुरी गोस्वामी, विमल सोनी, सियाराम सप्रे, सरपंच श्रीमती प्रतिमा सागर बंजारे सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या ग्रामीण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर में ’श्री रामसेतु मार्ग’ का किया लोकार्पण
49.98 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है अरपा रिवर व्यू में श्री राम सेतु मार्ग
अरपा मइया केवल एक नदी नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति की धारा है: मुख्यमंत्री
बिलासपुर में फिर शुरू होगा मल्हार महोत्सव, शासन की तरफ से महोत्सव के लिए 20 लाख रुपए दिए जाएंगे: मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव सायमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शनिवार की शाम बिलासपुर के रिवर व्यू पर बने श्री रामसेतु मार्ग का लोकार्पण किया। लेजर शो और आतिशबाजी के माध्यम से श्री रामसेतु मार्ग के लोकार्पण का जश्न मनाया गया और साथ में बिलासपुर विकास दीप महोत्सव मनाया गया। इस मौके पर 10 हजार दीपक अरपा नदी में छोड़े गए। इस अवसर पर शहर के दो छोरों को आपस में जोड़ने वाले अरपा के दोनों पुलों को आकर्षक लाइट से सजाया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के विकास के लिए आज का दिन बड़ा महत्वपूर्ण है जहां एक साथ कई विकास कार्यों की सौगात मिली है। इन सब कार्यों से बिलासपुर शहर की अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी, नागरिक सुविधाओं का विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा मइया केवल एक नदी नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति की धारा इसमें बहती है। अरपा मइया के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए हम संकल्पित हैं। अरपा उत्थान और तट संवर्धन प्रोजेक्ट के तहत श्रीराम सेतु मार्ग का आज लोकार्पण किया गया है। इसके अलावा अरपा नदी के संवर्धन और उत्थान के लिए और भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। नदी के दोनों किनारों पर इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक लगभग 2 किलोमीटर की फोर लेन की सड़क बनाई जा रही है। नदी के किनारे नाला बनाया गया है, शहर के गंदे पानी को इस नाले के जरिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा, इससे नदी को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दिए लक्ष्य के अनुरूप विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में इस शहर को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक बड़ी घोषणा करते हुए मल्हार महोत्सव को बिलासपुर में फिर से शुरू करने और महोत्सव के लिए 20 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किए जाने की बात कही।
श्री रामसेतु मार्ग
अरपा उत्थान और तट संवर्धन प्रोजेक्ट के एक हिस्से के तहत अरपा नदी के दांयी तरफ की सड़क का नाम रामसेतु मार्ग रखा गया है। इसकी लागत 49 करोड़ 98 लाख रूपये है जिसमें फ़ुटपाथ, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट, रिटेनिंग वॉल और सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है। इस सड़क के लोकार्पण से शहर का यातायात सुगम तरीके से संचालित हो सकेगा। इससे नेहरू चौक से शहर के व्यस्ततम गोल बाज़ार-सदर बाज़ार और शनिचरी बाज़ार की तरफ़ जाने के लिए शहरवासियों को एक व्यवस्थित वैकल्पिक मार्ग मिला है।
सकरी की सड़क अब नहीं रही संकरी, उन्नयन से हुई चौड़ी
उस्लापुर-सकरी रोड़ में अब ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति, आवागमन होगा आसान
लगभग 16 करोड़ रूपए की लागत से बनी सड़क का मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया लोकार्पण
बिलासपुर जिले के सकरी में संकरी सड़क को लेकर परेशान आम नागरिकों को अब राहत मिल गई है। उन्नयन के पश्चात चौड़ी हुई उस्लापुर-सकरी रोड़ में आवागमन आसान होने के साथ राहगीरों को ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बिलासपुर के उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक 15वें वित्त आयोग और डीएमएफ फंड से लगभग 16 करोड़ की लागत से निर्मित सड़क का लोकार्पण किया।
उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक नगर निगम द्वारा सवा चार किमी सड़क का उन्नयन और चौड़ीकरण किया गया है। सड़क चौड़ीकरण और उन्नयन होने से राहगीरों को काफी राहत मिली है। उन्नयन और चौड़ीकरण के तहत मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई गई है, डिवाइडर बनाया गया है, स्ट्रीट लाइट और दोनों तरफ नाली निर्माण भी किया गया है। यह मार्ग शहर का प्रवेश द्वार है जिसकी काफी दिनों से चौड़ीकरण की जरूरत महसूस की जा रही थी
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर शहर अब महानगर के रूप में विकसित हो रहा है। शहर के चारों तरफ कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। इसके अलावा व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी के साथ बढ़ने लगी है। चौड़ीकरण के पूर्व सड़क संकरी थी, जिसके कारण आए दिन ट्रैफिक जाम और हादसे होते रहते थे। इसके अलावा इस सड़क पर ट्रैफिक का अत्याधिक दबाव रहता था। प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहन इस मार्ग से गुजरती है। इस मार्ग के उन्नयन और चौड़ीकरण होने से राहगीरों खासकर तखतपुर, मुंगेली, कवर्धा, लोरमी, पेंड्रा और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से आने वाले यात्रियों तथा बिलासपुर नगर निगम में नए जुड़े चार वार्डों के निवासियों को काफी राहत मिलेगी, साथ ही यातायात सुगम होगा।
मिनोचा कॉलोनी से उस्लापुर क्रॉसिंग सड़क का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर शहर के मिनोचा कॉलोनी से उस्लापुर क्रॉसिंग तक सड़क निर्माण का लोकार्पण किया। इस सड़क का 5 करोड़ 91 लाख की लागत से उन्नयन किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से महावीर नगर चौक से उस्लापुर ओव्हर ब्रिज तक 800 मीटर सड़क, डिवाइडर और स्ट्रीट लाइट शामिल है। शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण, साइनेज, रोड मार्किंग के कार्य शामिल हैं। सड़क उन्नयन से राहगीरों को काफी राहत मिलेगी और ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल मिलेगी ।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद श्री तोखन साहू, विधायक तखतपुर श्री धर्मजीत सिंह, बिलासपुर श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने बालकोनगर में 77 लाख के विकास कार्यों की रखी आधारशिला
वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने बालको नगर जोन के दो वार्डों क्रमशः वार्ड क्रमांक 34 और वार्ड क्रमांक 36 में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में कुल 77 लाख के विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखी।
विधिवत पूजन अर्चना कर मंत्री श्री देवांगन ने भूमिपूजन शिलापट्टी का अनावरण किया। इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव जी का आभार जताते हुए कहा कि कोरबा शहर के समुचित विकास के लिए बहुत गंभीर है। कोरबा शहर के विकास के लिए राशि लगातार जारी की जा रही है, जितने भी कार्यों की मांग आम जनमानस और वार्ड के पार्षदों से मिल रही है उन सभी कार्यों को एक महीने के भीतर स्वीकृत कराकर तत्काल प्रारम्भ भी किए जा रहे हैं।
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि बालको नगर जोन के वार्डाे की मांग लंबे समय से अटकी हुई थी, सड़क, नाली निर्माण के लिए जनता मांग कर थक चुकी थी, लेकिन अब विष्णुदेव सरकार में किसी भी कार्य के लिए कोई फण्ड की कमी न तो हो रही हैं न ही कभी होगी।आने वाले कुछ महीने में शहर को और भी विकास कार्यों की स्वीकृति मिलने जा रही हैं. इस तरह से सिर्फ सिर्फ 10 महीने में ही कोरबा नगर निगम को 250 करोड़ की स्वीकृति दिलाई जा चुकी है।
दोनों ही वार्डों में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में जिला उपाध्य्क्ष प्रफुल्ल तिवारी, वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, पूर्व मण्डल अध्यक्ष नरेंद्र पाटनवर, नेता प्रतिपक्ष हितानन्द अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष शिवबालक तोमर, पार्षद लुकेश्वर चौहान, पूर्व एल्डरमैन सत्येंद्र दुबे, देवी दयाल सोनी,दिलेन्द्र यादव, लखन चंद्रा, वैभव शर्मा, अनिल यादव समेत निगम के भी अधिकारी गण भी उपस्थित रहे।
इन विकास कार्यों की रखी आधारशीला
वार्ड क्र. 35 पुराना शांति नगर में सी. सी. रोड एवं नाली निर्माण कार्य, लागतरू 6 लाख,वार्ड क्र. 36 नया रिस्दा भदरापारा चंद्रा समाज भवन के पास 2 अमर सिंह चंद्रा के घर के पास वाली गली में सामुदायिक भवन का निर्माण कार्यरू लागत 20 लाख,वार्ड क्र. 36 प्राथमिक शाला रिस्दा स्कूल का निर्माण/मरम्मत लागत रू 15 लाख, वार्ड क्र. 36 प्राथमिक शाला पाड़ीमार स्कूल भवन का निर्माण, लागत रू 15 लाख,वार्ड क्र. 34 बजरंग चौक बेलगिरी बस्ती में सी.सी. रोड एवं नाली 1 निर्माण कार्य, लागत 10 लाख,वार्ड क्र. 34 चेकपोस्ट में मुक्तिधाम निर्माण,लागत 5 लाख, वार्ड क्र 41 परसाभाठा बिही बाड़ी में मंच निर्माण कार्य, लागतरू 3 लाख, वार्ड क्र. 41 परसाभाठा मीना डहरिया के घर के पास सी.सी. रोड 4 व स्लैब निर्माण कार्य, लागत 3 लाख, इस प्रकार कुल 77 लाख के कार्यों का भूमि पूजन सम्पन्न हुआ।
खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ व कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी
खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि एकता, अनुशासन और समर्पण का है प्रतीक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मोवा स्थित आई स्पोर्टज़ बैडमिंटन अरीना में आयोजित सीएम ट्राफी इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और बेहतर खेल अधो-संरचनाएं विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ व कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी ।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सीएम ट्राफी इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन स्पर्धा 2024 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ में बैडमिंटन का यह टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 10 देशों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। खेल केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एकता, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है। यह युवाओं को सकारात्मक और ऊर्जावान बनाता है। भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। छत्तीसगढ़ में हम लगातार खेलों को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे राज्य में अनेक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। भारत सरकार की खेलो-इंडिया योजना को भी हम छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लागू कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी मुझे अवसर मिलता है। मैं खिलाड़ियों से बातचीत करके उनकी अपेक्षाओं को जानने समझने का प्रयास करता हूं। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें प्रोत्साहित करता हूं। कल ही मैंने धमतरी की बैडमिंटन खिलाड़ी रीतिका धु्रव से वीडियो कॉल पर बात करके राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिली उपलब्धियों के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रीतिका ने मुझे बताया कि उनके पिता जीवन-यापन के लिए मजदूरी करते हैं और मां आंगनवाड़ी सहायिका हैं। संघर्षों के बावजूद रीतिका ने बैडमिंटन में शानदार प्रदर्शन किया है। मैंने रितिका को आश्वस्त किया कि आप खूब आगे बढ़िये और अपने माता-पिता के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करिये। हम आपका पूरा सहयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इसी तरह कुछ दिन पहले भी छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बिटिया निशा से मैंने फोन पर बात की। निशा पूर्वी-अफ्रीकी देश तंजनिया का किलीमंजारों पर्वत फतह करना चाहती है। वह माउंट एवेरेस्ट भी फतह करना चाहती है। उसके पिता रिक्शा-चालक हैं। मुझे पता चला कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से वह बेटी पर्वतारोहण के लिए नहीं जा पा रही है। मैंने उसे सरकार की ओर से सभी तरह के सहयोग का भरोसा दिया और कल मैंने पौने चार लाख की राशि निशा बेटी के लिए स्वीकृत कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। बैडमिंटन के क्षेत्र में खिलाड़ी आगे बढ़ें इसके लिए भी हम सभी सुविधाएं देंगे। मुख्यमंत्री ने मेंस डबल्स विजेता श्री हरिहरन व श्री रुबन कुमार को बधाई दी। उन्होंने सीएम ट्राफी इंडिया इंटरनेशनल चौलेंज बैडमिंटन स्पर्धा 2024 के सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को भी बधाई दी। मुख्यमंत्री ने विदेश से आए खिलाड़ियों और उनकी टीम के सभी सदस्यों का छत्तीसगढ़ में स्वागत किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विक्रम सिसोदिया, महासचिव श्री संजय मिश्रा, श्री राकेश शेखर, श्री गौतम महंता सहित बैडमिंटन संघ के पदाधिकारीगण, खिलाड़ी व बड़ी संख्या में खेलप्रेमी उपस्थित थे।
नंदनवन जंगल सफारी के ‘‘प्रकृति दर्शन’’ कार्यक्रम में 7000 से अधिक विद्यार्थियों ने लिया भाग
पर्यावरण शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा नंदनवन
नंदनवन नया रायपुर द्वारा संचालित ‘‘प्रकृति दर्शन कार्यक्रम’’ के तहत प्रदेश के 50 से अधिक स्कूल और 10 से अधिक कॉलेज के लगभग 7000 विद्यार्थियों ने भाग लिया है। प्रकृति दर्शन कार्यक्रम से विद्यार्थियों को प्रकृति और वन्यजीवों से जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना, पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करना है। नंदनवन जंगल सफारी में भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को न केवल प्रकृति और जैव विविधता के अद्भुत पहलुओं को समझने का अवसर मिलता है, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के महत्व और उससे संबंधित चुनौतियों को भी समझने का मौका मिलता है।
अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी का लिया जा रहा है सहयोग: नंदनवन द्वारा अज़ीम प्रेम जी यूनिवर्सिटी फाउंडेशन फॉर द लॉजिकल सिक्योरिटी और अन्य संस्थाओं के सहयोग से फारेस्ट ऑफ़ लाइफ थीम तथा विद्यार्थियों के लिए पर्यावरण शिक्षा अंतर्गत विभिन्न मोड्यूल तैयार किए गए है।
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को अनुभवी प्राकृतिक विशेषज्ञों और वन्यजीव संरक्षणविदों से प्रत्यक्ष रूप से सीखने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह कार्यक्रम युवाओं में प्रकृति के प्रति लगाव विकसित कर उन्हें पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधान की दिशा में प्रेरित करता है। नंदनवन जंगल सफारी का यह प्रयास पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है और भावी पीढ़ियों को प्रकृति से जोड़ने का एक ठोस कदम है। इस कार्यक्रम के लिए स्कूली छात्रों के लिए 50 रूपए एवं कॉलेज के छात्रों के लिए 100 रूपए निर्धारित किया गया है।
नंदनवन के संचालक श्री धम्मशील गणवीर ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि इस कार्यक्रम से अधिक से अधिक विद्यार्थियों को जोड़ा जाए और उन्हें प्रकृति के महत्व को समझने व उसके संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाए। हमारा यह प्रयास न केवल पर्यावरणीय चेतना को प्रोत्साहित करता है, बल्कि एक हरित और स्थायी भविष्य के निर्माण में योगदान देने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
इस कार्यक्रम के साथ जुड़ने क़े लिए नंदनवन के पर्यावरण शिक्षा कोऑर्डिनेटर चन्द्रमणी साहू +91-8120855525, +91-9302325664, +91-9893108393 से संपर्क किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले अम्बिका पुर में पारा पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस, राजधानी में बढ़ेगी ठंड
छत्तीसगढ़ में दिवाली के बाद तेजी से पारा गिरता जा रहा है. छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले अंबिकापुर में पारा 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. वातावरण में नमी की मात्रा घटने तथा उत्तर से आने वाली शुष्क हवाओं के कारण अगले तीन दिनों में राजधानी में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है.
फिलहाल, रायपुर, जगदलपुर में अन्य संभागों से न्यूनतम तापमान अधिक है. राजधानी में दिवाली के बाद ठंड का अहसास हो रहा है, लेकिन मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में अभी तक अच्छी ठंड नहीं पड़ रही है. उत्तर छत्तीसगढ़ में रात में अब ठिठुराने वाली ठंड पड़ रही है. अम्बिकापुर में पारा 10 डिग्री तक गिर गया है. मौसम विभाग की माने तो छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान में अगले तीन दिनों में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आ सकती है. राजधानी रायपुर में भी आने वाले दिनों में पारा गिरने की संभावना है. पश्चिमी विक्षोभ के नहीं गुजरने से फिलहाल, सप्ताहभर बदली- बारिश की संभावना भी कम है.
सुबह कोहरा छाने की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि वातावरण में नमी होने की वजह से सुबह के समय कोहरा छाने की संभावना है. विजिबिलिटी हजार मीटर से पंद्रह सौ मीटर तक बनी रह सकती है. अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान- रायपुर में अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस, बिलासपुर में 29.8 डिग्री सेल्सियस, पेंड्रारोड में 28.4 डिग्री सेल्सियस, अम्बिकापुर में 27.5 डिग्री सेल्सियस, जगदलपुर में 30.2 डिग्री सेल्सियस, दुर्ग में 31.8 डिग्री सेल्सियस एवं राजनांदगांव में 30.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. रायपुर में न्यूनतम तापमान 17.1 डिग्री सेल्सियस, बिलासपुर में 15.9 डिग्री सेल्सियस, पेंड्रारोड में 12 डिग्री सेल्सियस, अम्बिकापुर में 10.1 डिग्री सेल्सियस, जगदलपुर में 17.6 डिग्री सेल्सियस और दुर्ग में 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
आत्मानंद स्कूल के सामने मिली लाश, इलाके में मचा हड़कंप
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा में आज सुबह एक अज्ञात अधेड़ व्यक्ति की लाश मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है. सुबह जब स्थानीय लोग मॉर्निंग वॉक करने कटघोरा मुख्य मार्ग पर स्थित आत्मानंद स्कूल के पास पहुंचे, तो वहां अचेत पड़े लगभग 60 वर्ष के व्यक्ति की सूचना उन्होंने पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने अधेड़ को जांकर देखा तो वह मृत पाया गया. फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर मृतक की पहचान करने और मामले की जांच में जुट गई है.
इंटरनैशनल मेन्स डे' के मौके पर सन नियो की लोकप्रिय अभिनेत्रियां सारा खान, काम्या पंजाबी और संगीता घोष ने बताई अल्फा मेल की परिभाषा
इंटरनेशनल मेन्स डे हर साल 19 नवंबर को कई देशों में मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का कारण पुरुषों की वेल बिंग, उनके हेल्थ और लाइफ के स्ट्रगल को जानना और उस पर बात करना है। ऐसे में चलिए जाने की इन महिलाओं की नज़र में अल्फा मेल की परिभाषा क्या है।
सन नियो के शो 'छठी मैया की बिटिया' में देवी कृतिकायेन की भूमिका निभा रही सारा खान ने कहा, "मेरे लिए एक असली अल्फा मेल वह है जो आत्मविश्वास से भरा होता है, लेकिन वह बहुत ही शांत और विनम्र होता है। उसकी ताकत दिखावे में नहीं, बल्कि दूसरों को सपोर्ट करने में है। वह सम्मानपूर्वक व्यवहार करता है, ईमानदारी की कद्र करता है और अपनी जिम्मेदारियों को समझता है। सच्ची ताकत वही है जो दयालुता और सम्मान के साथ नेतृत्व करे।"
'इश्क़ जबरिया' शो में मोहिनी का किरदार निभा रही अभिनेत्री काम्या पंजाबी ने बताया, "एक असली अल्फा मेल के पास साहस और सहानुभूति दोनों होते हैं। उसके विचार मजबूत होते हैं, लेकिन वह दूसरों के साथ करुणा और विनम्रता से पेश आता है। वह किसी पर अधिकार जताने की बजाय उन्हें सशक्त बनाता है, मुश्किलों में भी दयालु और धैर्यवान बना रहता है साथ ही सभी का सम्मान करता है। उसकी असली ताकत दूसरों को सुनने और मदद करने में है और उसमें संवेदनशीलता और अच्छाई का संतुलन होता है।"
'साझा सिंदूर' शो में सरोज की भूमिका निभा रही अभिनेत्री संगीता घोष ने कहा, "मेरे लिए असली अल्फा मेल वह है, जिसमें एक उद्देश्य और गहरी भावनात्मक बुद्धिमत्ता होती है। वह बिना अहंकार के अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ता है, ईमानदारी की कद्र करता है, और शांत नेतृत्व के जरिए लोगों को प्रेरित करता है। उसे बाहरी प्रशंसा की आवश्यकता नहीं होती; वह उदाहरण प्रस्तुत करके नेतृत्व करता है, धैर्य और सच्चे करुणा के साथ।"
'छठी मैया की बिटिया' शो में वैष्णवी (बृंदा दहल द्वारा अभिनीत किरदार) की कहानी है, जो अपनी माँ के रूप में छठी मैया को देखती है। 'इश्क़ जबरिया' गुलकी (सिद्धि शर्मा द्वारा अभिनीत किरदार) की कहानी है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती है। 'साझा सिंदूर' शो में फूली (स्तुति विंकले द्वारा अभिनीत किरदार) की कहानी है, जिसे अपने विवाह के दिन दूल्हे के निधन के बाद अविवाहित विधवा का तमगा मिलता है।
राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 4 दिसंबर को
स्कूलों की दक्षता बढ़ाना सुनिश्चत करें : सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने प्रदेश के स्कूलों में राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण के मद्देजर स्कूलों की दक्षता बढ़ाने के लिए गंभीरता के साथ तैयारी करने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि आगामी माह के 4 दिसम्बर को कक्षा 3री, 6वीं और 9वीं के विद्यार्थियों की दक्षता को राष्ट्रीय सर्वेक्षण होना है। इसके तहत केन्द्रीय स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्कूलों में विद्यार्थियों की दक्षता का परीक्षण किया जाएगा।
शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए हर स्तर पर व्यापक प्रशासनिक, प्रबंधकीय व अकादमिक तैयारी प्रारंभ करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण-2024 के आकलन कार्य के सभी जिलों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन को सुनिश्चित कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा प्राचार्य डाइट को संयुक्त रूप से नोडल अधिकारी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के 99 जिला स्तरीय अधिकारी जिले में परख क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं 146 विकासखंडों में बीईओ, बीआरसीसी तथा संकुल प्राचार्य को संयुक्त जिम्मेदारी सौंपते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
शिक्षा सचिव श्री परदेशी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देश भर में एक साथ होने जा रहे इस सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठचर्या रूपरेखा 2023 के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है। उल्लेखनीय है कि केंद्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है। इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में नवीन शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप कक्षा 3री, 6वीं और 9वीं में आधार भूत प्रारंभिक एवं मध्य चरणों के अंत में छात्रों की दक्षता का आकलन किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण छत्तीसगढ़ के मात्र छात्र-छात्रों का नहीं बल्कि, शिक्षक, स्कूल तथा संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का मूल्याँकन सिद्ध होगा, जिसके आधार पर भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य सभी राज्यों की शैक्षणिक गुणवत्ता का श्रेणी निर्धारण भी होगा ।
उन्होंने बताया कि परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कक्षा 3री के लिए भाषा, गणित एवं हमारे आसपास की दुनिया से 90 मिनट में 45 प्रश्न पूछे जाएँगे। कक्षा 6वीं के लिए उक्त विषयों से संबंधित 51 प्रश्न 90 मिनट में पूछे जाएँगे। कक्षा 9वीं में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न 120 मिनट पर हल करने होंगे। परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र दिया जायेगा। परख मूल्याँकन माइनस मार्किंग नहीं होगी। केंद्र सरकार के नियमानुसार जिस माध्यम की शाला चयनित की गई, उस माध्यम की प्रथम भाषा पर सर्वे अर्थात् प्रश्नपत्र होगा । यदि अंग्रेजी माध्यम की कई शाला सेम्पल शाला के रूप में चयनित की जाती हैं, तो वहाँ अंग्रेजी भाषा में आकलन परीक्षा निर्धारित होगी ।
राज्य में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के लिए सेंपल शालाओं के रूप में जिले की शासकीय सहित राज्य शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों को सीधे भारत शासन, स्कूल शिक्षा वि नई दिल्ली द्वारा चयनित व निर्धारण किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 33 जिलों में कुल 3420 को चुना गया है। इस मूल्याँकन सर्वेक्षण या परीक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मूल्याँकन कार्य की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय या अशासकीय किसी भी शिक्षक को परीक्षक या पर्यवेक्षक के रूप में कार्य में नियुक्त नहीं किया जायेगा, बल्कि परीक्षा का मूलभूत कार्य राज्य के शासकीय डाइट कालेज में छात्राध्यापक या प्रशिक्षु शिक्षक अर्थात् अध्यनरत डीएलएड, बीएड एवं एमएड के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संपन्न कराया जायेगा ।
विशेष परिस्थिति में शासकीय कॉलेज के विद्यार्थी, अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं के डीएलएड, बीएड, एमएड प्रशिक्षणार्थियों को लिया जा सकेगा। परीक्षा कार्य संपन्न कराने वाले ऐसे लगभग 3800 छात्राध्यापकों को जिले के 33 डाइट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे सुचारू पूर्वक परीक्षा कार्य बिना बाधा के पूरा करा सकें। इस सर्वेक्षण के पारदर्शी क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा सीबीएसई के प्रशासनिक व अकादमिक अमले को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया है जो प्रत्येक निर्धारित परीक्षा केंद्र में मानटरिंग करेंगे।
राज्य के विद्यार्थी अपनी शैक्षिक दक्षता का राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें इसके लिए परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की पूर्व तैयारी के रूप में एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्या द्वारा राज्य के सभी स्कूलों के कक्षा 3री, 6वीं तथा 9वीं के विद्यार्थियों को प्रश्न बैंक एवं रीडिंग कार्ड उपलब्ध कराया गया है। उनके लिए विशेष तौर पर सभी निजी व सरकारी स्कूलों में मॉक टेस्ट का विशेष आयोजन किया जा रहा है। इस कार्य में राज्य के लगभग 146 निजी शिक्षा महाविद्यालयों के 19 हजार छात्र अध्यापकों का भी स्वैच्छिक सहयोग लिया जा रहा है।
गिद्ध संरक्षण पर कार्यशाला
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और बर्ड काउंट इंडिया के विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
गिद्ध संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा इस कार्यक्रम में शोधकर्ता, छात्र, और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एकत्रित हुए, जहां गिद्ध संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। कार्यशाला में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और बर्ड काउंट इंडिया जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के विशेषज्ञों ने गिद्धों की वर्तमान स्थिति, उनकी संख्या में गिरावट के कारण और उनके लिए सकारात्मक वातावरण बनाने के उपायों पर चर्चा की।
शोधकर्ताओं और छात्रों ने गिद्ध संरक्षण के महत्व और उससे संबंधित चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम में न केवल गिद्ध संरक्षण के प्रयासों को प्रोत्साहन दिया, बल्कि सभी प्रतिभागियों को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी किया। शोधकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ में गिद्धों की गणना से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत किए। इंद्रावती टाइगर रिजर्व और अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रयासों को विशेष रूप से सराहा गया, जहां गिद्ध संरक्षण के लिए वल्चर रेस्टोरेंट और वल्चर सेफ जोन जैसी पहल की जा रही हैं। वन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग और ड्रग कंट्रोल विभाग के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्री प्रेम कुमार ने कहा कि गिद्ध संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग नागरिकों की भावनाओं को गिद्धों से जोड़ने का प्रयास करेगा, जिससे वे इनके संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनें। बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में व्हाईट रम्पड वल्चर को पुनः बसाने के प्रयास किए जाएंगे। इसी तरह वन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग और ड्रग कंट्रोल विभाग के साथ समन्वय स्थापित करेगा, ताकि पालतू जानवरों के उपचार के दौरान उपयोग किए जाने वाले घातक दवाईयों पर प्रतिबंध लगाया जा सके।
इसी तरह स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों को प्रकृति और गिद्ध संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। संरक्षण के प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए वन विभाग एनजीओ, शोधकर्ताओं और अन्य संबंधित संगठनों के साथ समन्वय करेगा। गिद्धों के आवास और उनकी गतिविधियों को समझने के लिए एक निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी और उनका जियोटैगिंग किया जाएगा।
इस कार्यशाला में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर. के. सिंह, सहायक प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं विकास श्री अरुण कुमार, सीसीएफ वाइल्डलाइफ एवं फील्ड डायरेक्टर, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व श्रीमती सातोविषा समझदार, संचालक, जंगल सफारी रायपुर श्री धम्मशील गणवीर, उप निदेशक, अचानकमार टाइगर रिजर्व श्री यू. आर. गणेश, उप निदेशक, इंद्रावती टाइगर रिजर्व श्री संदीप बालगा और डीएफओ, कवर्धा श्री शशि कुमार उपस्थित रहे।
पैनल चर्चा में शोधार्थी डॉ. विभू प्रकाश, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया डॉ. सुरेश कुमार, श्री क्रिस्टोफर बाउडेन, डॉ. काजवीन उमरीगर श्री शेखर कोलिपाका और श्री दिलशेर खान ने अपने अनुभव साझा किए और गिद्ध संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी, इनके निरंतर श्रम से ही हमारा राज्य प्रगतिशील : श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन
46 करोड़ 60 लाख 53 हजार 993 रूपए डीबीटी के माध्यम से 85,026 श्रमिक हितग्राहियों के खाते में हुई अंतरित
श्रमेव जयते पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 0771-3505050 से लाभ उठाने की अपील की
कोरबा में प्रदेश स्तरीय वृहद श्रमिका सम्मेलन का किया गया आयोजन
छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य उद्योग व श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन की मुख्य आतिथ्य में कोरबा शहर के प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम परिसर में प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल एवं श्रम कल्याण मंडल अंतर्गत संचालित 17 विभिन्न योजनाओं के 85,026 श्रमिक हितग्राहियों को 46 करोड़ 60 लाख 53 हजार 993 रूपए डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में सीधे अंतरित की गई।
श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी है, इनके निरंतर श्रम से ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में श्रमिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। जिनके बेहतर क्रियान्वयन से श्रमिक को लाभ मिल रहा है। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्ग के हितों के विकास के दृढ़ संकल्पित है। राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। अब सरकार एवं श्रमिकों के बीच कोई बिचौलिया नहीं रह गया है। श्रमिकों को उनके हित की राशि अब सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विभिन्न योजनांतर्गत 235 करोड़ की सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई थी। अनेक सामग्री का वितरण भी किया गया था। आज भी श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिलेगा।
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि कोरबा श्रमिक बाहुल्य जिला है। यहां बाल्को, एनटीपीसी एसईसीएल जैसे अनेक संयंत्र स्थापित है। जहां कार्य करने वाले श्रमिकों की बहुलता है। इन मेहनतकश श्रमिकों के हित में वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना संचालित है। जहां श्रमिकों को 5 रुपए में भरपेट भोजन मिलता है। इसे पूरे राज्य में संचालित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग अंतर्गत लागू नई औद्योगिक नीति में अनुदान की व्यवस्था से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। श्रम मंत्री ने सम्मेलन में पड़ोसी जिलों से आए श्रमिकों का अभिवादन करते हुए कहा कि आप सभी को विभागीय योजनाओं से लाभांवित करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है, आप सभी इसका लाभ उठाएं। साथ ही विभागीय प्रदर्शनी में जाकर शासकीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें एवं योजनाओं से जुड़कर लाभ लें। उन्होंने बताया कि श्रमिकों की समस्या-शिकायतों के समाधान एवं सहायता के लिए श्रमेव जयते पोर्टल लागू की गई है। जिसका हेल्पलाइन नंबर 0771-3505050 है। उन्होंने श्रमिकों से हेल्पलाइन नंबर साझा करते हुए कहा कि आपकी समस्या व शिकायतों का इसके माध्यम से समाधान किया जाएगा।
इस अवसर पर विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूमि में श्रमिकों का योगदान अहम है। उनके बिना विकास की परिकल्पना भी संभव नही है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों एवं उनके परिवार के हित में सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की गई है। उन्होंने श्रमिकों को इन योजनाओं की जानकारी रखने एवं उनका लाभ उठाने के किये कहा।
प्रभारी सचिव श्रीमती मंगई डी ने कहा कि देश की तरक्की में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके सहयोग के बिना विकास की धुरी थम जाएगी। श्रम वीरों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसका उन्हें लाभ दिलाने जिला प्रशासन द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रभारी सचिव ने कहा कि कोरबा से उनका पुराना रिश्ता रहा है। उनके शासकीय सेवा की शुरुआत कोरबा जिले से हुई है। वह यहां सहायक कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के रूप में अपनी सेवा दे चुकी है। आज लगभग 15 वर्ष बाद पुनः कोरबा आकर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि श्रमिक परिवार के मेधावी बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना प्रारम्भ की गई है। जहां ऐसे परिवार के मेधावी छात्रों का प्रदेश के उत्कृष्ट विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को अनेक योजनाओं का लाभ दिलाने शिविर लगाई गई है। जहां उनका श्रमिक पंजीयन, स्वास्थ्य जांच कर निःशुल्क दवाई वितरण भी किया जा रहा है। उन्होंने सभी से शिविरों का लाभ लेने का आग्रह किया।
कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि उर्जाधानी कोरबा में माइंस एवं संयंत्र दोनों संचालित है। जहां बड़ी संख्या में श्रमिक जीविकोपार्जन करते है। राज्य शासन के मंशानुसार श्रमिक परिवारों को लाभान्वित करने हेतु श्रम विभाग की सभी योजनाओं का प्रशासन द्वारा बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ समाज के कमजोर लोगों तक पहुंचाने जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। सम्मेलन को नेता प्रतिपक्ष नगर पालिक निगम श्री हितानंद अग्रवाल, पार्षद श्री नरेंद्र देवांगन ने भी संबोधित किया और योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
स्टॉल के माध्यम से योजनाओं की दी गई जानकारी -
सम्मेलन स्थल पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिको हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाया गया था। जिसमे स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाई वितरण, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के तहत लागू स्कीम, श्रम पंजीयन, प्रधानमंत्री आवास, महतारी जतन, दिव्यांग सहायता, बच्चों हेतु छात्रवृत्ति जैसे अन्य योजनाओं की जानकारी देकर श्रमिको को लाभांवित किया गया। स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से शासन की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। विभाग द्वारा शासन की योजनाओं पर आधारित जनमन, सुशासन के नवीन आयाम, उदित छत्तीसगढ़, रोजगार नियोजन जैसे अनेक पत्रिकाओं, ब्रोसर पाम्पलेट का वितरण भी किया गया।
मंत्री श्री केदार कश्यप ने 67.17 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में बस्तर क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अधोसंरचनात्मक विकास हो रही है। राज्य सरकार बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इसी कड़ी में वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने नारायणपुर जिले में 67 करोड़ 17 लाख रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया। इनमें 2 करोड़ 12 लाख रूपये का लोकार्पण एवं 65 करोड़ 5 लाख रूपये का भूमिपूजन कार्य शामिल हैं।
मंत्री श्री कश्यप ने इस मौके पर राहत शिविर भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ 50 लाख रूपये, शबरी एम्पोरियम का नवीनीकरण कार्य हेतु 24 लाख 52 हजार रूपये, कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय 100 सीटर हेतु 37 लाख 70 हजार रूपये से निर्मित भवनों का लोकार्पण किया।
उन्होंने इसी प्रकार कस्तुरमेटा से इकपाड़ सड़क निर्माण हेतु 2 करोड़ 19 लाख 94 हजार रूपये, कस्तुरमेटा कुतुल रोड से तोके सड़क निर्माण हेतु 10 करोड़ 32 लाख 38 हजार रूपये, सोनपुर मसपुर रोड से तुमेरादि सड़क निर्माण हेतु 14 करोड़ 58 लाख 98 हजार रूपये, सोनपुर से ऐहनार सड़क निर्माण हेतु 4 करोड़ 32 लाख 60 हजार रूपये, कड़ेमेटा से कोडोली सड़क निर्माण हेतु 18 करोड़ 78 लाख 64 हजार रूपये और कस्तुरमेटा से मकसोली सड़क निर्माण हेतु 18 करोड़ 67 लाख 41 हजार रूपये से निर्माण हेतु भूमिपूजन किया गया।
विश्व पर्यटन मानचित्र में बस्तर के धुड़मारास गांव ने बनाई अपनी जगह संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए चयनित हुआ ग्राम धुड़मारास
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के छोटे से गांव धुड़मारास ने देश और दुनिया में अपनी अनोखी पहचान बनाई है। बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धुड़मारास गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यटन ग्राम उन्नयन कार्यक्रम के लिए 60 देशों से चयनित 20 गांवों में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के धुड़मारास ने भी अपनी जगह बनाई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए पर्यटन विभाग की टीम के साथ ही बस्तर जिला प्रशासन तथा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धुड़मारास की सफलता का मुख्य श्रेय यहां के स्थानीय निवासियों को जाता है, जिन्होंने अपने पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों को संरक्षित रखते हुए इसे आकर्षक पर्यटक स्थल में बदल दिया है। धुड़मारास प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर के अदभुत आदिवासी जीवनशैली, पारम्परिक व्यंजन, हरियाली और जैव विविधता से समृद्ध यह गांव पर्यटकों के लिए एक आकर्षक ही नहीं बल्कि रोमांचक स्थल है।
धुड़मारास गांव दुनिया भर के उन 20 गांवों में से एक है जिसे सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव उन्नयन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया है। धुड़मारास को इसकी अनूठी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संुदरता और सतत पर्यटन विकास की क्षमता के कारण चुना गया है। उन्नयन कार्यक्रम में शामिल होने से गांव को उन संसाधनों तक पहंुंच प्राप्त होगी जो इसके पर्यटन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, सांस्कृतिक संपत्तियों को बढ़ावा देने और ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार में मदद करेंगे। विश्व स्तर पर पर्यटन गांव के रूप में इस गांव की पहचान स्थापित होने का तात्पर्य यह भी है कि लंबे समय के बाद बस्तर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उल्लेखनीय है कि धुड़मारास तथा बस्तर के ही चित्रकोट गांव को इस वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार मिला था।
प्रकृति की गोद में बसा धुड़मारास गांव घने जंगलों से घिरा हुआ है। गांव के बीच से बहती कांगेर नदी इसे मनमोहक बना देती है। बस्तर के लोग मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं। यही वजह है कि स्थानीय लोग अपने घरों को पर्यटकों के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं, ठहरने की सुविधा उपलब्ध करवाने से उन्हें रोजगार मिल रहा है। गांव के युवा पर्यटकों को आसपास के क्षेत्रों की सैर कराते हैं। स्थानीय खानपान के अंतर्गत पर्यटकों को बस्तर के पारम्परिक व्यंजन परोसे जाते हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार बस्तर में पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए ट्रैकिंग ट्रेल और कैंपिंग साइट विकसित करने सहित होम-स्टे की सुलभता हेतु पहल कर रही है। साथ ही स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों को प्रोत्साहन दे रही है, जिससे ईलाके के रहवासी ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता होने के साथ आय संवृद्धि हो सके। राज्य सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु क्षेत्र में सड़कों और परिवहन सुविधाओं का विकास पर भी ध्यान दे रही है। बस्तर के पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में देश के पर्यटकों सहित अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। वहीं स्थानीय हस्तशिल्प और कला को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं पर्यटन विभाग ने धुड़मारास को ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब जिले के नागलसर और नेतानार में भी स्थानीय युवाओं की ईको पर्यटन विकास समिति द्वारा गांव में बहने वाली शबरी एवं कांगेर नदी में कयाकिंग एवं बम्बू राफ्टिंग की सुविधा पर्यटकों को मुहैया कराई जा रही है। साथ ही स्थानीय व्यंजन से पर्यटकों को बस्तर के पारम्परिक खान-पान का स्वाद मिल रहा है।
गांव के युवाओं की ईको पर्यटन विकास समिति कांगेर नदी में कयाकिंग और बम्बू राफ्टिंग की सुविधाएं पर्यटकों को उपलब्ध करवाती है, जिससे इस समिति को अच्छी आमदनी हो रही है। यह पर्यटन समिति अब अपनी आय से गांव में पर्यटकों के लिए प्रतीक्षालय और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित कर रहे हैं।
बेस्ट टूरिज्म विलेज धुड़मारास की कहानी यह साबित करती है कि जब सामुदायिक भागीदारी और शासन का सहयोग मिलता है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक और सांस्कृतिक विकास संभव है। यह गांव अब बस्तर के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन गया है। यही वजह है कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क के नागलसर और नेतानार में भी ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है।