छत्तीसगढ़
फायनेंसर ने किया वाहन के साथ माल भी जप्त अब क्या करें ? जाने Advocate S K . GHOSH से
वाहन के नामांतरण के पूर्व वाहन का कब्जा कभी ना दें।
किसी भी फायनेंस कंपनी से लेन देन करने से पहले वकील से सलाह लेना चाहिए और फायनेंस कंपनी के सभी दस्तावेजो को अपने वकील से समझ लेना चाहिए। कभी एैसा ना हो कि फायनेंस कंपनी की मासिक किश्तों की अदायगी में कोई चूक हो जाए, और फायनेंस कंपनी वाहन को जप्त कर ले जाए तब वकील की जरूरत पड़ती हैं तो वकील सबसे पहले कंपनी और ऋणी व्यक्ति के एग्रीमेंट/ अनुबंध पत्र की मांग करता हैं। ऋणी व्यक्ति के पास फायनेंस के दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं और वह कानून एवं न्याय का सहारा नहीं ले पाता हैं। इसी में फायनेंस कंपनी की जीत हैं।
फायनेंस कंपनी 85 फीसदी तक ऋण देती हैं बाकि 15 फीसदी का भुगतान ऋणी व्यक्ति को करना पड़ता हैं। फायनेंस कंपनी ऋणी व्यक्ति से पहले ही 04 चेक रखवा लेती है जिसका वह कभी भी प्रयोग कर सकती है। मध्यस्थता एवं सुलाह अधिनियम 1996 के तहत फायनेंस कंपनी धनराशि की वसूली का मुकदमा लेकर आ जाती हैं। ऋणी व्यक्ति यह सब भुगतने के लिए मजबूर हैं। यह भी देखने में आता हैं कि फायनेंस कंपनियों के विरूद्ध जिला न्यायालय स्तर पर मध्यस्थता एवं सुलह कानून 1996 के मुकदमें के विषय में ऋणी व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं होती है।
एक मामला देखने में आया हैं कि फायनेंस कंपनी से ऋण लेने के कुछ समय बाद ऋणी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को एक एग्रीमेंट करके वाहन को बेच दिया जिसमें दूसरा व्यक्ति ने कुछ महीने तक फायनेंस कंपनी की अदायगी करी । प्रथम व्यक्ति को फायनेंस कंपनी से फोन आया तब पता चला कि मासिक किश्तों की अदायगी रूकी हुई है। प्रथम व्यक्ति ने संपर्क किया तो द्वितीय व्यक्ति ने बताया कि तीसरे व्यक्ति को वाहन बेच दिया गया हैं। तीसरे व्यक्ति ने धनराशि लेकर वाहन को किसी चौथें व्यक्ति को बेच दिया हैं। करीब 02 वर्षो तक वाहन की तलाशी की गई क्योंकि कंपनी वाहन को जप्त करना चाहती थी। प्रथम व्यक्ति को डर था कि परिवहन दस्तावेजो में वह वाहन स्वामी हैं, वाहन का अवैधानिक कार्यों में उपयोग होने पर पुलिस मुकदमा उसके विरूद्ध दर्ज करेगी और दुर्घटना होने पर मुआवजा भी उसे ही देना पड़ेगा। पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है, लेकिन अभी तक वाहन मिला ही नहीं हैं। वाहन एैसे लोगो के पास चला गया हैं जिनसे वापस प्राप्त करना सबके लिए कठिन हैं।
एक दूसरा मामला देखिए फायनेंस कंपनी से ऋण लेकर एक ट्रांसपोर्टर ने वाहन खरीदा और महिने भर बाद कोरोना लॉक डाउन लग गया। फायनेंस कंपनी की किश्तें अदा नहीं हो पाई थी। ऋणी व्यक्ति ने फायनेंस कंपनी को ब्याज सहित धनराशि का भुगतान किया। इसके बाद भी फायनेंस कंपनी के रिकवरी ऐजेंटों ने वाहन को सड़क पर माल सहित जप्त करके यार्ड में ले जाकर खड़ा कर दिया । वाहन के साथ माल भी जप्त हो गया था जिसकी कीमत करीब 40 लाख रू. थी। भारत की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश एवं सरफैसी कानून 2002 को ठेंगा दिखाते हुए माल सहित वाहन को जप्त कर लिया गया था। ट्रांसपोर्टर को वाहन पर लदे हुए माल को छुड़वाने में एक माह का समय लग गया।
ट्रांसपोर्टर को बाजार में काम करना हैं, इसलिए उसे अपनी साख बचा कर चलना हैं। फायनेंस कंपनी में हर स्तर पर शिकायत की गई, पुलिस में शिकायत की गई तो कंपनी के रिकवरी ऐजेंट माल को मुक्त करने के ऐवज में 05 लाख रूपए की मांग करने लगे। एक माह बाद जप्त वाहन से माल को दूसरे वाहन में लोड करवाने में ट्रांसपोर्टर कामयाब हुआ। यहा पर यह समझना मुश्किल है कि जब ट्रांसपोर्टर ने कोरोना काल समाप्त होने पर वाहन की किश्त ब्याज सहित अदा कर दी थी तो फायनेंस कंपनी ने वाहन को जप्त क्यों किया था? फायनेंस कंपनी की कितनी किश्तें बाकी थी? फायनेंस कंपनी ने मांग किए जाने पर भी अपनी प्रवृत्ति अनुरूप टांसपोर्टर को ऋण खाते का स्टेटमैंट नहीं दिया था।
भारत सरकार ने फायनेंस कंपनी एवं प्राईवेट बैंकों को लूट की छूट देकर रखी हुई हैं। फायनेंस कंपनियॉ सरफैसी कानून 2002 का पालन करती नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन करती नहीं हैं। भारत सरकार ने कोरोना कॉल के समय बैंक एवं वित्तीय कंपनियों की मासिक किश्तों तो की अदायगी पर समय सीमा पर छूट दे रखी थी, रिजर्व बैंक द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए थे, लेकिन फायनेंस कंपनियों ने कोरोना काल के बाद गैर कानूनी तरीकों से वाहनों को जप्त करने में तेजी दिखाई हैं। 'बैंकिंग लोकपाल' की व्यवस्था जरूर हैं लेकिन इसका प्रभाव दिखाई नहीं देता हैं। ट्रांसपोर्ट उद्योग बिना ऋण लिए चल नहीं सकता हैं। एक ट्रांसपोर्टर कई सालों की मेहनत के बाद अपनी बाजार में साख स्थापित करता हैं जिसे फायनेंस कंपनियॉ बर्बाद कर देती हैं।
भारत में फायनेंस कंपनियॉ ऋणी व्यक्ति का वाहन जप्त कर उसे बेरोजगार और बर्बाद करने के बजाए ऋण का पुनः नए सीरे से निर्धारण कर सकती हैं लेकिन एैसा जानबूझकर किया नहीं जाता हैं।
ट्रांसपोर्टरों को बर्बाद करने में वन विभाग भी खनिज के वाहनों को जप्त कर लेता हैं और मुकदमों के निराकरण पर ही वाहन को मुक्त करता हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में वाहन राजसात हो जाता हैं। सरकारी तंत्र से वाहनों को मुक्त करवाने में हाई कोर्ट तक जाना पड़ता हैं जिसमें एक लंबा समय लग जाता हैं और ऋणी व्यक्ति बर्बाद हो जाता हैं। यह हमारी व्यवस्था का दोष हैं। इस पर चिंतन-मनन आवश्यक है।
S K . GHOSH** , Advocate.
Raigarh.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेशकों को दिया न्योता, कहा छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य
नई दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में मुख्यमंत्री ने निवेशकों से किया संवाद
मीट में छत्तीसगढ़ को 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के मिले निवेश प्रस्ताव
राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की गिनाईं खूबियां
नई औद्योगिक नीति में उद्योगों के लिए विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज शामिल
रायपुर 23 दिसंबर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में आज आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की खूबियों को साझा करते हुए इसे निवेशकों के लिए बेहद अनुकूल बताया। कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख उद्योगपतियों से छत्तीसगढ़ सरकार को 15184 करोड़ के निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य है। हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को कर, भूमि, और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है। यह नीति न केवल उद्योगों की स्थापना, बल्कि रोजगार सृजन पर भी जोर देती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, ऊर्जा, खनन, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। नई औद्योगिक नीति में विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज शामिल हैं। डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस प्राप्त करना आसान हो गया है। उद्योग विभाग द्वारा सब्सिडी जारी करने के लिए अधिकतम 3 स्तर और अधिकतम 7 दिनों की समय सीमा सुनिश्चित की गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उद्योग स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराने के लिए, न्यूनतम सरकार की अवधारणा के तहत निजी औद्योगिक पार्क को 30 प्रतिशत सब्सिडी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ, उद्योगों के लिए रेडी और विकसित प्लॉट आवेदन के 60 दिनों के भीतर सुनिश्चित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया हम यह सुनिश्चित कर रहे कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन माध्यम से हो ताकि उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता ना हो।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने राज्य में उपलब्ध बेहतर बुनियादी ढांचे, कुशल मानव संसाधन और शांतिपूर्ण माहौल के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित उद्योगपतियों द्वारा छत्तीसगढ़ की पहल की सराहना करते हुए निवेश की संभावनाओं पर सकारात्मक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह इन्वेस्टर मीट छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, सचिव श्री राहुल भगत और नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर सुश्री ऋतु सेन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने नई औद्योगिक नीति की खासियतों को समझाते हुए निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापित करने के लाभ बताए।
उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार ने उद्योगपतियों से चर्चा करते हुए बताया कि खनिज संपदा और खानों के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। राज्य अपने औद्योगिक आधार को विविधतापूर्ण बनाते हुए फार्मास्यूटिकल्स, ट्रेन शेल, टेलीविज़न और प्रकाश उपकरणों जैसे विविध उत्पादों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
बस्तर क्षेत्र में निवेश पर विशेष प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोर सेक्टर की स्टील इकाइयों और अन्य उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। आयरन ओर पर 50% और कोयले पर 100% रॉयल्टी की छूट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, उद्योगों द्वारा चुकाए गए रॉयल्टी और राज्य को मिलने वाले सेस की प्रतिपूर्ति 15 वर्षों तक की जाएगी। इसके अलावा, ग्राम नियानार में 118 एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
आईआईएम के छात्र नियुक्त होंगे इन्वेस्टमेंट मैनेजर
मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगपतियों को राज्य सरकार द्वारा विशेष सहूलियतें दी जा रही है। इसके लिए आईआईएम रायपुर के साथ एमओयू (समझौता) करके वहां के पास आउट छात्रों को मुख्यमंत्री औद्योगिक इंटर्नशिप के तहत इन्वेस्टमेंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, जो घर बैठे प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे।
आधुनिक तकनीकों में निवेश को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में कई नए और आधुनिक तकनीकों का ध्यान रखा गया है जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, ग्रीन हाईड्रोजन और डेटा सेंटर। इसके अलावा, आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र भी खास होंगे। इन क्षेत्रों में उद्योगों को 30 से 50 प्रतिशत तक सहायता मिलेगी। इसके अलावा कंपनियों को अपना काम शुरू करने के लिए 5 से 12 साल तक करों में छूट दी जाएगी, जिससे वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें।
देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की जताई इच्छा
कार्यक्रम में पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के एमडी ईश्वर नंदन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 1134 करोड़ निवेश का प्रस्ताव रखा जिससे 100 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। वहीं टेलीपरफॉर्मेंस के सीओओ आशीष जौहरी ने 300 करोड़ का निवेश कर बैक ऑफिस केंद्र स्थापित करने की योजना साझा की। माइक्रोमैक्स के राजेश अग्रवाल ने सौर सेल निर्माण में 100 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया। वरुण बेवरेजेज के सीईओ कमलेश जैन ने पेप्सिको बॉटलिंग प्लांट में 250 करोड़ निवेश की इच्छा जताई। टीडब्ल्यूआई ग्रुप के पुरुषोत्तम और उत्तम सिंघल ने 1650 करोड़ के निवेश का सुझाव दिया, जिससे 1000 रोजगार अवसर सृजित होंगे। पैरामाउंट कम्युनिकेशंस के प्रवीण गुप्ता द्वारा 250 करोड़ निवेश और 1000 नौकरियों की योजना साझा की गई । रिन्यू पावर लिमिटेड के सुमंत सिन्हा ने पंप स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में 11,500 करोड़ निवेश की योजना साझा की।
महतारी वंदन योजना में फर्जी भुगतान: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त, 2 अधिकारी निलंबित , मुख्य शक्श गिरफ्तार : जाने पूरा मामला
रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना में फर्जी भुगतान के मामले पर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। गलत भुगतान के आरोप में वीरेन्द्र कुमार जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है, उसका बैंक खाता सीज कर लिया गया है और राशि की वसूली की जा रही है। इसके अलावा, कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
क्या है मामला?
इस योजना में सन्नी लियोनी के नाम पर आवेदन कर वीरेन्द्र कुमार जोशी ने अपने आधार और बैंक खाते का उपयोग करते हुए सरकारी धन का अवैध लाभ उठाने की कोशिश की। यह मामला बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के आंगनवाड़ी केंद्र तालूर से जुड़ा है, जहां स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के चलते यह फर्जीवाड़ा हुआ।
कार्रवाई का विवरण:
आरोपी वीरेन्द्र कुमार जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका बैंक खाता सीज किया गया। भुगतान की गई राशि की वसूली की जा रही है। वहीं आरोपी की पड़ोसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी को मामले में लापरवाही के लिए बर्खास्त कर दिया गया। इसके अलावा पर्यवेक्षक श्रीमती प्रभा नेताम और परियोजना अधिकारी ज्योति मथरानी को निलंबित कर दिया गया। तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
सोशल मीडिया अफवाह का खंडन
महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया कि सन्नी लियोनी के खाते में योजना की राशि जमा होने की खबर गलत है। यह वीरेन्द्र कुमार जोशी द्वारा सन्नी लियोनी के नाम का उपयोग कर किया गया फर्जीवाड़ा था।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल पात्र हितग्राहियों को ही मिलेगा। इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि योजना की पारदर्शिता बनी रहे और जरूरतमंदों तक इसका लाभ पहुंचे।
महतारी वंदन योजना के गलत भुगतान पर बड़ी कार्रवाई
महतारी वंदन योजना के गलत भुगतान पर बड़ी कार्रवाई
आरोपी वीरेन्द्र कुमार जोशी गिरफ्तार, बैंक खाता सीज, की जा रही वसूली की कार्रवाई
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी बर्खास्त
परियोजना अधिकारी सुश्री ज्योति मथरानी एवं आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक श्रीमती प्रभा नेताम निलंबित
तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को स्पष्टीकरण
रायपुर 23 दिसंबर 2024/महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना का क्रियान्वयन प्रदेश में महिलाओं के साथ लिंग विभेद, असमानता को दूर करने, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत् सुधार लाने, आर्थिक स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण को बढ़ावा देने तथा परिवार में उनकी निर्णय लेने की भूमिका को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में योजना का क्रियान्वयन पारदर्शी तरीके से हो एवं पात्र महिला हितग्राही को ही योजना का लाभ प्राप्त हो, इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सतर्कता पूर्वक कार्य संपादित किया जा रहा है एवं ऐसे प्रकरण, जिसमें योजना का गलत तरीके से लाभ लेने के लिए फेक आवेदन किए गए है, उनकी जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल कठोर कार्यवाही की जा रही है।
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचना, जिसमें महतारी वंदन योजना की राशि सन्नी लिओनी के खाते में जमा होने की न्यूज प्रसारित हुई है, सही नहीं हैै। वास्तव में सन्नी लिओनी के बैंक खाते में महतारी वंदन की राशि का भुगतान नहीं हुआ है अपितु यह वीरेन्द्र कुमार जोशी नाम के एक व्यक्ति के द्वारा स्थानीय स्तर पर मिलीभगत कर सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन कर आधार एवं अन्य जानकारी अपनी डालते हुए शासकीय राशि अवैधानिक रूप से प्राप्त करने के उद्देश्य से की गयी हरकत है।
वस्तुतः बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर में वीरेन्द्र कुमार जोशी के द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर के कार्यकर्ता के माध्यम से सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन किया गया है तथा उस आवेदन में अन्य जानकारी के रूप में अपना आधार नंबर तथा अपने बैंक खाते की जानकारी डाली गयी है। प्रत्येक आवेदन के परीक्षण एवं सत्यापन का दायित्व ग्राम स्तर पर बनायी गयी समिति, जिसमें ग्राम प्रभारी/वार्ड प्रभारी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किया जाना था। इसके उपरांत पोर्टल में अंकित दस्तावेज़ो का परीक्षण प्रथम सत्यापन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा तथा द्वितीय सत्यापन पर्यवेक्षक के द्वारा किया जाना था तथा परियोजना अधिकारी के द्वारा अनुमोदित किया जाना था। इस प्रकरण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी, जो की वीरेन्द्र कुमार जोशी की पड़ोसी है, के द्वारा बिना तथ्यों की जॉंच परख किए ऑनलाईन पोर्टल पर वीरेन्द्र कुमार जोशी के द्वारा सन्नी लिओनी के नाम से किए गए आवेदन को सत्यापित कर दिया गया। इसी प्रकार पर्यवेक्षक के द्वारा भी बिना परीक्षण किए हुए इस आवेदन का सत्यापन कर दिया गया, जिसके कारण इस फर्जी नाम वाले हितग्राही को उनके द्वारा दिए गए आधार नबंर से लिंक स्टेट बैंक के खाते में डीबीटी के रूप में राशि का भुगतान हुआ है।
इस प्र्रकरण पर गंभीर लापरवाही के लिए संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी को बर्खास्त करने की कार्यवाही की गयी है। पर्यवेक्षक श्रीमती प्रभा नेताम एवं परियोजना अधिकारी सुश्री ज्योति मथरानी को निलंबित करने की कार्यवाही की गयी है तथा तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है। साथ ही वीरेन्द्र कुमार जोशी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज़ कर उसे गिरफ्तार किया गया है तथा उनके बैंक खाते को सीज़ कर भुगतान की गयी राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
सरकार की मंशा है कि पात्रता रखने वाली महतारियों को योजना का लाभ मिल सके, अतः सभी आवेदन करने वाले पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल किया गया है। योजना को लागू किए जाने हेतु विस्तृत प्रावधान किए गए है, जिसमें योजना अंतर्गत आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने हेतु ऑनलाईन साफ्टवेयर विकसित करते हुए प्रत्येक मैदानी अमलों को पृथक-पृथक आईडी/पासवर्ड प्रदान किया गया था। इसी क्रम में संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी आईडी/पासवर्ड प्रदान किया गया। योजना अंतर्गत हितग्राहियों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त किये जाने के उपरांत आवेदन पत्रों का इन्द्राज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी के द्वारा ऑनलाईन पोर्टल में किया जा कर संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण करते हुए दस्तावेज अपलोड किया गया।
साफ्टवेयर में दर्ज आवेदनों का प्रथम स्तर पर ग्राम समिति के माध्यम से सत्यापन तथा उसके उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किए जाने का प्रावधान रखा गया है तथा उसके उपरांत द्वितीय सत्यापन किए जाने का दायित्व संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक का निर्धारित किया गया था ताकि दो स्तर पर सत्यापन हो सके। सत्यापन उपरांत वार्ड/पंचायत स्तर पर गठित समिति के द्वारा अनंतिम सूची का प्रकाशन कर आंगनवाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत आदि सार्वजानिक जगह पर यह सूची चस्पा की गयी है तथा ग्रामीणों को यह अवसर दिया गया कि वे इस सूची में परीक्षण कर गलत आवेदन करने वाले विरूद्ध दावा आपत्ति कर सके।
प्राप्त दावा आपत्ति के निराकरण हेतु बाल विकास परियोजना स्तर पर गठित समिति के द्वारा निराकरण का प्रावधान रखा गया है एवं दावा आपत्ति प्राप्त किया जाकर लगभग 12000 से अधिक गलत आवेदनो को निरस्त किया गया। दावा आपत्ति का निराकरण उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाकर प्रकाशित किया गया। उपरोक्त प्रक्रियाओं के निर्धारण के उपरांत भी ऐसे फर्जी आवेदन प्राप्त न हो इस दृष्टि से लगातार इनके सत्यापन की कार्यवाही हेतु मैदानी अमलों को दिशा निर्देश दिये गये एवं लगभग 15 हजार गलत आवेदनों को चिन्हांकन करते हुए निरस्त किया गया।
अंतिम सूची में 70,26,352 आवेदको का भी राज्य स्तर से विभिन्न उपलब्ध डाटा से वेरीफाई किया गया है एवं आधार एंथेटिकेंशन के लिए UIDAI को प्रेषित कर आधार का सत्यापन कराया गया है। अतः 50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत है। विभाग द्वारा समय-समय पर मैदानी स्तर पर सत्यापन, सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी खोजकर 15000 से अधिक गलत हितग्राहियों का चिन्हांकन कर, उन्हें लाभ सूची से बाहर कर दिया गया है। लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की सूची प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के आईडी पर परिलक्षित है।
महतारी वंदन योजना से प्रदेश की महतारियों को बेहद लाभ प्राप्त हुआ है, जैसे महतारियों के द्वारा इस राशि का उपयोग बच्चों के एवं स्वयं के स्वास्थ्य पोषण पर व्यय, बचत करने तथा सुकन्या समृद्धि के खाते खोलकर बेटियो के नाम से जमा करने के, बच्चों की शिक्षा पर, अपनी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति पर एवं अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने जैसे महिला सशक्तिकरण के अनेक उदाहरण है।
महतारी वंदन योजना को लागू करते समय सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए है। प्रक्रिया के आवेदन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम/वार्ड प्रभारी के स्तर पर प्राप्त करते हुए सारे दस्तावेज़ के साथ आवेदन ऑनलाईन पोर्टल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी के द्वारा भरा गया है। आवेदको के द्वारा स्वतः ऑनलाईन आवेदन का भी प्रावधान रखा गया था। विभाग द्वारा लगातार प्रत्येक स्तर पर हितग्राहियों के सत्यता की जानकारी ली जा रही है। समय-समय पर निर्देश जारी किए गए है। इसी के परिणाम स्वरूप मृत हितग्राहियों की जानकारी भी लिया जाकर उन्हें लाभ सूची से हटाया जा रहा है, अद्यतन स्थिति में 21 हजार से अधिक हितग्राहियों को मृत्यु हो जाने के कारण लाभ सूची से हटाया गया है। इस प्रकार विभाग द्वारा लगातार योजना को लागू किए जाने हेतु तत्परता से कार्यवाही जा रही है।
उद्योग मंत्री 21 दिसम्बर को प्री पेड बूथ का शुभारंभ और सात वार्डों में 1.42 करोड़ के विकास कार्यों का करेंगे भूमिपूजन
रेलवे स्टेशन कोरबा में प्रारंभ होगा प्री पेड बूथ
स्याहीमुड़ी और सीतामणी में भूमिपूजन कार्यक्रम
प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन शनिवार 21 दिसम्बर को कोरबा रेलवे स्टेशन परिसर में प्रीपेड बूथ का शुभारंभ और दो वार्डाे में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में 1.42 करोड़ की लागत से सात वार्ड में होने वाले 12 विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे।
जारी कार्यक्रम के मुताबिक मंत्री श्री देवांगन दोपहर 2.30 बजे स्याहीमुड़ी दर्री, गांधी चौक के पास आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में चार वार्ड क्रमशः 43, 45, 46 और 50 में 75 लाख की लागत से होने वाले कार्यों का भूमि पूजन कर शिलापट्टी का अनावरण करेंगे। तत्पश्चात साढ़े तीन बजे आंबेडकर चौक अयोध्यापुरी में आयोजित गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इसके बाद वे दोपहर साढ़े 4 बजे रेलवे स्टेशन कोरबा में प्री पेड बूथ का शुभारंभ करेंगे।
शाम 5 बजे सीतामणी में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में तीन वार्ड क्रमशः 05, 06 और 07 में कुल लागत 67 लाख के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। इसके पश्चात विकास नगर कला मंच कुसमुंडा में श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा में सम्मिलित होंगे। इसके पश्चात् वैशाली नगर, कुसमुंडा में श्री सोहित राम यादव परिवार के दशगात्र कार्यक्रम में सम्मिलित होकर शोक संतृप्त परिवार से मुलाकात करेंगे।
पूवर्ती में अब गोलियों की गूंज नहीं, बज रही शहनाई
घोर नक्सल इलाकों में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से हो रही है नई जिंदगियों की शुरुआत
पूवर्ती में तैनात जवान ने नक्सल पीड़िता से रचाई शादी
दंतेवाड़ा में परिणय सूत्र में बंधे 220 जोड़े
नव दंपतियों के बैंक खातों में होगा 35 हजार राशि का अन्तरण
छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल इलाकों से अब सुखद तस्वीरें निकलना शुरु हो गई हैं। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन के एक साल में नक्सल उग्रवाद के कदम पीछे हट रहे हैं, साथ ही नक्सल पीड़ित जिंदगी की नई शुरुआत करने की तरफ अपना पहला कदम बढ़ा चुकें हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में नक्सल प्रभावित गांव अब खुशहाल हो रहे हैं।
दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय के मेंढका डोबरा मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जिलेभर के 220 वर वधु परिणय सूत्र में बंधे। इन्हीं में एक जोड़ा पूवर्ती गांव का है। पूवर्ती नक्सली हिड़मा और देवा का गांव है, सरकार बदलने के बाद अब पूवर्ती की तस्वीर बदल रही है। कैम्प खुलने के बाद पूवर्ती के लोग भयमुक्त जी रहे हैं और सरकार की योजनाएं उनका जीवन बदल रही है, जिसके कारण अब पूवर्ती में तैनात जवान ने एक नक्सल पीड़िता के साथ शादी रचाकर नई जीवन की शुरुआत की है। इन 220 जोड़ों में नियद नेल्ला नार गांव के दो जोड़ों ने भी सात जन्मों तक साथ रहने की कसम खाई है। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार आने बाद नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से ग्रामीणों का हौसला लगातार बढ़ रहा है।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार गांव, गरीब और किसानों के हित में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होकर निर्धन परिवारों को विकास की ओर अग्रसर होने का अवसर मिल रहा है। दंतेवाड़ा जिले के दूरस्थ क्षेत्र में यह सामूहिक कन्या विवाह में आज 220 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन में कदम रख रहे हैं। यह सब राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से फलीभूत हुआ है, जो सरकार की गरीब परिवारों की सेवा करने की कटिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारी भी बधाई के पात्र है जिन्होंने विभिन्न ग्रामों पारा, टोले, मोहल्लों से विवाह योग्य युवक-युवतियों का पंजीयन कर सामूहिक विवाह से लाभान्वित किया।
नियद नेल्ला नार ग्राम धुरली के दो जोड़े भी हुए सामूहिक विवाह से लाभान्वित
कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चार एवं सप्तपदी के पावन वचनों को अंगीकार करने वाले जोड़ों में से दो जोड़े नियद नेल्ला नार ग्राम धुरली के निवासी थे। इनमें सुश्री सीमा भास्कर एवं सुदरी तेलाम भी शामिल थी। सीमा 10वीं पास है और नगर पालिका परिषद बड़े बचेली में कार्यरत है। सीमा का विवाह रेमष भास्कर के साथ हुआ जो कृषक है। इसी प्रकार सुंदरी तेलाम कामगार श्रमिक है, धन्नु कुंजाम भी कामगार श्रमिक है। दोनों नव विवाहितों ने शासन की इस योजना की तारीफ करते हुए इसे गरीब और जरूरतमंद के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल हमें शादी के भारीभरकम खर्च से मुक्ति मिली है, बल्कि शादी के उपरांत कन्या के खाते में 35 हजार रूपये की राशि आने से शादी के बाद के खर्चों के लिए संबल भी मिलता है।
सुशासन की योजनाओं से श्रीमती कविता बनी आत्मनिर्भर, जीवन में आए सकारात्मक बदलाव
कौशल विकास और महतारी वंदन योजना से मिली आत्मनिर्भरता की नई राह
श्रीमती कविता बढ़ाई मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना और महतारी वंदन योजना ने श्रीमती कविता बढ़ाई के जीवन में एक नई रोशनी लाई है। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे इन योजनाओं से लाभान्वित होकर उन्होंने न केवल अपने कौशल को विकसित किया बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त भी बनीं। श्रीमती कविता ने बताया कि पहले वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए केवल छोटी-मोटी घरेलू कामकाज करती थीं। लेकिन जब उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत सिलाई कार्य का प्रशिक्षण लिया तब से उनके जीवन में बड़े बदलाव आए। अब वे सिलाई के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है। इसके अलावा उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हजार रुपये की राशि प्राप्त हो रही है। इस राशि का उपयोग वे घर के खर्चों को पूरा करने में करती हैं। इन योजनाओं ने उनके जीवन को न केवल आसान बनाया है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित किया है। श्रीमती कविता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा इन योजनाओं ने मेरे जैसे लोगों का जीवन बदल दिया है। अब मैं अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए प्रयासरत हूं। श्रीमती कविता जैसी महिलाएं जो पहले सीमित साधनों के कारण संघर्ष करती थीं अब सुशासन की इन योजनाओं के माध्यम से अपने जीवन को सफल और आत्मनिर्भर बना रही हैं।
पीएम मोदी से सपरिवार मिले सांसद बृजमोहन
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने परिवार के साथ नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस सौजन्य मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने अग्रवाल परिवार के सदस्यों से उनके हालचाल पूछे और बच्चों को स्नेहपूर्वक आशीर्वाद दिया।
भेंट के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुलाकात को एक प्रेरणादायक अनुभव बताया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सादगीपूर्ण और दूरदर्शी व्यक्तित्व से हमें नई ऊर्जा और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। यह हमारे परिवार के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है।"
इस मुलाकात में प्रधानमंत्री की सहजता और अपनापन परिवार के हर सदस्य के लिए विशेष अनुभव रहा। बच्चों को मोदी जी के साथ बिताया समय खासा प्रिय लगा, और परिवार ने इसे अपनी स्मृतियों में सहेजने वाला पल बताया।
रायगढ़ में फिर एक बार 54 हज़ार की ऑनलाइन ठगी , इस बार निशाने में स्कूल : पढ़े पूरी खबर
रायगढ़ के राजीव नगर में संचालित होतीं है न्यू होराईजन स्कुल। इस स्कुल की ऑफिस स्टॉफ से छात्र की फीस पटाने के नाम पर 54 हज़ार की ऑनलाइन ठगी हुईं है। स्कूल स्टॉफ नें बताया कि उनके स्कूल के डायरेक्टर के पास अनजान फोन कॉल आया जिसमें उस अनजान व्यक्ति नें एक छात्र की फीस पटाने की बात कही। जिसपर स्कूल के डायरेक्टर नें अकाउंट डिपार्टमेंट की गीतिका यादव को उस नंबर पर बात करने को कहा। ऑफिस स्टॉफ गीतिका नें उस अनजान नंबर पर फोन किया। अनजान कॉलर नें चौथी क्लास के एक बच्चे का नाम लिया और कहा कि उस छात्र की फीस ऑनलाइन जमा करनी है चुंकि उस नाम का कोई भी छात्र न्यू होराइजन स्कूल की चौथी क्लास में नहीं पढ़ता था, लिहाजा ऑफिस स्टॉफ गीतिका नें कॉलर को इस बात की जानकारी दी कि ऐसा कोई भी छात्र स्कुल में नहीं पढ़ता है।
गीतिका के बताए मुताबिक उसने न ही कॉलर से कोई OTP शेयर कि और न ही कोई ऐप डाऊनलोड किया। गीतिका अपने गूगल पे नंबर से ही अनजान कॉलर से फोन पर बात कर रही थी और इसी बीच किसी अन्य नंबर में उसके खाते का पैसा अपने आप ही ऑनलइन ट्रांसफर हो गया है। इस घटना के बाद अब यह भी संभावना बन चुकी है कि अब आपके गूगल पे फोन पे या पेटीएम नंबर पे बात करते हुए भी क्या सायबर ठग आपके खाते से पैसे उड़ा सकते है, यदि ऐसा हो सकता है तो फिर सबको सावधान होने की जरूरत है। सायबर एक्सपर्टस की मानें तो ऐसा सम्भव ही नहीं है लेकिन इस मामले में तो ऐसा ही हुआ है।
शासन प्रशासन को बदनाम करने वाले अधिकारियों ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई
सुकमा प्रभारी मंत्री ने लिया बंडा से कन्हैयगुड़ा सड़क निर्माण का संज्ञान, विभागीय अधिकारियों ने लिया जायजा
सुकमा । भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार अपने सुशासन का एक वर्ष पूर्ण कर चुकी है। वहीं बस्तर संभाग के दूर दराज गांवों को भी विकास के मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयत्न विष्णुदेव साय सरकार द्वारा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए सड़कों के निर्माण में भारी तेजी आई है। वहीं सुकमा के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप के समक्ष बंडा और कन्हैयागुड़ा तक सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार और निर्माण कार्य में लापरवाही की शिकायत पहुंची। जिस पर उन्होंने त्वरित संज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई और सड़क का अवलोकन निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
प्रभारी मंत्री के निर्देश अधिकारियों ने किया सड़क का निरीक्षण, संबधित ठेकेदार पर हो सकती है कार्रवाई :
गौरतलब है कि कोंटा विकासखंड के बंडा से कन्हैयगुड़ा की दो किमी लंबी सड़क का निर्माण करवाया गया था। सड़क निर्माण कार्य को हरी झंडी 2021-22 में दी गई थी, लेकिन 2024 में कार्य शुरू हुआ और मार्च में खत्म हुआ। आठ माह बीतने से पहले ही अब सड़क की हालत जर्जर हो चुकी है। सड़क की लागत 1.37 करोड़ थी लेकिन ठेकेदार ने 1.60 करोड़ में सड़क निर्माण का कार्य लिया। मिली जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण में ठेकेदार को अब तक 1 करोड़ की राशि भुगतान किया जा चुका है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं, सरकार को बदनाम करने वाला कृत्य क्षम्य नही :
वनमंत्री केदार ने कहा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि ग्रामीण सड़कों निगरानी ठीक से करें। धरातल पर योजनाओं का क्या हाल है, ग्रामीणों को इसका कितना लाभ मिला है प्रशासनिक अधिकारी भौतिक रूप से इसकी जानकारी ले कर प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सरकार जनकल्याण की भावना से कार्य कर रही है। जो भी अधिकारी या ठेकेदार शासन को बदनाम करने की नियत से कार्य करेगा। उन पर शख्त कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर रविकुमारी बनी लखपति दीदी
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर महिलाएं सफलता की इबारत लिख रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर आज ग्रामीण महिलाओं ने स्वावलंबन की मिशाल पेश कर रही है। इसी के तहत मां सहोद्रा स्व सहायता समूह की उड़गन की रविकुमारी ने कुछ अलग करने की सोची एवं समूह के माध्यम से सिलाई, सब्जी बाड़ी, ई-रिक्शा, सब्जी बिजनेस और थाल पोस बनाने का कार्य करना प्रारम्भ किया। इन गतिविधियों से रविकुमारी आज लखपति दीदी बन गई हैं। वे आज आत्मनिर्भर है। इनकी स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब वे अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा-लिखा रही हैं।
बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक के ग्राम उड़गन की लखपति दीदी रविकुमारी टंडन ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से अब वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है बल्कि योजना से मिली राशि का उपयोग करते हुए वे स्वयं का व्यवसाय अपने घर से ही कर रही हैं। वे कहती है कि स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और इस माध्यम से वे बहुत कुछ सीख रहीं है। जानकारी मिलने के बाद स्व-रोजगार स्थापित करने के संबंध में भी मार्गदर्शन मिला। योजना के तहत ऋण राशि स्वीकृत की गई, जिससे उसे अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद मिली। अब उसका परिवार आर्थिक रूप से सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है।
रविकुमारी अपने बीते हुए दिनों के दिक्कतों को बताते हुए कहती है कि वे पहले केवल कृषि और मजदूरी का कार्य करती थी। एक वर्ष किसानी करने से केवल उनको सालाना 55 हजार ही कमाई हो पाता था जिससे उनके बच्चों के पढ़ाई और घर में परिवार चलाने में तंगी बनी रहती थी। लेकिन समूह से जुड़ने के बाद 3 लाख रूपए बैंक से लोन लेकर स्वयं का व्यवसाय अपने घर में ही स्थापित कर लिया है। रविकुमारी अब कृषि कार्याे के साथ ही घर पर ही सब्जी बाड़ी, सिलाई, सब्जी बिजनेस, थाल पोस बना कर घर पर ही आमदनी अर्जित कर रही है। उन्होंने अब ई-रिक्शा भी लिया है इन सभी कार्याे से वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में अपनी सहभागिता निभा रहीं है। उनका कृषि कार्य में 55 हजार रूपए, सिलाई कार्याे में 36 हजार रूपए, सब्जी बाड़ी से 24 हजार रूपए, थाल पोस बनाने में 15 हजार रूपए, सब्जी बिजनेस में 1 लाख 80 हजार रूपए एवं ई-रिक्शा से 1 लाख 20 हजार रूपए की आमदनी हो रही। उसे साल में 4 लाख 43 हजार रूपए आमदनी हो रही है। शासन की योजनाओं की फायदा उठाकर अब उनका परिवार खुशहाल है।
रविकुमारी कहती है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की पहल उन जैसी सभी महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। वे अपने परिवार को स्वयं के रोजगार से आर्थिक तंगी से उबर रही है और अपने आस-पास के लिए मिशाल साबित हो रही हैं। रवि कुमारी ने योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का तहे दिल से आभार और धन्यवाद प्रकट किया।
पद्मविभूषण श्रीमती तीजन बाई के इलाज में नहीं होनी चाहिए कोई कमी : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिए हैं निर्देश
पद्मविभूषण श्रीमती तीजन बाई से मिलने पहुंचे मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
चिकित्सकों की टीम के साथ श्रीमती तीजन बाई के स्वास्थ्य की ली जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने श्रीमती तीजन बाई को 5 लाख रुपये की दी आर्थिक सहायता
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल विधायकों के साथ श्रीमती तीजन बाई से मिलने पहुंचे गनियारी
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, पंडवानी की लोक गायिका पद्मविभूषण श्रीमती तीजन बाई की हालत जानने आज उनके निवास गांव गनियारी (विकासखंड पाटन, जिला दुर्ग) पहुंचे। उन्होंने पद्मविभूषण श्रीमती तीजन बाई और उनके परिजनों से मुलाकात कर हाल-चाल पूछा और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मंत्री श्री जायसवाल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के तरफ से 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि का चेक पद्मविभूषण श्रीमती तीजन बाई को प्रदान किया। श्री जायसवाल ने परिवार में नौकरी की माँग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने का भी आश्वासन दिया। साथ ही शासन स्तर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बाते कही।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिया है कि छत्तीसगढ़ की पहचान पद्म विभूषण श्रीमती तीजन बाई के इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। तीजन बाई के इलाज के लिए चिकित्सकों की एक टीम भी तैनात की गई है जो लगातार उनका मेडिकल बुलेटिन भी जारी करते रहते हैं। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने श्रीमती तीजन बाई को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, श्री ललित चंद्राकर और श्री गजेंद्र यादव,संचालक स्वास्थ्य सेवाये, कलेक्टर, सीएमएचओ और स्वास्थ्य कर्मचारी भी मौजूद थे।
सरकार की विफलताओं को लेकर कांग्रेस असंगठित क्षेत्र व समस्या निवारण प्रकोष्ठ ने निकाली पदयात्रा
कांग्रेस असंगठित क्षेत्र एवं समस्या निवारण प्रकोष्ठ ने रायपुर दक्षिण विधानसभा में प्रदेश सरकार की विफलताओं को लेकर पदयात्रा निकाली। राज्य की विष्णु देव साय सरकार एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर उपलब्धियां बता रही हैं और कांग्रेस भाजपा सरकार की विफलताओं को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक के नेतृत्व में संतोषी नगर से इंदिरा गांधी चौक तक रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की।
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक ने कहा प्रदेश में लूट, हत्या व बलात्कार जैसी घटनाएं आम बात हो गई है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पुलिस और पुलिस परिवार पर हमला हो रहा है। किसान धान बेचने दर-दर भटक रहे हैं। बलौदा बाजार व कवर्धा की घटना से प्रदेश की बदनामी हुई है। स्वास्थ्य व्यवस्था व अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और बेरोज़गारी चरम पर है। विष्णु देव साय की सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई हैं। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के हाथों की कठपुतली बनकर रह गए हैं। ऐसी निकम्मी सरकार के खिलाफ हर स्तर पर कांग्रेस लड़ाई लड़ेगी और प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।
इस दौरान पदयात्रा में पीसीसी महामंत्री कन्हैया अग्रवाल,वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सलाम रिज़वी,संयुक्त महामंत्री शारिक रईस खान,पार्षद समीर अख्तर,मनोज पाल,प्रेरणा साहू,रेशम लाल अजगले,राजेश त्रिवेदी,मुकुंद कागदेलवार,शरद गुप्ता,देवेंद्र पवार, सुन्दरेश श्रीवास्तव ,विजय देवांगन,मनोज यादव,मुनेश गौतम,सल्लू भाई,राजेश विश्वकर्मा ,संजय ठाकुर,दिनेश निर्मलकर,राजेश कटारे,शैलेंद्र शर्मा ,विजय बाफना,महेश भाई,नदीम खान, राकेश ध्रुव , जितेन सोनवानी ,दिवाकर कलीम ,बिरसिंग धीवर ,चंदन विश्वकर्मा, दिलीप विश्वकर्मा, हरक साहू ,राजेन्द्र नेताम करण धीवर लाल,चुम्मन ,लखन लाल साहू ,धनजीत तारक,मोहम्मद आलम, रामू ध्रुव, लोकू, रवि साहू ,लेखराम साहू, मिथलेश देवगन ,शब्बीर खान,नईम खान,शकील खान,सहित कार्यकर्ता मौजूद थे।
किसानों के लिए रेशम पालन भी आय का उत्तम साधन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों को रेशम पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है विगत दिवस विभाग जशपुर द्वारा सिल्क समग्र योजनान्तर्गत रेशम केंद्र महुआटोली में जिला स्तरीय कृषक विमर्श कार्यक्रम का आयोजन सहायक संचालक रेशम श्याम कुमार के मुख्य आतिथ्य में रखा गया। जिसके अंतर्गत फील्ड विजिट तकनीकी परामर्श, कृषक संवाद, योजना की बिन्दुवार प्रगति आगामी फसल तैयारियों की समीक्षा की गई।
सर्वप्रथम कार्यक्रम का संचालन करने हेतु फील्ड ऑफिसर रेशम ऋषि कुमार सिंह ने बताया की कृषकों को 1 कि.ग्रा. कोकून उत्पादन के लिए 15 से 20 कि०ग्रा० मलबरी पत्तियों की आवश्यकता होगी। जिसके लिए उन्हे व्ही 36 जैसी उच्च उपज, प्रोटीन मात्रा युक्त पौध प्रजातियाँ प्रदान की जा रही है। किसानों को बेहतर पौध प्रबंधन एवं संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ताकि अधिक लाभांश प्राप्त किया जा सके। साथ ही कृषकों विपरीत परिस्थितियों के लिए किसानों को अपने पौध प्रक्षेत्र के अतिरिक्त नर्सरी तैयार करने को कहा गया। जिसके लिए उन्हे केन्द्र में नर्सरी प्लॉट का भ्रमण कराया गया एवं मूलभूत जानकारी प्रदान की गयी। साथ ही साथ तैयार कृमिपालन भवन तापक्रम प्रबंधन के लिए थ््रमोमीटर स्थापित करने कहा गया एवं उसके उपयोग चार्ट सारणी प्रदान की गयी।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में महाराष्ट्र (वर्धा) भ्रमण से लौटे किसानों द्वारा वर्धा के किसानों द्वारा अपनायी जा रही तकनीकियों को अन्य किसानों से साझा किया गया एवं प्रश्नोत्तरी श्रृंखला द्वारा किसानों ने अपने सवालों के जवाब प्राप्त कियें। तत्पश्चात सहायक संचालक रेशम द्वारा हितग्राही कार्य प्रगति की समीक्षा की गयी एवं बेहतर कार्य कर रहे किसानों को प्रोत्साहित किया गया तथा आगामी फसल तैयारियों हेतु केन्द्राधिकारियों एवं कृषकों को निर्देशित किया गया। किसानों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए बेहतर कार्य एवं उत्पादन करने वाले किसानों को उच्च अधिकारियों द्वारा सम्मानित कराये जाने की बात कही गयी।
उल्लेनीय है कि छत्तीसगढ़ में शहतूत पौधरोपण कर शहतूत रेशम उत्पादन करने की अपार संभावनाएं है। देश में इस समय रेशम की बहुत कमी है, ऐसे में उत्पादित रेशम ककून का विक्रय तत्काल होने की संभावना भी है। केन्द्र सरकार द्वारा सिल्क समग्र-2 योजना वर्ष 2021-22 से 2025-26 में क्रियान्वित किया जा रहा है। सिल्क समग्र-2 योजनांतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों की भूमि पर शहतूत पौधरोपण करने के लिए 5 लाख प्रति एकड़ दिए जाने का प्रावधान है।
भारत सरकार की केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना सिल्क-2 में प्रावधानानुसार 80 प्रतिशत राशि केन्द्रांश के रूप में तथा 10 प्रतिशत हितग्राही अंश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा योजनांतर्गत धान के अतिरिक्त अन्य फसलों के लिए कृषकों को प्रति एकड़ 10000 हजार प्रतिवर्ष देने की व्यवस्था है तथा केन्द्र सरकार द्वारा पीएम किसान योजना के तहत् पात्र कृषकों को प्रति वर्ष 6000 दिया जाता है।
माध्यमिक शाला टिकैतगंज से हुआ बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ
110 बच्चों का नेत्र परीक्षण कर 03 बच्चों को वितरण की गई निःशुल्क चश्मा व दवाई
जशपुरनगर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सुशासन में राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह का आयोजन 16 से 21 दिसंबर 2024 तक किया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन जिले के सभी विकासखण्डों में कार्यरत नेत्र सहायक अधिकारियों के द्वारा 16 से 21 दिसंबर 2024 तक शाला में पंजीकृत 06 से 18 वर्ष तक के छात्रों का नेत्र परीक्षण करेंगे तथा दृष्टिदोष पाए गए छात्रों को बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में निःशुल्क चश्मा वितरण किया जाएगा।
इसी तारतम्य में विगत दिवस बाल नेत्र सुरक्षा अभियान का शुभारंभ पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक शाला टिकैतगंज जशपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जी. एस. जात्रा के अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर में 110 बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया। जिसमें 03 बच्चों का रेफक्टिव एरर पाये गया, जिन्हें निःशुल्क चश्मा, दवाई वितरण किया गया।
कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर आर. एस. पैंकरा द्वारा बताया गया कि इस अभियान में शालावार नेत्र सहायक अधिकारियों द्वारा जन जागरूकता फैलाते हुए बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह में नेत्र परीक्षण के अलावा नेत्र सुरक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा पर चर्चा, वाद विवाद प्रतियोगिता एवं विविध गतिविधियों का आयोजन कर नेत्र सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने हेतु का अहवान किया गया। इस शुभारंभ कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक गनपत कुमार नायक, सहायक सलाहकार सत्येन्द्र यादव संकुल समन्वयक ज्योति सिन्हा, प्रभारी प्रधान पाठक अभय एक्का, जिला सचिवीय सहायक खुले प्रसाद यादव, नेत्र सहायक अधिकारी अशीष एक्का, अनुभा एक्का एवं शिक्षकगण उपस्थित थे
बाबा गुरू घासीदास के मनखे-मनखे एक समान का संदेश आज भी प्रासंगिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
सामुदायिक भवन का किया लोकार्पण और समाज को रियायती दर पर जमीन देने की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि बाबा गुरुघासीदास जी एक महान संत थे। उन्होंने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया। आज उनका यह संदेश मानव को एक दूसरे से जोड़ने का काम कर रहा है। श्री साय आज सतनामी कल्याण समिति कोरबा के द्वारा तीन दिवसीय गुरु घासीदास जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर लगभग 90 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया और सतनामी समाज को रियायती दर पर जमीन आबंटन करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को गुरु पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी सरकार बाबा गुरु घासीदास के आशीर्वाद से हम सभी के सहयोग से छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाएंगे। उन्होंने समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने, एकजुट रहने और छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए विकास की राह में आगे बढ़ने की बात कही। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, समाज के अध्यक्ष श्री यू आर महिलांगे सहित अन्य समाज के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज बाबा गुरुघासी दास की जयंती में जगह-जगह कार्यक्रम में शामिल होने का पुण्य अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सबको साथ लेकर आगे चलते हैं। उनका नारा “सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास“ है जिसे छत्तीसगढ़ की सरकार ने भी अपनाया है और इसी दिशा में सभी समाज को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी से लेकर अन्य स्थानों को विकसित करने का कार्य पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में किया गया। उन्होंने कहा कि एक साल के कार्यकाल में जो भी वादा था उसे पूरा किया गया है। पीएम आवास का निर्माण, 3100 में धान खरीदी, 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान, 5500 प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता की पारिश्रमिक, 70 लाख महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपये और पीएससी में गड़बड़ी की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दिल्ली में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए ट्राइबल हॉस्टल जानकारी देते हुए कहा कि समाज को शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ना होगा। हमारी नई शिक्षा नीति, उद्योग नीति गरीबों, युवाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, अग्निवीरो, दिव्यांगजनो के लिए फायदेमंद है। समाज उद्यम के क्षेत्र में भी आगे बढ़े और शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम मंत्री श्री दयालदास बघेल ने सामाजिक बन्धुओं से बाबा गुरु घासीदास जी ने संदेशों को अपनाने का आव्हान किया। उन्होंने समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर उद्योग-धंधे की ओर आगे बढ़ने की अपील की। उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने सभी लोगों को गुरू पर्व की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य का विकास किया जा रहा है। यहाँ डोम निर्माण के लिए भी राशि जारी की गई है। आने वाले दिनों में भव्य डोम नजर आएगा।
चांदी का मुकुट पहनाकर किया अभिनन्दन
समारोह में मुख्यमंत्री श्री साय और अन्य अतिथियों ने आरती और जैतखाम की पूजा कर ध्वजारोहण में शामिल हुए। सतनामी समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का गर्मजोशी से गजमाला पहनाकर स्वागत और चाँदी का मुकुट पहनाकर अभिनन्दन किया। बाबा गुरु घासीदास के तैलचित्र सहित गुलाब के फूल भेंट किए गए। मुख्यमंत्री श्री साय ने सालिक निर्मल दिवाकर के पुस्तक ‘‘माँ की चाहत‘‘ का विमोचन भी किया।
चैक बाउंस कानून का स्थान लेता संपत्ति अंतरण कानून संपत्ति के विरूद्ध अपराध का नया शगल,
चैक बाउंस कानून का स्थान लेता संपत्ति अंतरण कानून
संपत्ति के विरूद्ध अपराध का नया शगल,
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साहूकारी का कारोबार का रूप अब बदलता चला जा रहा हैं। साहूकार धन राशि के बदले चेक लेना लगभग बंद कर चुके हैं और धन राशि के बदले में कृषिभूमि की ब्याना पत्र करवा रहे हैं। बेहद कम दरों पर संपत्ति हासिल करने वाले साहूकारों के लिए संपत्ति अंतरण कानून वरदान साबित हो रहा हैं। संपत्ति को हथियाने का एक अपराध तो धटित हो ही रहा है परंतु पीड़ित के पास कोई कानूनी उपचार उपलब्ध नहीं है।
एक साहूकार जो पहले कभी चेक बांउस कानून का सहारा लेकर अवैधानिक वसूलियां करने में सफल हो जाता था, अब उन चतुर साहूकारों ने कारोबार का तरीका बदल दिया है। रकम उधार देते समय लिखा पढ़ी के नाम पर ब्याना चिठ्ठी लिखवाई जाती हैं, रकम खाता में अंतरित कर दी जाती हैं। कालांतर में बकाया रकम अदा कर विक्रय पत्र का निष्पादन हो जाता है।
संपत्ति के विरूद्ध अपराध को इस तरह से अंजाम दिया जाता हैं। साहूकार 02 लाख रू0 उधार देने के एवज में कृषि भूमि की ब्याना चिठ्ठी लिखवाता हैं, जिसमें सौदा 06 लाख का बताया जाता है और ऋणी के खाता में 05 लाख रू0 अंतरित करता हैं। ऋणी अपने खाते से 05 लाख रू0 निकालता हैं जिसमें से 03 लाख साहूकार रख लेता हैं। ऋणी 06 माह के भीतर रकम लौटा नहीं पाता है तो साहूकार संपत्ति अंतरण कानून के जरिए 01 लाख रू0 खाता में अंतरित कर कृषि भूमि हथिया लेता हैं। इस तरह से बेहद कम रकम देकर साहूकार संपत्ति का मालिक बन जाता है।
साहूकार को पता है कि कानून के जरिए उसका कुछ नहीं बिगाड़ा जा सकता है। ऋणी के पास इतना पैसा नहीं हैं कि वह विक्रय पत्र शून्य घोषित करवाने के लिए न्यायालय में वाद दायर कर सके। ऋणी वाद दायर कर भी देता हैं तो सबूत खुद ऋणी के विरूद्ध मौजूद है। ब्याना पत्र बता रही है कि सौदा हुआ था, बैंक खाता प्रतिफल राशि का अंतरण बता रहा हैं। सिविल या अपराधिक कानून के जरिए साहूकार का कुछ भी नहीं बिगाड़ा जा सकता है। उनका तो धंधा अच्छे से फल-फूल रहा है।
जरूरत है इस विषय पर गहन सोच विचार करने की।
एस. के. घोष,
अधिवक्ता,
सिविल लाईन्स, रायगढ़
9993786929.